यूपीए सरकार की ही तरह मोदी सरकार भी नहीं लड़ेगी शहीदों का केस

नई दिल्ली।।
करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना की हिरासत में बेरहमी से मारे गए शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के मामले को मोदी सरकार भी इंटरनैशनल कोर्ट में नहीं ले जाएगी । इससे पहले यूपीए सरकार ने भी कहा था कि इस मामले को इंटरनैशनल कोर्ट में ले जाना संभव नहीं है। वह भी तब, जब एक विडियो में पाकिस्तानी सैनिक खुलेआम अपनी करतूत को स्वीकार करते दिख रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में रहने वाले शहीद कालिया के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले को इंटरनैशनल कोर्ट में ले जाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस बारे में मोदी सरकार से हलफनामा मांगा है, जिसे 25 अगस्त तक दाखिल करना होगा।
शहीद कैप्टन सौरभ कालिया
4 जाट रेजिमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया और 5 अन्य जवानों- अर्जुन राम, भंवर लाल बागड़िया, भिक्खा राम, मूला राम और नरेश सिंह 15 मई, 1999 को करगिल के काकसर सब-सेक्टर में लापता हो गए थे। अगले महीने 9 जून को पाकिस्तान ने उनके बुरी तरह से क्षत-विक्षत शव भारत को लौटाए थे। सौरभ कालिया के शव की स्थिति को देखने के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर फैल गई थी और इसे युद्धबंदियों को लेकर जिनीवा संधि का उल्लंघन बताया गया था।
एक साल पहले एक पाकिस्तानी सैनिक का विडियो भी यू-ट्यूब पर आया था, जिसमें वह कह रहा था कि करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के एक अधिकारी को यातना देने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। उसने बाकायदा सौरभ कालिया का नाम भी लिया था।
शहीद सौरभ कालिया के पिता डॉक्टर एन.के. कालिया पिछले 16 सालों से अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए सरकारों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगा चुके हैं। डॉ एन.के. कालिया का कहना है, ‘मुझे उम्मीद थी कि बीजेपी सरकार ज्यादा राष्ट्रभक्त होगी। लेकिन, दुखद है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार का रुख नहीं बदला है।’

ये 10 बातें जानकर कंगना रणौत के प्रति बढ़ जाएगा प्यार और सम्मान

हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली कंगना रणौत की फिल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ धूम मचा रही है। कमाल की ऐक्टिंग से इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाने वाली कंगना से बारे में आप ये 10 बातें जानेंगे, तो आपके मन में उनके प्रति प्यार और सम्मान और बढ़ जाएगा:
1. बिना फिल्मी बैकग्राउंड वाली हिमाचल की मिडल क्लास लड़की ने खुद अपनी पहचान बनाई है। कंगना का कोई गॉडफादर नहीं था। अमूमन छोटे शहरों यां गांवों के माता-पिता पसंद नहीं करते कि उनकी बेटी इंस इंडस्ट्री में जाए, मगर कंगना के पैरंट्स ने उनकी राह में कभी मुश्किल नहीं खड़ी की।
2. आज के ज्यादातर कामयाब हीरो-हिरोइन के माता-पिता इसी इंडस्ट्री के स्टार्स रह चुके हैं और उनकी मदद से ही वे यहां टिके हुए हैं। मगर कंगना ने घर से कोई मदद नहीं ली।  जिस दौर में कंगना संघर्ष कर रही थीं, उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह किराया दे सकें। मगर उन्होंने कभी घर से पैसा नहीं मंगवाया।
3. हिमाचल की इस बेटी पर सभी को गर्व होना चाहिए, क्योंकि उसने एक फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने से इनकार कर दिया। कंगना ने कहा कि रंग से कुछ नहीं होता और ऊफर से ये ऐड लोगों को उल्लू बना रहे हैं। कंगना की बहन रंगोली सांवली हैं और ऐसिड विक्टिम है। कंगना का मानना है कि अगर वह ऐसे ऐड करेंगी तो वह ठीक नहीं होगा। उनका कहना है कि खूबसूरती त्वचा के रंग में नहीं होती।
4. वह ऐसी बड़ी ऐक्ट्रेस हैं, जिन्होंने खानों (Khans) के साथ काम किए बगैर पहचान बनाई। अपनी ऐक्टिंग का कंगना ने ऐसा लोहा मनवाया कि हर कोई उनका मुरीद हो गया। फैशन और क्वीन के लिए नैशनल अवॉर्ड मिला। खास बात यह है कि वह हर तरह के रोल में एकदम फिट बैठ जाती हैं।
5. अपनी कमजोरी को  अपनी खूबी बना दिया  कंगना ने। एक दौर था, जब उनके ऐक्सेंट को लेकर उनका मजाक उड़ाया जाता था। उनकी खराब इंग्लिश और हिंदी में आने वाले पहाड़ी टच की आलोचना को कंगना ने चुनौती की तरह लिया। मगर कंगना की इंग्लिश पर आज कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता और उनकी हिंदी का अंदाज ही उनकी पहचान बन चुका है।

6. कंगना की बहन रंगोली पर एक शख्स ने ऐसिड से हमला कर  दिया था। कंगना खुद इडस्ट्री में संघर्ष कर रही थीं, मगर उन्होंने अपनी बहन की मदद की। कंगना ने एक इंटरव्यू में बताया कि उसका आत्मविश्वास लौटाने के लिए वह अपनी बहन को रिबन काटने के लिए कई इवेंट्स में साथ ले गईं।

7. कंगना बहुत ही ईमानदार हैं और साफ-साफ सब कह देती हैं। कंगना सहज रहती हैं। वह जरा भी बनावटी बनने या दिखने की कोशिस नहीं करतीं। उनका स्टाइल स्टेटमेंट बेहद अलग है। जिस इंडस्ट्री में सब कुछ दिखावे पर टिका हो, वहां पर जमीन से जुड़े रहना वाकई हिम्मत का काम है।
8. कंगना को लंबा संघर्ष करना पड़ा। उन्हें इंडस्ट्री में बाहर की लड़की के तौर पर देखा गया। इसीलिए गैंगस्टर में काम करने के 2 साल तक उन्हें कोई काम नहीं लिया। इस दौर में कई लोग इंडस्ट्री छोड़ देते हैं, मगर कंगना टिकी रहीं। और आज वह जिस मुकाम पर हैं, वहां पर कई स्टार्स की बेटियां भी नहीं हैं।
9. कंगना का मानना है कि अपनी धुन में रहना चाहिए, दूसरों को खुश करने या इम्प्रेस करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यही वजह है कि उनका कहना है कि वह अच्छे काम में यकीन करती हैं, भले ही अवॉर्ड मिले या न मिले। इसीलिए वह अवॉर्ड शोज़ में नहीं जातीं।
10.  कंगना बेशक खराब दौर से गुजरीं, लेकिन उन्होंने कभी प्राइवेट पार्टीज़ या अन्य मौकों पर डांस करके पैसा नहीं कमाया। इसके अलावा वह हर इंटरव्यू या मीडिया से बात करते हुए जितनी समझदारी से बात करती हैं, उनके आगे बाकी अभिनेत्रियां बनावटी और बुद्धू नजर आती हैं।

नीरज भारती ने अब अनुराग ठाकुर को ललकारा, कहा- चूड़ियां पहनो

कांगड़ा।।
फेसबुक पर तीखी टिप्पणियां करने वाले ज्वाली के एमएलए और सीपीएस एजुकेशन नीरज भारती ने इस बार हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि अब अनुराग क्यों श्रीनगर जाकर झंडा नहीं फहरा रहे। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौरान बीजेवाईएम अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने लाल चौक में तिरंगा फहराने के लिए एक पदयात्रा निकाली थी। भारती ने उसी को लेकर व्यंग्य किया है।
नीरज भारती की फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘अब क्यों नहीं जा रहा हैं ये भाई कश्मीर मे हिंदुस्तान का झंडा फहराने ! अब कहा गया इसका जोश ! निकल गयी क्या हवा ! जिन्हें याद नहीं उन्हें याद दिलाना चाहता हूँ इन महाशय का नाम अनुराग ठाकुर है ये हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।’
नीरज भारती की पोस्ट का स्क्रीनशॉट
आगे लिखा गया है, ‘जब केन्द्र मे कांग्रेस की सरकार थीं तब ये महाशय बड़े जोर शोर से चिल्लाते थे कि कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौंक मे भारतीय झंडा फहरायेंगे एक बार ड्रामा भी किया था पर अब इनकी सिट्टी विट्टी गुम हैं अब सच में तो क्या ड्रामा भी नहीं कर रहे हैं भारतीय झंडा फहराने का !’
आखिर में तीखे शब्द इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है, ‘लानत हैं ऐसी जवानी और ऐसे युवा संगठन पर! चूड़ियां पहन लो सब भारतीय जनता युवा मोर्चा वालों और अपने अध्यक्ष को भी पहना दो ! और ये जुमला नहीं हैं ! अच्छे दिन !’
गौरतलब है कि नीरज भारती ने एक अजीब सा जोक भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कुत्ते मोती और मोदी का जिक्र किया है। इस पोस्ट्स पर लोगों ने कॉमेंट्स करके विरोध भी  दर्ज किया है।
एक और विवादित पोस्ट!
यह पहला मौका नहीं है, जब नीरज भारती ने ऐसी भाषा इस्तेमाल की है। मगर हर बार कानूनी कार्रवाई करने और मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का दावा करने वाली बीजेपी बातें करती रह जाती है। नीरज भारती खुली चुनौती दे चुके हैं, मगर बीजेपी यही कहती रह जाती है कि उसका आईटी सेल जांच कर रहा है, उसके बाद कार्रवाई होगी। हालांकि, लोगों का मानना है कि यह बात समझ से परे है कि जो सामने दिख रहा है, उसमें किस तरह की जांच की जरूरत है।

रोहतांग पर NGT के आदेश पर स्टे से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली।।
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास में डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले टूरिस्ट वीइकल्स की एंट्री पर आए एनजीटी के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।
एनजीटी ने अपने आदेश में इन गाड़ियों की संख्या को 14 अगस्त तक के लिए रोजाना 1000 तक सीमित करने की बात कही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन ट्राइब्यूनल के सिर्फ एक निर्देश पर रोक लगाई है। इस निर्देश में कहा गया था कि 13,050 फीट ऊंचे पास पर परिचालन की अनुमति से पहले सभी वाहनों की पल्यूशन जांच होनी चाहिए और उन्हें सर्टिफिकेट लेने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट
रोहतांग पास कुल्लू घाटी को सुदूर जिले लाहौल और स्पीति से जोड़ता है। जस्टिस ए.के. सीकरी और न्यायाधीश यू.यू.ललित की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि टैक्सी ऑपरेटर नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के सामने अपना मामला रख सकते हैं, वह उनकी त्वरित सुनवाई करेगा।
टैक्सी संचालकों को हिमाचल प्रदेश सरकार से समर्थन मिला है, जिसका कहना है कि एनजीटी के निर्देशों के अनुरुप चलने में बहुत सारी समस्याएं हैं।

हिमाचलियों के लिए आई नई मैट्रमोनियल साइट- HimachaliRishta.com

कांगड़ा।।
क्या आप जीवनसाथी तलाश कर रहे हैं? अगर जवाब हां है, तो आपके लिए आई है एक खास मैट्रमोनियल वेबसाइट www.himachalirishta.com. ‘हिमाचली रिश्ता डॉट कॉम’ ऐसी मैट्रमोनियल सर्विस है, जिसे हिमाचल प्रदेश के युवाओं ने ही डिवेलप किया है।
मंगलवार सुबह 10 बजे लॉन्च हुई इस वेबसाइट को लोग हाथों-हाथ ले रहे हैं। शाम तक सैकड़ों हिमाचली युवक-युवतियों ने इसमें रजिस्ट्रेशन करवा लिया था। वेबसाइट को डिवेलप करने वालों का कहना है कि हमारा मकसद हिमाचल के लोगों उनकी पसंद के हिसाब से अच्छा जीवनसाथी ढूंढने में मदद करना है।

यह वेबसाइट एक लिमिट तक बिलकुल फ्री है और उसके बाद लगने वाली फीस को भी बहुत कम रखा गया है। इस वेबसाइट को शुरू करने वालों ने लिखित स्टेटमेंट में बताया कि इस साइट की मदद से लोग हिमाचली कम्युनिटी से किसी भी कोने में एक अच्छा जीवनसाथी ढूंढ सकते है।’
लॉन्चिंग ऑफर पर गिफ्ट के तौर पर 15 जून तक रजिस्टर करने वालों को पेड मेंबरशिप फ्री में दी जा रही है। हिमाचली रिश्ता ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि आप लोगों की शुभकामनाओं से हम इस सेवा को और बेहतर बनाएंगे। कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।’

भारत के पहले पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के लिए बिलिंग-बैजनाथ तैयार

कांगड़ा।।

biling

पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया भर में पहचान रखने वाली बिलिंग घाटी में 23 अक्तूबर से होने जा रहे पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के मद्देनजर बीड़ में बिलिंग पर 14 किलोमीटर सड़क को टायरिंग कर पक्का किया जा चुका है। इसके चलते अब पैराग्लाइडिंग पायलट एवं पर्यटक बेरोकटोक के घाटी में अपनी गाडि़यों में पहुंच सकते हैं।

हिंदी अखबार ‘दिव्य हिमाचल’ की खबर के अनुसार वर्ल्ड कप के दौरान मात्र 45 मिनट में 150 प्रतिभागियों की एकाएक उड़ान भरने हेतु बिलिंग के टेक ऑफ साइट पर तीन साइटों को समतल करने का कार्य भी शुरू किया जा सकेगा। गौर हो कि अब तक दुनिया भर के 47 देशों से करीब 400 पायलट ऑनलाइन अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इनमें अफ्रीका, न्यूजीलैंड, यूके अर्जेंटीना, टर्की, इंग्लैंड, इजरायल, नार्वे, जर्मनी, रूस, जापान, मैकसिको, आस्ट्रिया, इटली, ब्राजील के साथ 40 के करीब महिलाएं भी शामिल हैं।

मगर पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप एसोसिएशन के मापदंडों के चलते इस घाटी में मात्र 125 से 150 पायलट वर्ल्ड कप प्रतिस्पर्द्धा में ही उड़ान भर सकते हैं। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन द्वारा पंजीकरण की अंतिम तिथि जुलाई माह के तीसरे सप्ताह पर रखी गई है। इसलिए पीडब्ल्यूडी सीए की तकनीकी कमिटी जुलाई माह के अंतिम माह में रैकिंग के हिसाब से वर्ल्ड कप प्रतिस्पर्द्धा में हिस्सा लेने वाले करीब 150 पायलटों की अंतिम सूची जारी करेगी। वहीं पायलट इस प्रतिस्पर्द्धा में हिस्सा ले सकेंगे।

बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन, जिसके अध्यक्ष शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा हैं, के अथक प्रयासों एवं प्रदेश सरकार के सहयोग से घाटी के सौंदर्यीकरण टेक आफ साइट बिलिंग लैडिंग स्थल क्योर एवं बीड़ से बिलिंग पर के चौदह किलोमीटर लंबे रास्ते पर पर्यटकों की सुविधा हेतु रेनशेल्टर बैठने की उचित व्यवस्था के प्रबंध एवं तिब्बेतन कालोनी चौगान के क्योर तक के रास्ते को चौड़ा करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।

लैडिंग स्थल क्योर में पीने के पानी के लिए हैंडपंप लग चुका है। वहीं बिलिंग में भी मीलों दूर से औषधीयुक्त ठंडा पानी पहुंचाया जा चुका है

अर्पिता के रिसेप्शन में आज मंडी पहुंचेगा खान परिवार

मंडी।।

बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान हिमाचल प्रदेश के मंडी में बहन अर्पिता की शादी के रिस्पेशन में शामिल होने रविवार की शाम पहुंच रहे हैं। अर्पिता खान की शादी सीनियर कांग्रेसी नेता सुखराम के पोते आयुष शर्मा ने बीते साल 18 नंवबर को हुई थी। शादी को बीते सात महीने हो चुके हैं, लेकिन सलमान के केस में फंसे होने की वजह से आयुष के गृहनगर में रिसेप्शन का कार्यक्रम नहीं हो सका।

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक मंडी में सलमान और खान परिवार के सदस्यों को देखने के लिए फैन्स बेकाबू न हो जाएं इसलिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। खुद पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा ने सलमान खान के चाहने वालों और मंडीवासियों से अपील की है कि सलमान खान मेरे ही नहीं, अब सबके मेहमान और रिश्तेदार हैं।

जनता से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा सहयोग दे। शर्मा परिवार से मिली जानकारियों के मुताबिक रिसेप्शन में सलमान के पिता सलीम खान, मां हेलेन, भाई सोहेल और अरबाज, भाभी मलाइका अरोरा खान और बहन अलवीरा भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। सभी रविवार शाम मंडी पहुचं जाएंगे। इससे पहले अपने पति आयुष के साथ सलमान की बहन अर्पिता मंडी पहुंच गई हैं।

जानकारी के मुताबिक 25 मई को पंडित सुखराम अपने नवविवाहित पौत्र एवं पौत्र वधु के साथ कोटली के महान देव के मंदिर, टारना मंदिर और पंडोह में बगलामुखी के मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। लोगों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखा गया है। 25 मई को होने वाली रिसेप्शन में मंडयाली व कांगड़ी धाम परोसी जाएगी। करीब 15 से 20 हजार लोगों के खाने का इंतजाम है। इसमें करीब 25 क्विंटल चावल परोसे जाने की तैयारी है। मेन्यू में वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के खाने को तरजीह दी गई है। खाना तैयार करने के लिए जिलाभर से तीन सौ रसोईयों की सेवाएं ली जा रही हैं।

व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब दो हजार कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है। रिसेप्शन के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, उद्योगपतियों व सदर हलके की जनता को न्योता दिया गया है। पंडित सुखराम व अनिल शर्मा ने लोगों को अलग-अलग निमंत्रण दिया है।

स्वागत समारोह में भावुक हुए पूर्व विधायक बलदेव शर्मा

हमीरपुर।।

 

 

 

बहुचर्चित यौन दुराचार काण्ड के जो आरोप बड़सर के पूर्व विधायक बलदेव शर्मा पर लगाये गए थे उनसे कोर्ट ने उन्हें बाइज़्ज़त बरी कर दिया है ।  बलदेव शर्मा के शिमला से घर लौटने पर हमीरपुर बॉर्डर पर जनता ने उनका भव्य स्वागत हुआ खुद पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल उनके स्वागत के लिए मौजूद थे।
  बड़सर पहुँचने पर भारी जनसमूह के बीच बीजेपी प्रदेश अध्य्क्ष सत्ती ने उनका स्वागत किया।  इस दौरान बलदेव शर्मा की आँखे भर आयीं।  उन्होंने कहा वो ही जानते हैं इन मिथ्या आरोपों को उन्होंने कैसे सहन  किया है बतौर बलदेव शर्मा वो एक साधरण परिवार से रहें हैं बड़सर की जनता ने उनके काम को देखते हुए उन्हें तीन बार अपना विधायक चुना।
उनकी लोकप्रियता को सदा के लिए खत्म करने के लिए ही  विरोधियों ने यह घिनौना षड़यंत्र रचा।  परन्तु पार्टी और परिवार और जनता ने उनका साथ दिया साथ ही साथ न्याय प्रणाली पर उनका पूर्ण विश्वास था।  शर्मा ने कहा यह दौर एक टीस के साथ उन्होंने अज्ञातवास में जिया है।  परन्तु जनता से मिले आगाध प्रेम के वो आभारी हैं और उसकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे
उधर बलदेव शर्मा के निर्दोष करार दिए जाने से बड़सर में विरोधियों के साथ साथ उनकी अपनी ही पार्टी के नेता बहुत दुखी हैं।
गौरतलब है बलदेव शर्मा बड़सर से रिकॉर्ड तीन  बार चुनाव जीते हैं और  चौथी बार भी बहुत कम मार्जिन से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था

कथित गैंग रेप की अफवाह फ़ैलाने वाली महिला के पति ने उठके उसके ‘चाल-चलन’ पर सवाल

धर्माशाला।।

बहन गैंगरेप का दावा करने और फिर  मुकने वाली महिला की सास ने बताया उसकी बहू का चाल-चलन विवाह से पहले का ही खराब है। शादी के के बाद ही उसने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था। वह पिछले करीब डेढ़ साल से बेहद परेशान हैं। उनकी बहू को एक बार गलत धंधे के जुर्म में मुंबई में गिरफ्तार किया गया था ।

उसके बाद एक बार लुधियाना से भी फोन आया था। वहां पर उनकी बहू ने एक फोैजी के साथ लूटपाट की थी। इसके बारे में कई बार पंचायत में शिकायत की गई। उसके मायके वाले भी इस महिला के विरुद्ध जा चुके हैं। पुलिस चौकी गगल में उन्होंने अपनी बहू के खिलाफ कई बार शिकायत की है। लेकिन, आज तक वह परेशानी झेल रहे हैं। वहां की पंचायत प्रधान ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से तथाकथित शिकायतकर्ता महिला ने अपने ससुराल वालों को परेशान करके रखा है। कई बार हमारी पंचायत और पुलिस चौकी गगल और जागोरी संस्था मेें शिकायत हो चुकी है। महिला कई बार गलत काम करते रंगे हाथों पकड़ी गई है।

शिकायतकर्ता महिला के मायके की पंचायत के सचिव और गांव के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उसकी शादी 18-19 साल में हो गई थी। पिता की करीब आठ वर्ष पहले मौत हो चुकी है। मायके में उसकी मां, नानी और छोटा भाई रहता है। मां मनरेगा में काम करती है। महिला स्कूल में पढ़ने के दौरान भी दो बार घर से भाग गई थी। जब शादी हुई तो ससुराल से भी 20-25 दिन बाद भाग जाती थी। एक बार तो ससुराल वाले महिला को बांध कर पंचायत में लाए। महिला का तीन साल बच्चा भी है। ससुराल और मायके के संबंधित पुलिस स्टेशनों में महिला के बारे में एफआईआर दर्ज हैं। महिला के गायब होने को लेकर कई बार पंचायत और पुलिस में मामला पहुंचा। सचिव ने बताया कि उसे लगता है कि महिला मानसिक रोगी नहीं बल्कि ओवरस्मार्ट है।

शिकायतकर्ता महिला रात को अपने मायके के घर में पुलिस सुरक्षा के बीच रही। सुबह उसे पूछताछ के लिए थाने लाया गया। महिला के पति से भी थाने में पूछताछ हुई। पति ने पूछताछ के दौरान अपनी पत्नी के चाल चलन पर सवाल उठाए। दोनों के बीच पंचायत और पुलिस तक कई बार मामला पहुंच चुका है। पति ने बताया कि महिला अक्सर गायब हो जाती है।

शिकायतकर्ता महिला ने यह पूरा जाल किसके इशारे पर बुना। बिन बात का इतना बड़ा बतंगड़ बनाने की जरूरत उसे क्यों पड़ी  पुलिस अब यह जांचने में जुटी है

हिमाचली युवा नहीं बनना चाहते अब इंजिनियर?

हमीरपुर।।
Indicative Picture

हिमाचल प्रदेश के इंजिनियरिंग कालेजों की निर्धारित सीटों के लिए बीटेक प्रवेश परीक्षा आधे छात्रों ने ही दी है। तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने प्रवेश भर के इंजिनियरिंग कालेजों को 7735 सीटें अलाट की हैं। इसके लिए ली गई बीटेक प्रवेश परीक्षा में मात्र 4516 कैंडीडेट अपीयर हुए हैं।

इन आंकड़ों के अनुसार बीटेक की सीटें भरने के लिए 58 फीसदी युवाआें ने ही दिलचस्पी दिखाई है। इस कारण इस प्रवेश परीक्षा के बाद भी 48 प्रतिशत बीटेक की सीटें खाली रह जाएंगी। हालांकि सिविल इंजिनियरिंग के लिए निर्धारित सीटों से ज्यादा छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी है।

बताते चलें कि तकनीकी विश्वविद्यालय ने सिर्फ अपने अधीन संबद्धता प्राप्त कालेजों के लिए सीटें अलाट की हैं। इसके अलावा प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय भी बीटेक में दाखिले दे रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों में भी तकनीकी विश्वविद्यालय के माध्यम से सीटें भरी जाएंगी।