छोड़िए, रहने दीजिए; मैं खुद निपट लूंगा: ‘अपमानजनक’ शब्द पर नीरज भारती

शिमला।।

चर्चा है कि शुक्रवार को विधानसभा में हुए हंगामे के दौरान किसी ने कांग्रेस विधायक और सीपीएस नीरज भारती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बताया जा रहा है कि किसी ने नारा लगाया- #*** सीपीएस नहीं चलेगा। इस बारे मे ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से बात की तो उन्होंने ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया।

ज्वाली के विधायक और CPS एजुकेशन नीरज भारती (Facebok प्रोफाइल से साभार)

अगर किसी ने सदन के अंदर किसी के खिलाफ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल किया है, वह शर्मनाक होने के साथ-साथ कानूनन अपराध भी है। ऐसे में ‘इन हिमाचल’ ने नीरज भारती से ही बात करना उचित समझा।

पहले चर्चा थी कि भारती के खिलाफ जातिसूचक शब्द इस्तेमाल किया गया है। मगर अब जानकारी मिल रही है कि किसी ने उन्हें भांग पीने वाला बताया था। बीती रात फेसबुक पर हुई चैट के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी ने जातिसूचक टिप्पणी की थी (क्योंकि उस वक्त हमें जातिसूचक शब्द कहे जाने की जानकारी थी) तो उन्होंने कहा, ‘जी कुछ बात हुई थी, पर रहने दीजिए; बात बढ़ जाएगी। मैं इन बातों से ऊपर सोचता हूं और जो लोग इन बातों मे फंसे रहते हैं, वे और कुछ नहीं कर सकते।

CPS नीरज भारती से फेसबुक पर हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट

जब हमने नीरज भारती से कहा कि अगर वाकई किसी ने ऐसा कहा है तो आपको उसके खिलाफ कठोर कदम उठाना चाहिए। इसपर उन्होंने कहा, ‘छोड़िए, रहने दीजिए। मैं खुद निपट लूंगा।’

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नीरज भारती भले ही साफ कुछ न कह रहे हों, मगर उन्होंने इस बात को गलत भी नहीं बताया है। जाहिर है, सदन में कुछ न कुछ तो हुआ है। शुक्रवार के घटनाक्रम को लेकर प्रमुख अखबार और समाचार चैनलों की रिपोर्ट्स में फर्क नजर आ रहा है। ऐसे ही कई तरह की अटकलें भी चल रही हैं। कोई बता रहा है कि किसी ने नीरज भारती को #** सीपीएस कहा तो बदले ने में भारती ने सतपात सत्ती के पिता को #** कह दिया। कुछ का कहना है कि बीजेपी की तरफ से #** वाला नारा लगा था और भारती ने कहा था कि मोदी तुम्हारा बाप लगता है क्या।

इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह बात साफ नहीं हो पाई है। दरअसल शोरशराबे के बीच पत्रकार दीर्घा तक आवाज साफ नहीं पहुंच पा रही थी। मगर विधायकों और अन्य सदस्यों ने बाहर आकर जो जानकारी दी, उससे ही यह आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। संभव है कि आने वाले दिनों साफ हो कि ये बातें सच हैं या कोरी अफवाह।

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विधानसभा में हाथापाई, वीरभद्र और सत्ती ने एक-दूसरे पर फेंके कागज

शिमला।।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा से चौंकाने वाली खबर आई है। आलम यह रहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में उलझ गए। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने तो कागज फाड़कर एक-दूसरे पर फेंक दिए।

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हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को भी जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाई शुरू होते ही प्रश्न काल के दौरान विपक्षी विधायकों ने हाल ही में हुए शिमला के संजौली कॉलेज में प्रध्यापकों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई का मामला सदन में उठाया, मगर विधानसभा अध्यक्ष ने सुनने से इंकार कर दिया।

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इस पर विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और वेल में उतर आए। अखबार पंजाब केसरी ने अपने पोर्टल में यहां तक जानकारी दी है कि विधायकों में हाथापाई शुरू हो गई। रिपोर्ट में लिखा है- इतना ही नहीं सत्ता पक्ष के कुछ लोग भी वेल में आए और देखते ही देखते दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष ने एक दूसरे पर कागज फाड़कर फेंके। इस घटना के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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सदन में फिर हुई धूमल और वीरभद्र के बीच नोकझोंक

शिमला।।
गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के बीच नोकझोंक हो गई। यूं तो दोनों ही नेता अक्सर एक-दूसरे पर टिप्पणी करते रहते हैं, लेकिन गुरुवार को मामला थोड़ा लंबा खिंच गया।
धूमल ने कहा, ‘जब प्रेम कुमार बात करता है तो प्रेम से बात करता है। भद्र को बात भी भद्र होकर सुननी चाहिए।’ दरअसल उनका इशारा अपनी और वीरभद्र की तरफ था। इससे नाराज हुए वीरभद्र ने तुरंत कहा कि मैंने आपके दिखाए प्रेम को खूब देखा और झेला है।
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नाराज दिख रहे वीरभद्र ने कहा, ‘यह बात अलग है कि मैं आपके प्रेम को झेलने के बावजूद पाक-साफ निकल आया।’ जिस दौरान यह सब हो रहा था, सदन में सन्नाटा छा गया था। दोनों नेता ही आपस में बात किए जा रहे थे।
इसके बाद धूमल ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह  चुने हुए विधायकों को जनता का प्रतिनिधि होने का सम्मान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के विधायकों के बजाय कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों की बातों को ज्यादा तवज्जो दे रही है।

…और धूमल ने एक बार फिर कर दिया वॉकआउट का ऐलान

शिमला।।
बीजेपी ने बुधवार को सदन से एक बार फिर वॉकआउट कर किया। इस बार बीजेपी ने वन कटान को लेकर यह कदम उठाया।
मॉनसून सेशन के चौथे दिन भी बीजेपी ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि चंबा और तारादेवी में हजारों पेड़ काट दिए गए।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र शिमला रूरल में पेड़ कटने का मामला भी उठाया गया। विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विपक्ष ने सदन के अंदर जमकर नारेबाजी की। बीजेपी ने चंबा में 1807 पेड़ों के कटान की रिपोर्ट आने की बात कर वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का इस्तीफा तक मांग लिया।
File Photo
इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पेड़ों की मार्किंग बीजेपी शासनकाल में हो गई थी और अब विपक्ष इसका ठीकरा सत्ता पक्ष के सिर फोड़ रहा है। सीएण ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए चंबा में हरे पेड़ों को मार्क कर दिया।
सरकार और विपक्ष में तीखे सवाल-जवाबों का दौर चला, हंगामा हुआ और आखिर में प्रेम कुमार धूमल ने वॉकआउट का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि सोमवार को भी बीजेपी ने वॉकआउट कर दिया था।
बीजेपी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वॉकआउट करने के लिए बुरी तरह बदनाम हो चुकी है। मुद्दों को उठाना तो अलग बात है, मगर शोर-शराबा करने के बाद वॉकआउट करना और बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों के सामने नारेबाजी करना बीजेपी का ट्रेंड बन गया है।
सोशल मीडिया पर बीजेपी के प्रति झुकाव रखने वाले युवा भी इस व्यवहार से आजिज आते दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि मीडिया में खबर बनाने के लिए प्रेम कुमार धूमल वॉकआउट की रणनीति बना रहे हैं, जबकि उन्हें सदन में तार्किक बहस करते हुए सरकार को घेरना चाहिए।
गौरतलब है कि हर साल सभी सेशंस में बीजेपी कई मुद्दों को लेकर वॉकआउट कर चुकी है।

12 साल के लड़के पर 5 साल की बच्ची से रेप करने का आरोप

बैजनाथ।।

कांगड़ा जिले के बैजनाथ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 12 साल के एक बच्चे पर 5 साल की बच्चे के साथ रेप करने का आरोप लगा है। बच्ची के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

सांकेतिक तस्वीर
बच्ची के परिजनों ने पुलिस को दी बताया है कि सोमवार को जब वे काम सिलसिले में घर से बाहर थे, बच्ची को अकेला पाकर लड़का उसे पास की गोशाला में ले गया। आरोप है कि वहां पर उसने बच्ची के साथ रेप किया।

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बच्ची ने परिजनों के लौटने पर अपने साथ हुई घटना की जानकारी उन्हें दी। इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी।  पुलिस ने नाबालिग आरोपी और उसके परिजनों से भी पूछताछ की है।

पुलिस का कहना है कि उसने धारा 376 के तहत मामला दर्ज करके पड़ताल शुरू कर दी है। आरोपी का मेडिकल टांडा मेडिकल कॉलेज और बच्ची का मेडिकल सबडिविजनल हॉस्पिटल में करवाया गया है। खबर लिखे जाने तक रिपोर्ट हासिल नहीं हो पाई है।

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आचार्य देवव्रत ने बंद किया बार, राजभवन में करवाएंगे हवन

शिमला।।
हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजभवन में कुछ बदलाव करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अंग्रेजों के दौर से चल रहे बार यानी मयखाने को बंद करवा दिया है। इसके अलावा उन्होंने सुबह-शाम हवन करने और परिसर में देसी नस्ल की गाय पालने की भी तैयारी की है। कहा जा रहा है कि उसकी देखरेख वह स्वयम् करेंगे।
आचार्य देवव्रत
कुरुक्षेत्र गुरुकुल के प्रमुख रह चुके आचार्य देवव्रत का कहना है कि वह ऋषि-मुनियों की परंपरा स्थापित करना चाहते हैं। जानें, उन्होंने क्या लक्ष्य बताए हैं अपने:
-गाय पालना और उनकी नस्ल में सुधार करना
-हिमाचल को शराब व नशा मुक्त प्रदेश बनाना
-प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देना
-पर्यटन का विकास मगर पर्यावरण संरक्षण के साथ
– 20 प्राइवेट और चार सरकारी यूनिवर्सिटी में प्रेरणा देने वाले वैदिन ज्ञान का प्रसार करना
– प्रदेश को स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ-सुथरा रखना
– हिमाचल में एनडीए जैसे शिक्षण संस्थान खोलना
– देवभूमि में संस्कृत को प्राथमिकता देना और  इसे अनिवार्य करना
राज्यपाल यह काम कैसे करेंगे, यह तो वही जानते होंगे। मगर उनके द्वारा उठाए गए कदमों और लक्ष्यों की एक-तरफ लोग जहां तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग दिखावा कहके आलोचना भी कर रहे हैं।

राजीव बिंदल पर भड़के वीरभद्र सिंह, कहा- आप तमीज सीखिए

शिमला।।
मंगलवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह विधानसभा में बीजेपी विधायक राजीव बिंदल पर भड़क गए। मुख्यमंत्री ने बिंदल को तल्ख अंदाज में तमीज सीखने को कहा।

प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा विभाग के एक सवाल के जवाब पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खूब नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर दूरदराज के इलाकों में दो बच्चे भी हैं तो भी स्कूल खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह दुकानदारी नहीं है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। जितने शिक्षक कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल में पदोन्नत किए गए हैं, उतने पिछली सरकार के पांच साल के कार्यकाल में भी प्रमोट नहीं किए गए।’
मुख्यमंत्री के इस बयान पर विपक्षी विधायक कुछ बोलने लगे। इससे नाराज होकर वीरभद्र ने कहा,  ‘टिप्पणी मत करो।’ वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने बिंदल की तरफ मुखातिब होकर कहा, ‘आप तमीज सीखिए।’
इसके बाद विपक्ष के सदस्य खडे़ हो गए और नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष के सदस्य भी विपक्ष के खिलाफ नारे लगाने लगे और जमकर हंगामा हुआ। बाद में वीरभद्र ने कहा कि वह किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे मगर जब कोई कुछ कह रहा हो तो बात सुनी जानी चाहिए।

बस स्टैंड पर भिड़ीं महिलाएं, चप्पल दिखाकर नोचे एक-दूसरे के बाल

कांगड़ा।।

ज्वालामुखी बस अड्डे पर लोग दो महिलाओं को झगड़ते देख चौंक गए। बस स्टैंड पर उस वक्त अफरा-तफरी का महौल बन गया, जब 2 महिलाएं आपस में गुत्थमगुत्था हो गईं। ये महिलाएं पहले चप्पलें खोलकर एक-दूसरे को दिखाने लगीं और बाद में बाल नोचने लगीं।

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बताया जा रहा है कि इनमें से एक महिला को शक था कि उसके पति का किसी के साथ अफेयर चल रहा है। वह अपने भाई के साथ ज्वालामुखी बस अड्डे में उतरी ही थी कि उसकी मुलाकात अपने पति और उसके साथ उसकी कथित प्रेमिका से हो गई।

punjabkesri.in से साभार
दोनों को साथ देखकर महिला ने अपने भाई के साथ मिलकर अपने पति और उसकी कथित प्रेमिका के साथ बहस करना शुरू कर दिया और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। लोगों ने किसी तरह का बीच-बचाव करने की कोशिश नहीं की और वे चटखारे लेते रहे।
बाद में ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों ने वहां पहुंचकर भीड़ हटाई और दोनों पक्षों को अलग किा। घटना के बाद शहर के दुकानदारों ने मांग की है कि बस अड्डे में भी पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए।

समर्थक ने शांता कुमार से मांगी बदहाली में जी रही फौजी की विधवा के लिए मदद

पालमपुर।।

बैजनाथ के रहने वाले एक शख्स ने सोशल मीडिया पर एक दर्दनाक कहानी शेयर की है। कांगड़ा लोकसभा सीट से सांसद शांता कुमार के फेसबुक पेज पर डाली गई एक पोस्ट में प्रदीप राणा नाम के शख्स ने अपना अनुभव लिखा है कि किस तरह वह शांता कुमार से व्यक्तित्व से प्रभावित होकर बीजेपी समर्थन बन गया। इसके बाद उसने शांता कुमार से एक ऐसी महिला की मदद करने की है, जो इन दिनों बदहाली का सामना कर रही है। राणा द्वारा लिखी गई पोस्ट का टेस्क्ट हम नीचे दे रहे हैं:
“पिछले 30 साल से एक बुजुर्ग महिला संसाई बस स्टैंड में रहती हैं। इनके पति की 1968 में एक हादसे में मौत हो गई थई। वह फौजी थे और उस वक्त ड्यूटी पर थे। इनको पेंशन मिलती थी कि लेकिन पति की मौत के सदमे से इनका मानसिक संतुलन खो गया। फिर पेंशन भी बंद हो गई। इनके साथ समाज ने ऐसे-ऐसे जुल्म किए कि लिख नहीं सकते। 30-35 सालों से इनकी पेंशन सरकार के पास पेंडिंग है। अब ये चलने में भी असमर्थ हैं। टॉइलट बाथरूम बेडरूम सब बस स्टैंड में है इनका। अगर आप कोशिश करें तो शायद इनकी जिंदगी की शाम की बेला कम दर्दनाक होगी।

इनका नाम और पता है- सरला देवी, गांव- राजनगर, पोस्ट ऑफिस- संसाई, तहसील बैजनाथ, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश: 176088″
‘इन हिमाचल’ को लगा कि अगर कोई वाकई इस स्थिति में है तो उसे मदद जरूर मिलनी चाहिए। हमने यह मुद्दा उठाया है कि ताकि सरकार और प्रशासन मामले का संज्ञान लेकर जरूरी कदम उठा सके।

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‘आदत से मजबूर’ बीजेपी विधायकों ने फिर किया वॉकआउट

 

शिमला।।
बात-बात को लेकर वॉकआउट करने को लेकर कुख्यात हो गई बीजेपी को सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को मामूली बात को लेकर बीजेपी ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। लोगों का कहना है कि केंद्र में कांग्रेस पर इसी तरह के रवैये का आरोप लगाने वाली बीजेपी राज्य में खुद वही कर रही है।
पिछले 3 सालों से चली आ रही वॉकआउट की परंपरा को निभाते हुए बीजेपी ने सोमवार को फिर विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। बीजेपी विधायकों ने सीएम के प्रधान निजी सचिव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय में चल रहे मामले में पुलिस अधिकारी को धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रश्नकाल से पहले ही इस पर चर्चा कर स्थिति स्पष्ट हो जानी चाहिए।

 

File Photo
सोमवार दोपहर दो बजे सत्र शुरू होते ही बीजेपी के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज और विधायक रविंद्र रवि ने कहा कि ईडी में प्रतिनियुक्ति पर आए एक पुलिस अधिकारी को मुख्यमंत्री कार्यालय में धमकाया गया है। इस विषय पर नियम 167 के तहत नोटिस दिया है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।

 

बीजेपी की इस मांग पर विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने कहा कि बाद में चर्चा पर विचार किया जाएगा। इस पर बीजेपी विधायकों ने लगभग आधे घंटे तक नारेबाजी की और आखिर में वॉकआउट कर दिया। इसके बाद आधे घंटे तक सदन बिना विपक्ष के ही चलता रहा।

लोगों का कहना है कि बीेजेपी असल मद्दों को उठाने के बजाय फालतू मुद्दों पर वॉकआउट कर देती है। एक फेसबुक यूजर ने तो यहां तक लिखा है कि बीजेपी के नेताओं को पता ही नहीं कि क्या करना है, क्या नहीं। ट्विटर पर एक शख्स ने लिखा है कि बीजेपी विधायकों को काम न करने का चस्का लग गया है, इसीलिए वे आए दिन वॉकआउट करते रहते हैं।

एक यूजर ने गूगल सर्च का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है कि Dhumal Walkout करने पर गूगल पर आने वाली तस्वीरें बयान करती है कि बीजेपी की स्थिति क्या हो गई है। यहां तक कि Virbhadra walkout पर भी धूमल की ही वॉकआउट करते तस्वीरें आती हैं।
एक अन्य यूजर ने लिखा है, ‘वक्त बदल गया है मगर ये नेता पुरानी तौर-तरीकों पर चले हुए हैं। जनता समझने लगी है कि कौन सा मुद्दा वॉकआउट लायक है और कौन सा नहीं।’