हिमाचल के नेताओं की बेशर्मी की पोल खोलती हैं टांडा मेडिकल कॉलेज की ये 10 तस्वीरें

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डेस्क।। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा, हिमाचल प्रदेश। कागजी रूप में हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल, मगर हकीकत में हिमाचल का सबसे बिगड़ा अस्पताल। पिछले दिनों जब एक दुर्घटना के पीड़ितों को टांडा रेफर किया जाने लगा तो जख्मी लोग बोले- कहीं और भेज दो, टांडा मत भेजो। आखिर क्या वजह है कि टांडा जाने से कतराते हैं लोग? प्रदेश की सरकारें और केंद्र में बैठे प्रदेश के नुमाइंदे लाख दावे करें, मगर हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत क्या है, इसकी पोल टांडा मेडिकल कॉलेज की हालत खोल देती है। जिस प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री सीने में दर्द होने पर पीजीआई चंडीगढ़ जाए, मुख्यमंत्री दांतों का इलाज करने के चंडीगढ़ जाए, उस प्रदेश के अस्पताल कैसे होंगे, अंदाजा लगाया जा सकता है। मगर इन तस्वीरों को देखकर आपको शर्म आ जाएगी अपने नुमाइंदों पर, जो चुनाव आने पर विकास के दावे कर रहे हैं और हर काम का क्रेडिट लेने पर उतारू हैं।

बीते वर्ष नवंबर में एक हिमाचल वासी युवक विनोद कुमार के पिता जी की टांग में फ्रेक्चर आ गया। डांटा मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो वॉर्ड में उन्हें ऐडमिट किया गया। अब जाहिर है प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होगा तो उम्मीद रहती है सब कुछ बेहतर होगा। मगर वहां की हालत देखकर विनोद कुमार सन्न रह गए। अखबारों में जो वह पढ़ते आए थे, हालात उससे कहीं खराब थे। पीने के पानी का सही इंतजाम नहीं, टॉइलट में सही इंतजाम नहीं, दीवारें ऐसीं कि कभी भी कुछ गिर जाए, पानी लीक हो रहा है, कूड़ेदान लबालब हैं, न कोई ढंग की सफाई है न और व्यवस्था। यहां कोई स्वस्थ आदमी किसी बीमार को लेकर आए तो खुद बीमार होकर लौटे। नीचे देखें वे 10 तस्वीरें, जो सरकारों और राजनेताओं के दावों की पोल खोलती हैं। मुख्यमंत्री और खासकर स्वास्थ्य मंत्री इन तस्वीरों को गौर से देखें और शर्म करें। उम्मीद है कि सभी पार्टियों के अंध समर्थकों की भी नींद खुलेगी, क्योंकि परमात्मा न करे कोई हादसा उनके साथ पेश आए और इसी हॉस्पिटल में ऐडमिट होना पड़े।

सीलिंग उखड़ी हुई है। कभी भी किसी पर गिर सकती है।
सीलिंग उखड़ी हुई है। कभी भी किसी पर गिर सकती है।
जुगाड़तंत्र पर चला है काम
जुगाड़तंत्र पर चला है काम
दीवारों से प्लास्टर तक उखड़ रहा है। निर्माण का स्तर भी घटिया।
दीवारों से प्लास्टर तक उखड़ रहा है। निर्माण का स्तर भी घटिया।
पीने के पानी की व्यवस्था ऐसी हो तो व्यक्ति बीमार हो जाए
पीने के पानी की व्यवस्था ऐसी हो तो व्यक्ति बीमार हो जाए
लोगों को मजबूरी में यहीं से पानी लेना पड़ता है
लोगों को मजबूरी में यहीं से पानी लेना पड़ता है
कीचड़ से सने फर्श को शायद सदियों से साफ नहीं किया गया
कीचड़ से सने फर्श को शायद सदियों से साफ नहीं किया गया
छत पर पाइप साफ नजर आते हैं, जिनमें जंग लग चुका है।
छत पर पाइप साफ नजर आते हैं, जिनमें जंग लग चुका है।
स्ट्रेचर पर लगे खून तक को साफ नहीं किया गया है।
स्ट्रेचर पर लगे खून तक को साफ नहीं किया गया है।
यह वॉशरूम की हालत है
यह वॉशरूम की हालत है
कूड़ेदान को वक्त-वक्त पर खाली नहीं किया जाता
कूड़ेदान को वक्त-वक्त पर खाली नहीं किया जाता

अगर अब भी अपनी उपलब्धियां गिनाते घूम रहे नेताओं को और उनका अंध समर्थन करने वालों को शर्म नहीं आएगी तो प्रदेश का परमात्मा ही मालिक है।

सभी तस्वीरें हमें पाठक विनोद कुमार ने भेजी हैं। आप भी इस तरह की तस्वीरें वगैरह inhimachal.in@gmail.com पर भेज सकते हैं।