मंडी।। हिमाचल प्रदेश के मंडी के राजमहल भूमि सौदे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रि अनिल शर्मा गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। बीजेपी का कानून एवं विधिक प्रकोष्ठ अनिल को इस मामले में आऱोपी बनाने के लिए कोर्ट जाने की तैयारी है। आरोप है कि इस जमीन को खरीदने के लिए अनिल शर्मा के खातों से 1.22 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। गौरतलब है कि अनिल शर्मा के पिता पंडित सुखराम आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी रहे हैं।
नरेंद्र गुलेरिया ने आरोप लगाया कि राजमहल भूमि खरीद मामले में अनिल भी शामिल हैं। गौरतलब है कि 2008 में मंडी के राजमहल की जमीन को शिमला के एक स्कूल में बतौर चौकीदार नौकरी करने वाले खूब राम ने करोड़ों रुपये में खरीद लिया था। राजमहल की प्रापर्टी की पावर ऑफ अटार्नी देवेंद जम्वाल के पास थी। खूब राम को भूमि खरीदने के लिए पैसा संजय ने दिया था। संजय को पैसा अनिल से मिला था।
करोड़ों के सौदे में कम स्टांप पेपर लगाने के बाद मामला सुर्खियों में आया था। तत्कालीन उपायुक्त ओंकार शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। बेनामी सौदे की बात सामने आने के बाद रजिस्ट्री रद कर दी गई थी। पुलिस ने खूब राम सहित सात लोगों को आरोपी बनाया। सौदे की गूंज इसलिए ज्यादा सुनाई दी थी क्योंकि जिस इमारत में राज देवता माधो राय का मंदिर है, आरोपियों ने उसे भी खरीद लिया था। अनिल होटल के साथ लगती भवानी पार्किग की जमीन खरीदना चाहते थे। वहां पाकिर्ंग के अलावा शापिंग काम्पलेक्स बनाने की योजना थी।‘
सरकार बनाम खूब राम मामले में अनिल को आरोपी बनाने के लिए बीजेपी का लीगल सेल आपराधिक प्रकिया संहिता की धारा 319 के तहत अदालत में अर्जी देगा। आरोप लगाया गया है कि अनिल ने 2008 में शहर में स्थित अपने होटल के साथ लगती होटल राजमहल की संपत्ति गैरकानूनी तरीके से खरीदने के लिए संजय कुमार को मोहरा बनाया था। भूमि खरीदने के लिए अनिल ने एसबीआइ के खाते से 50 लाख का चेक संजय को दिया था। इसके बाद 10 जनवरी 2008 को 25 लाख व 28 फरवरी को 10 लाख का चेक संजय ने नाम जारी किया। 28 फरवरी को अनिल ने पत्नी सुनीता शर्मा के कैनरा बैंक के खाते से 37.5 लाख रुपये का चेक संजय को दिया। 24 अप्रैल को 1.15 लाख व पांच मई को 17.37 लाख के अष्टाम पेपर खरीदे गए।
भूमि खरीद के लिए किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक खाते में करीब 1.22 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करना नियमों की अवहेलना है। परिवार से बाहर संपत्ति खरीदने के लिए इतनी बड़ी राशि किसी व्यक्ति को देना बेनामी संपत्ति कानून की धारा तीन के तहत आता है।
उधर दैनिक जागरण अखबार के मुताबिक अनिल शर्मा ने कहा है, ‘मैंने राजमहल होटल के साथ लगती भूमि खरीदने के लिए संजय कुमार को 1.22 करोड़ की राशि दी थी। मेरे साथ धोखा हुआ है। नौ साल बीतने के बाद भी न मुझे न तो भूमि मिली और न ही पैसा। संजय कुमार व अन्य लोगों के विरुद्ध पैसा वापस लेने के लिए अदालत में केस कर रखा है। पैसा देने में कोई गलत काम नहीं किया बल्कि बैंक खातों से भुगतान हुआ है।’