जानें, कौन तय करता है कि HRTC बस किस ढाबे पर रुकेगी

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, शिमला।। आपने अक्सर देखा होगा कि एचआरटीसी की लॉन्ग रूट वाली बसें जिन ढाबों में रुकती हैं, वहां पर खाना खराब होता है या फिर बहुत महंगा होता है। कई बार तो दोनों की बातें होती हैं- खाना महंगा भी होता है और खराब भी। पिछले दिनों इस समस्या को लेकर हिमाचल के परिवहन मंत्री ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि जिन ढाबों या रेस्तरां पर बसें रुकती हैं, उन्हें एचआरटीसी की ओर से मंजूर किया जाता है या नहीं। मगर यह स्पष्ट हो गया है कि बस किस ढाबे में रोकनी है, यह कौन तय करता है।

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हम देखते हैं कि जहां बस रुकती है, वहां पर ड्राइवर और कंडक्टर अलग जगह खाना खाते हैं। जाहिर है, उन्हें अच्छा खाना मिलता होगा और शायद मुफ्त भी। जबकि सवारियां पेरशान रहती हैं क्योंकि खाने की क्वॉलिटी और उसकी कीमत सही नहीं होती। ऐसे में अक्सर यात्रियों का गुस्सा ड्राइवर और कंडक्टर पर ही उतरता है कि बेकार जगह पर क्यों बस रोकी।

कई बार ड्राइवर और कंडक्टरों पर कमीशन खाने के आरोप भी लगते है। मगर हकीकत यह है कि बसें कहां रोकनी है, इसपर ड्राइवर या कंडक्टर का कोई बस नहीं चलता।

परिवहन निगम तय करता है कहां रुकेगी बस

दिल्ली जाते हुए यहां कहीं और जाते हुए या वहां से आते हुए बस खाने के लिए या रिफ्रेशमेंट के लिए कहां रुकेगी, इसका फैसला हिमाचल पथ परविहन निगम का प्रबंधन करता है। और अगर प्रबंधन की ओऱ से तय किए गए ढाबे या रेस्तरां पर ड्राइवर ने ब्रेक नहीं लगाया तो ड्राइवर और कंडक्टर दोनों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

यह पता चला है कि पिछली सरकार के दौरान ढाबों को चिह्नित किए जाने का काम शुरू किया गया था ताकि सही जगहों पर ही बस रोकी जाए। इसके साथ ही ढाबों और रेस्तरां में स्पष्ट मेन्यू रखने का निर्देश था और यह आदेश भी था कि एचआरटीसी के यात्रियों के लिए ये ढाबे/रेस्तरां स्पेशल थाली देगें, जिसका रेट मेन्यू में लिखा होगा। 2014 में यात्रियों से लूट खसोट रोकने के लिए निगम प्रबंधन ने ढाबों के काउंटरों पर रेट लिस्ट और एचआरटीसी का शिकायत नंबर प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया।

मगर अब धीरे-धीरे लूट-खसूट शुरू हो गई है। छह महीने पहले प्रबंधन स्तर पर बदलाव किए गए हैं। साथ ही एचआरटीसी के रीजनल मैनेजर्स को यह बताया गया है कि बसों को कहां पर रोकना है। यानी बस को कहां रोकना है, ये ड्राइवरों-कंडक्टरों के हाथ में भी नहीं है और गालियां उन्हें ही सुननी पड़ती है। ऊपर से प्रबंधन यह मॉनिटरिंग भी नहीं कर रहा कि आपने जो ढाबे चिह्नित किए हैं, वहां खाना की गुणवत्ता और उसका दाम सही है या नहीं।

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ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि प्रदेश से बाहर ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अंदर भी किस ढाबे पर बस रोकी जानी है, यह भी प्रबंधन चिह्नित करता है। इस संबंध में एमबीएम ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संदीप भटनागर से संपर्क साधा तो उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है और ढाबों की जांच की जा रही है।

(ये एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

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