हिमाचल सरकार ने तकनीकी विश्वविद्यालय को नहीं दिया बजट

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी हमीरपुर एमबीए और एमसीए नहीं करवाएगी।  अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार विवि ने शैक्षणिक सत्र 2015-16 से हमीरपुर स्थित विवि के कैंपस में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमसीए) और मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) शुरू करने का निर्णय लिया था। इसी साल तकनीकी विवि की अकादमिक काउंसिल की मीटिंग में भी विवि कैंपस में एमबीए /एमसीए शुरू करने का फैसला लिया था।
हमीरपुर स्थित विवि के कैंपस में एमबीए/एमसीए शुरू करने में बजट और भवन की समस्या आड़े आ गई है। सरकार ने अपने बजट सत्र में प्रदेश तकनीकी विवि को बजट जारी नहीं किया। बजट के अभाव में तकनीकी विवि के भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया साथ ही विवि की अकादमिक काउंसिल की बैठक में जिला मुख्यालय पर अन्य खाली चल रहे सरकारी भवनों में एमबीए/एमसीए शुरू करने की योजना बनाई गई।
योजना के तहत पहले सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाल हमीरपुर और दोबारा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज बड़ू के खाली भवन में ये कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया गया। इन दोनों भवनों को मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित कर लिया गया। जिला प्रशासन ने तकनीकी विवि को कोई अन्य भवन भी मुहैया नहीं करवाया।
इसके चलते तकनीकी विवि ने अपने कैंपस में एमबीए और एमसीए शुरू करने इस फैसले को पलट दिया। हालांकि, राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा बगवां में इसी सत्र से तीस सीटों के लिए एमबीए के लिए एडमिशन होगी।
कयास लागए जा रहे हैं की क्या यह सब मुख्यमंत्रीं के इशारे पर  हुआ है क्योंकि वित्त विभाग स्वंय मुख्यमंत्रीं देखते हैं और तकनिकी शिक्षा मंत्रीं  जी एस बाली के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है  गौरतलब है की  बाली तकनिकी विश्व विद्यालय में सब तरह के कोर्स मुहेये करवाने की लगातार बात कह रहे थे।  बहरहाल अभी तक कोर्स शुरू ना हो पाने से  प्राइवेट संस्थाओं की चांदी हो गए है।  प्रदेश के छात्रों को इन कोर्सेज में दाखिल होने के लिए वहीँ का रुख करना पड़ रहा है।

‘CD’ वाले ठेकेदार को कौल सिंह के मंत्री रहते बिना काम किए मिली थी करोड़ों की पेमेंट

  •  सात दिन में उखड गई थी सड़क
  • ठेकेदार ने भावा हाइड्रो प्रॉजेक्ट को भी बेचे थे उपकरण, एक ही दिन में  हो गई थी ऑर्डर सप्लाई और पेमेंट
  • तकनीकी खराबी से  ठप पड़ा है प्रॉजेक्ट
शिमला।।
हाल ही में जिस ऑडियो सीडी में ठाकुर कौल सिंह का नाम आया है, उसमें एक ठेकदार से कई बार बात हुई है। इस ठेकदार का पहले से ही विवादों से नाता रहा है। ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के अनुसार 2004 में जब कांग्रेस की सरकार थी, उस समय कौल सिंह ठाकुर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्रीं थे। उस समय शिमला के साथ लगते बल्देयां से द्रभला संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए इसी ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट मिला था। यह सड़क सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने ही बनवाई थी।

गौरतलब है कि उस समय साढ़े सात करोड़ की पेमेंट बिना सड़क बने ही कर दी गई थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि सड़क पर  तारकोल बिछाने का काम औपचारिकता मात्र था। एक सप्ताह में ही छोटी गाड़ियों चलने मात्र से बजरी बाहर निकल गई थी।

उलेखनीय है की किन्नौर के भावा ही हाइड्रो प्रोज्रक्ट को भी इसी ठेकेदार ने कुछ उपकरण बेचे थे, जिनका बाकायदा टेंडर हुआ था। मगर इस ठेकदार को एक दिन में ही ऑर्डर सप्लाई और पेमेंट दे दी गई थी, जो अमूनन एक लम्बी चलने वाली प्रक्रिया है। अब यह प्रॉजेक्ट ठप पड़ा है।

विवादित सीडी काण्ड में जिन लोगों का जिक्र हुआ है, उनकी ये बातें अब निकलकर बाहर आ रहीं हैं। आने वाले दिनों में कुछ और खुलासे हो सकते हैं

मंत्री के नाम से शेयर हो रही ऑडियो क्लिप के पीछे किसका हाथ?

शिमला।।
इन दिनों हिमाचल प्रदेश में वॉट्सऐप में एक ऐसी ऑडियो क्लिप सर्कुलेट हो रही है, जिसमें किसी पुरुष और महिला के बीच की अंतरंग बातें हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के सीनियर मंत्री की आवाज है, मगर इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश के सभी अखबारों में यह खबर ‘सीडी बम’ और ‘टेप बम’ जैसे शीर्षकों के साथ छाई हुई है। बताया जा रहा है कि किसी ने दिल्ली के अड्रेस से यह सीडी भेजी है। मगर यह नहीं बताया जा रहा है कि किसे भेजी है और आखिर कैसे ये रिकॉर्डिंग वॉट्सऐप पर सर्कुलेट होने लगी।
मंत्री की कथित सीडी से ज्यादा चर्चा इस बात की है कि आखिर इसके पीछे हाथ किसका है।
इस तरह की रिकॉर्डिंग 3 ही तरीकों से रिकॉर्ड हो सकती है। पहला- या तो फोन पर बात कर रहा पुरुष उसे रिकॉर्ड करे, दूसरा- या तो महिला उसे रिकॉर्ड करे या फिर तीसरा- सरकारी एजेंसी फोन को टैप कर रही हो। जानकारों का कहना है कि जिस तरह की बातें हो रही हैं, उससे नहीं लगता कि महिला और पुरुष दोनों में से कोई भी इसे रिकॉर्ड करेगा। इसलिए सीधा शक सरकारी एजेंसियों पर जा रहा है। माना जा रहा है कि इसे सरकारी एजेंसियों ने ही टैप किया है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में फोन टैपिंग नई बात नहीं है। अक्सर सत्ताधारी पार्टियां विपक्ष के नेताओं की टैपिंग करती रही हैं। वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल तक इसी तरह की फोन टैपिंग के मामलों में फंस चुके हैं। ऐसे में इस टेप को भी इसी मामले की अगली कड़ी माना जा रहा है। महिला के साथ बातचीत के अलावा और भी कुछ क्लिप्स शेयर की जा रही हैं, जिनमें हो रही बातचीत साफ नहीं है। मगर उसमें चुनावों का जिक्र है, जिससे पता चलता है कि वह पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान रिकॉर्ड की गई है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि महिला के साथ बातचीत या तो पिछली सरकार के वक्त रिकॉर्ड की गई थी, जिसे किसी साजिश के तहत इस बार जारी किया गया है। या फिर यह भी हो सकता है कि इसी सरकार के दौरान इसे रिकॉर्ड करके जारी किया गया है। चर्चा तो यहां तक है कि अपने बेटे को राजनीति में सेट करने की कोशिश में लगे आला नेता के इशारे पर ही यह काम किया गया है।
गौरतलब है कि एक वक्त उस नेता के खासमखास रहे उस मंत्री ने पिछले चुनावों में खुलकर खुलकर दावेदारी पेश की थी। अफवाहें हैं कि ऐसे में उन्हें राह से हटाने के लिए ही ऐसा किया गया है। लोगों के बीच चर्चा है कि इस मंत्री को ठिकाने लगाने के बाद अब इस कड़ी में अगला नंबर दूसरे सीनियर मंत्री का हो सकता है, जो कि आए दिन आला नेता से नाराजगी का इजहार करते रहते हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह शर्मनाक है और मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का यह भी  कहना है कि रिकॉर्डिंग में निजी बातें हैं और उनका जनता से कोई सरोकार नहीं है, लिहाजा कार्रवाई उसके खिलाफ होनी चाहिए जिसने रिकॉर्डिंग करके इसे जारी किया है।

बहरहाल, ये सब तो चर्चाएं और अटकलें हैं और इनकी प्रामाणिकता पर विश्वास नहीं किया जा सकता। यह भी नहीं कहा जा सकता कि टेप असली है या नकली और इसमें किसकी आवाज है। यह सब जांच के बाद ही सामने आ पाएगा। मगर इतना तो तय माना जा रहा है कि यह टेप राजनीतिक रणनीति के तहत जारी किया गया है। इस बारे में सरकार या विपक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

(कुछ पाठकों ने ‘इन हिमाचल’ के पास भी रिकॉर्डिंग भेजी थी, मगर संपादकीय बोर्ड ने इसे अप्रामाणिक व निजी मानते हुए और इसमें जनता का कोई हित न देखते हुए शेयर न करने का फैसला किया है।)

 

बच्ची ने रेप से बचने के लिए नाजुक अंगों पर तेल छिड़कर लगाई थी आग

कुल्लू।।

हिमाचल प्रदेश के कुल्‍लू में 13 साल की बच्ची से रेप के बाद आग लगाने के मामले में चौंकाने वाला खुलाा हुआ है। पुलिस के अनुसार आरोपी मासूम से पहले भी रेप कर चुके ‌थे और दूसरी बार जब वे ऐसी हरकत करने लगे तो उसने अपने नाजुक अंगों पर मिट्टी का तेल छिड़कर आग लगा ली। पूछताछ में सामने आया है कि दोनों युवक उसकी पहचान के ही हैं। एक स्‍थानीय युवक है जबकि दूसरा बिहार का रहने वाला है।

खुलासा हुआ है कि स्कूल से घर लौटी मासूम से एक नहीं बल्कि दो युवकों ने दुराचार किया था। दोनों ने बारी-बारी अलग-अलग दिन इस नाबालिग बच्‍ची को अपनी हवस का शिकार बनाया था। अब ये फिर से इस मासूम के साथ दरिंदगी करना चाहते थे। इसीलिए एक युवक जबरदस्ती करने के लिए बच्ची के घर पहुंचा था। बच्ची ने विरोध किया मगर आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती की। बाद में बच्ची ने यह सोचकर कि कहीं उसके साथ फिर दुराचार न हो, उसने खुद के संवेदनशील अंगों पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी।

सांकेतिक तस्वीर

पुलिस के अनुसार जांच में पाया गया है कि बच्ची ने डर के चलते खुद को आग लगाई है। प्रारंभिक जांच में दोनों आरोपी नाबालिग लग रहे हैं। पुलिस जांच में पाया गया है कि मासूम के साथ दो युवकों ने दुराचार किया है। इसमें एक शिरढ़ गांव का ही है। जबकि, दूसरा युवक बिहार का बताया जा रहा है। मासूम ने इन दोनों के नाम के साथ शिनाख्त की है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक एसपी कुल्लू सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि पुलिस ने दोनों युवकों को संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसके बाद पूछताछ में दोनों युवकों ने अपना गुनाह कबूल किया है। वहीं, मेडिकल रिपोर्ट में भी मासूम के साथ दुराचार होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में दोनों आरोपी भी नाबालिग लग रहे हैं।

नाबालिग के साथ दरिंदगी के बाद उसके संवेदनशील अंगों को जलाने के प्रयास की घटना के बाद ऊझी घाटी के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। शुक्रवार को इस घटना के विरोध में घाटी के सैकड़ों लोगों ने राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष एवं जिप उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर की अगुवाई में रायसन में विरोध रैली निकाली।

रैली के दौरान पुलिस से आरोपियों को जल्द खोजकर गिरफ्तार करने की मांग उठाई गई। इस दौरान पुलिस और प्रदेश सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की गई। काबिले गौर बात यह है कि रैली में भाजपा और कांग्रेस के धुर विरोधी माने जाने वाले पंचायत प्रतिनिधियों ने एक मंच पर साथ आकर पुलिस-प्रशासन से ऐसी वारदातों को रोकने के लिए सुस्ती छोड़ मुस्तैद होने को कहा।

उन्होंने कहा कि पुलिस को जिला में बिगड़ती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। बार-बार रघुनाथजी की मूर्ति को वापस लाने की बात दोहराने से काम नहीं चलेगा। रैली के बाद एसडीएम कुल्लू को ज्ञापन भी सौंपा गया। रैली में शिरढ़ की प्रधान चित्रलेखा भार्गव, बैंची की प्रधान सरला देवी, जिप सदस्य रेशमा ठाकुर, बीडीसी शकुंतला देवी, बालमुकंद राणा और अखिलेश कपूर समेत कई लोग शामिल हुए।

अब हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई हॉस्टल फीस

शिमला।।

एचपीयू शिमला में हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है। प्रति सत्र ली जाने वाली फीस में छह सौ रुपये बढ़ गए हैं। पहले ही फीस वृद्धि की मार झेल रहे छात्रों पर एक और बोझ डाल दिया है।

बिजली, पानी और अन्य मदों में बढ़ोतरी कर प्रति माह के हिसाब से 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। एक सत्र में यह राशि 600 रुपये बनेगी। हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट के मुताबिक एचपीयू का तर्क है कि यह नाममात्र की बढ़ोतरी है। यह तर्क छात्र संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। छात्रावासों में रहने वाले करीब 1500 छात्र छात्राओं को नए सत्र में छह सौ रुपये अतिरिक्त फीस देनी पड़ेगी।

प्रदेश सरकार की बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना और उस पर कोई फैसला लिए बिना ही अब छात्रावासों की फीस भी बढ़ा दी गई है। ऐसा कर विश्वविद्यालय अपने ही फैसले की अनदेखी कर रहा है। बीते सत्र में विवि प्रशासन ने कमेटी की रिपोर्ट पर फैसला लिए जाने तक किसी भी तरह की नई फीस दरें लागू न करने का बयान दिया था।

विश्वविद्यालय की चीफ वार्डन प्रो. वीना शर्मा ने माना कि छात्रावास की फीस में मामूली बढ़ोतरी की गई है। 2012 से लेकर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। फीस में सिर्फ 50 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी की गई है। जो सत्र में करीब छह सौ रुपये बनती है। छात्र को मेस तथा छात्रावास सिक्यॉरिटी के रूप में कुल 3200 रुपये जमा करवाने होते हैं। 

धूमल राज में भी मिली थी वाड्रा परिवार को हिमाचल में जमीन लेने की विशेष छूट

शिमला।।

वाड्रा परिवार द्वारा हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीदने के खुलासे ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया है।  न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टीवी’ के अनुसार प्रियंका वाड्रा ने शिमला में कांग्रेस ही नहीं बीजेपी  के शासनकाल में 2011 में भी शिमला में जमीन खरीदी थी। गौरतलब है कि तब प्रदेश के मुख्यमंत्री  धूमल थे और सत्ता पर आसीन बीजेपी ने नियमों के तहत विशेष छूट देकर प्रियंका की मदद की थी।

गौरतलब है हमेशा हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने वाली बीजेपी इस सारे वाकये के दौरान शांत थी और कोई भी नेता टिप्पणी से बच रहा था।  धूमल सरकार का नाम आते ही बीजेपी बैकफुट पर चली गए है।  नेताओं से जबाब देते नहीं बन रहा है।

धारा 118 के तहत प्रदेश के बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां जमीन नहीं खरीद सकता परन्तु सरकार चाहे तो नियमों में छूट मिल सकती है।  इसी  का फायदा उठाकर प्रियंका वाड्रा ने शिमला के छराबड़ा में घर बनाने के लिए जमीन ली थी।

हिमाचल प्रदेश से  आरटीआई ऐक्टिविस्ट देवाशीष भट्टाचार्य ने आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी थी कि प्रियंका ने कब और कहां-कहां जमीन खरीदी है।  परन्तु प्रियंका ने सुरक्षा का हवाला देकर जानकारी देने से इनकार कर दिया।

हाल ही में सूचना आयोग ने कहा था कि एसपीजी व्यक्ति को सुरक्षा देती है, उसकी प्रॉपर्टी को नहीं। आयोग ने कहा था कि हिमाचल सरकार 10 दिन के भीतर यह जानकारी आवेदनकर्ता को मुहैया करवाए।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई ऐक्टिविस्ट भट्टाचार्य ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है। वीवीआईपी यहां लगातार जमीन खरीद रहे हैं और दुरुपयोग कर रहे हैं। इसीलिए आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई।’

सोचने पर मजबूर करती हैं रेप, शारीरिक शोषण और छेड़छाड़ की ये 3 घटनाएं

शिमला।।

अब तक अपराध के मामले में शांत समझे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में घिनौने अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। महिलाओं के खिलाफ अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं। एक तरफ  कुल्लू में 13 साल की बच्ची से रेप के बाद उसे जलाने की कोशिश की गई तो दूसरी  तरफ सोलन में 12 साल की बच्ची के साथ जान-पहचान के शख्स ने पॉर्न विडियो दिखाकर यौन शोषण करने का मामला सामने आाया है। तीसरी घटना में एक शख्स ने रात को लड़की के घर में घुसकर उससे छेड़छाड़ की।

13 साल की बच्ची से रेप के बाद जलाने की कोशिश
कुल्लू जिले के शिरड़ इलाके में 13 साल की लड़की स्कूल से लौटने के बाद घर के पास शौच के लिए गई थी। अचानक वहां आरोपी ने लड़की को दबोच लिया और दरिंदगी का शिकार बना डाला। इसके बाद उसने हैवानियत की हद पार करते हुए लड़की पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी। लड़की की चीख-पुकार से घबराकर आरोपी वहां से फरार हो गया। जैसे-तैसे लड़की ने आग बुझाई और घर पहुंची।

सांकेतिक तस्वीर

आग की वजह से बच्ची का शरीर जल गया। घर पहुंचने के बाद लड़की की मां उसे लेकर कुल्लू अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल की सूचना पर एसपी सुरेंद्र वर्मा और डीएसपी कुल्लू संजय शर्मा मौके पर पहुंचे, मगर लड़की बयान देने की हालत में नहीं थी। ऐसे में पुलिस ने बुधवार सुबह बयान दर्ज किया। मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है।

12 साल की बच्ची का शीरीरिक शोषण
सोलन शहर में एक 12 साल की लड़की ने अपनी जान-पहचान के एक युवक पर पॉर्न दिखाकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। इस बात की सूचना पाकर मौके पर पहुंची चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने लड़की को अपने कब्जे में लिया और जांच पड़ताल में आरोपी के मोबाइल में पॉर्न क्लिप भी पाई। आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

आधी रात को घर में घुसकर छेड़छाड़
सोलन के अर्की के पास लड़ेच गांव में एक व्यक्ति द्वारा लड़की के कमरे में घुस कर उसके साथ छेड़छाड़ किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस थाने में दर्ज मामले के अनुसार बुधवार की रात्रि को इस गांव का एक व्यक्ति एक घर में घुस गया और वहां लड़की को कमरे में अकेला पाकर उससे छेड़छाड़ करने लगा। लड़की ने इसका विरोध करते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया। शोर सुन कर जब परिवार के लोग कमरे में पहुंचे और उन्होंने छेड़छाड़ करने वाले व्यक्ति को काबू में करके इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उक्त व्यक्ति को हिरासत में लिया। मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

अंधविश्वास: जिंदा करने के लिए जमीन में गाड़ दिया युवक का शव

चंबा।।
हिमाचल प्रदेश हर क्षेत्र में लगातार तरक्की कर रहा है मगर कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां पर आज भी अंधविश्वास चरम पर है। ताजा घटना भरमौर की है, जहां पर करंट लगने से एक छात्र की मौत हो गई। इसके बाद एक बाबा के कहने पर उसे एक गड्ढे में गाड़ दिया गया और उम्मीद की जाने लगी कि वह फिर जिंदा हो जाएगा।
Image Courtesy: अमर उजाला
बुधवार को यह अजीब खेल पांच घंटे तक चलता रहा। बाद में पुलिस ने आकर युवक के शव को बाहर निकाला। दरअसल विकास उर्फ बंटी 12वीं में पढ़ता था। धरकौथा के शिव कुमार का बेटा बंटी अपने ननिहाल सठली गया था। घर वापस आने के लिए वह गाड़ी का इंतजार कर रहा था। अचानक वह सड़क के साथ बने घर के स्लैब के साथ गुजरती बिजली की तार की चपेट में आया और सड़क से नीचे गिर गया।
बेसुध हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बीच वहां आए एक बाबा ने परिजनों को सलाह दी कि अगर बंटी के शरीर को गर्दन तक जमीन में गाड़ दिया जाए तो वह ठीक हो जाएगा। गमगीन परिजनों को अपने बच्चे को फिर से जीवित करने की आस दिखाई दी।
युवक के जिंदा होने की उम्मीद में परिजनों और ग्रामीणों ने मिलकर गांव के बीच में ही एक गड्ढा खोद दिया और लाश को गले तक इसमें गाड़ दिया। करीब पांच घंटे तक युवक के जिंदा होने का इंतजार ग्रामीण करते रहे, लेकिन वह नहीं उठा।
इस बीच किसी ने पुलिस को खबर दी और शव को गड्ढे से निकालक पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। बाद में उसका शव परिजनों को सौंप दिया गया और गुरुवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

राजीव बिंदल के धूमल से दूरियां बनाकर नड्डा कैंप में शामिल होने की चर्चा

  • सुरेश चंबयाल
हिमाचल प्रदेश में चुनाव तो अभी काफी दूर है मगर माहौल पूरा चुनावी चल रहा है। सत्ताधारी कांग्रेस में तो गुटबाज़ी साफ दिख रही थी, मगर अब विपक्षी पार्टी बीजेपी में भी कुछ ऐसे ही समीकरण उभरते दिख रहे हैं। लम्बे अरसे तक धूमल और शांता गुटों में विभाजित रहने वाली हिमाचल बीजेपी अब  धूमल  बनाम नड्डा की राह पर चल दी है।
नड्डा के खेमे में वही नेता आने को आतुर हैं, जिन्हे धूमल सरकार के  समय  पार्टी  और सरकार में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली थी। टिकट की इच्छा रखने वाले लोग भी नड्डा के साथ हैं, क्योंकि राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सीएम कोई भी बने, टिकट आवंटन की चाबी नड्डा के हाथ ही रहने वाली है। कहा जा रहा है कि नड्डा का अपने खास सिपहलसार रहे राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्रीकांत शर्मा को हिमाचल बीजेपी का प्रदेश प्रभारी बनाना इसकी तरफ साफ संकेत दे रहा है। इस वजह से  प्रदेश के कई नेता छिटक-छिटककर नड्डा के साथ जा रही है।
यह राजनीति का उसूल है कि जिसके हाथ में पावर होती है, कार्यकर्ताओं की निष्ठा उसी की तरफ स्थानांतरित हो जाती है।  परन्तु प्रदेश में चर्चा का विषय बीजेपी  माइंडेड लोगों के बीच यह बना है कि धूमल सरकार में प्रमुख पोर्टफोलियो संभालने वाले और धूमल के दाएं हाथ कहे जाने वाले राजीव बिंदल ने आखिर नड्डा कैंप की तरफ क्यों छलांग लगा दी।
सोलन से लेकर नाहन तक यही चर्चा गर्म है कि राजीव बिंदल की अब धूमल से अनबन है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं पता, मगर जनता और कार्यकर्ता चर्चा कर रहे हैं कि दोनों के राम-लक्ष्मण जैसे रिश्ते में कड़वाहट का ज़हर घुल गया हैं।  सुनने में आया है कि बिंदल के नड्डा प्रेम में भविष्य की राजनीति का  मानचित्र उभरा हुआ है। नड्डा का नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में चलते ही और उनके केंद्र बीजेपी संगठन में रुतबे के बाद से डॉक्टर बिंदल हिमाचल में नड्डा के सब से बड़े समर्थक हो गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद से नड्डा जब कभी हिमाचल आते हैं तो प्रदेश के मुख्य द्वार पर ही बिंदल  दल-बल के साथ नड्डा के स्वागत में  खड़े रहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक यही सब धूमल गुट को संदेहास्पद लग रहा है। वे भी जानते हैं बिंदल मौके पर चौका मारने वाले बल्लेबाज़ हैं।  गली-मोहल्लों में हो रही इस तरह की गुफ्तगू से यह भी निकल कर आया है कि बिंदल नड्डा के आशीर्वाद से हिमाचल बीजेपी के अद्यक्ष तो बनना ही चाहते हैं, साथ ही साथ उनकी इच्छा यह भी है कि अगर पार्टी धूमल और नड्डा के अलावा किसी और सीएम बनाने की सोचे तो वह भी एक विकल्प के रूप में उभरें।
इसी कवायद में अगर याद किया जाए तो लगभग एक साल पहले सोलन में  बीजेपी के दो दिवसीय सम्मेलन में  एक रहस्यमयी पर्चा लोगों में बांटा गया था,  जिसमे बिंदल को हिमाचल का मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की गई थी। तब से धूमल और बिंदल के रिश्ते  उलझ कर रह गए हैं।
ऐसा नहीं है कि बिंदल का ही एकतरफा लगाव नड्डा के लिए है।  नड्डा भी जानते हैं कि चुनावी रणनीति में माहिर बिंदल जैसे सेनापति की उन्हें भी जरूरत पड़ सकती है। सूत्रों का कहना है की  पहली बार बिंदल को विधायक का टिकट दिलवाने में नड्डा का ही योगदान रहा था।  सोलन में सोफत के साथ अनबन के चलते नड्डा ने बिंदल का नाम आगे कर दिया था।
खैर मामला कुछ भी हो, लेकिन डॉक्टर बिंदल का आजकल शिमला में धूमल के प्रोग्राम आदि में सक्रिय भागीदारी न दिखाना इन सब चर्चाओं को हवा दे ही रहा  है। ऊपर से 2 जुलाई हो नड्डा फिर सोलन में हैं, लिहाजा जनता के बीच कानाफूसी होना लाजिमी है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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विभिन्न विभागों में खाली 926 पदों को भरेगी हिमाचल प्रदेश सरकार

शिमला।।

मंगलवार को हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों के 926 पदों को भरनेकी मंजूरी दी है। कैबिनेट की बैठक में राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा 242 पदों को भरने का फैसला लिया गया है। कॉन्ट्रैक्ट बेस के अलावा कैबिनेट ने नियमित भर्तियां करने की भी मंजूरी दी है।

 
हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ की खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह दस बजे से दोपहर करीब डेढ़ बजे तक कैबिनेट बैठक हुई। मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग की बंदोबस्त शाखा में पटवारियों के 242 रिक्त पदों को भरने के लिए उम्मीदवारों के चयन एवं प्रशिक्षण को मंजूरी प्रदान की। आयुर्वेद विभाग में आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट के 100 रिक्त पदों को अनुबंध आधार पर भरने और आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला में प्रोफेसर के तीन पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।
 
 
बागवानी विभाग में बागवानी विकास अधिकारी के 71 पदों को अनुबंध आधार पर मौजूदा भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरने का फैसला लिया। इसके अलावा बागवानी प्रसार अधिकारियों के 75 पदों को भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
 
मंत्रिमंडल ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर के पद को स्तरोन्नत कर प्रिंसिपल साईंटिफिक आफिसर बनाने को भी मंजूरी प्रदान की। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के 200 पदों को अनुबंध आधार पर भरने का फैसला लिया। इसके अलावा रूसा के राज्य परियोजना निदेशालय में विभिन्न पदों को भरने की भी मंजूरी प्रदान की।
 
कैबिनेट बैठक में चार नई पुलिस चौकियों में स्टाफ का इंतजाम करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में 46 पद सृजित करने का फैसला लिया। इसके अलावा पुलिस विभाग में सीधी भर्ती द्वारा सब इंस्पेक्टरों के 20 रिक्त पद भरने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।
 

मंत्रिमंडल ने सीमित सीधी भर्ती कोटे से नियमित आधार पर लिपिकों के 35 पद भरने और सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध आधार पर कनिष्ठ कार्यालय सहायक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के 70 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की। बैठक में शिमला के ढली स्थित विशेष रूप से अक्षम बच्चों के संस्थान के लिए जमा दो स्कूल में पीईटी तथा डीपीई के पद भरने का फैसला लिया।
 
बैठक में गृह रक्षकों से नागरिक रक्षा और अग्निशमन सेवा विभाग में लिपिकों के 10 पद भरने का फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल ने पंचायती राज विभाग की कार्यप्रणाली सुचारु बनाए रखने के दृष्टिगत सीधी भर्ती के माध्यम से विभिन्न श्रेणियों के 54 पद भरने का फैसला लिया।

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