हर्षवर्धन के ऐतिहासिक फैसले को रद्द करने पर पकड़ा गया जे पी नड्डा का सफ़ेद झूठ

केंद्रीय स्वास्थ्यं मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने अपने ही मंत्रालय की उस ऐतिहासिक अधिसूचना को रद्द  कर दिया है , जो पूर्व मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन के कार्यकाल में जारी हुयी थी।  उस ऐतिहासिक अधिसूचना में तम्बाकू सिगरेट बना ने वाली कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए थे की।  बीड़ी सिगरेट तम्बाकू आदि के पैकेट पर 85 % भाग में  वैधनिक चेतावनी के साथ साथ कैंसर से होने वाले नुक्सान के फोटो भी अंकित रहेंगे।  गौरतलब है की भारत में हर साल लगभग दस लाख लोग इन उत्पादों से होने वाले कैंसर से मर जाते हैं।  हर्षवर्धन के कार्यकाल में आई इस अधिसूचना की देश और अंतरास्ट्रीय मंचों पर भी बहुत वाहवाही हुए थी। सूत्रों के मुताबिक़ मंत्रालय ने एक शुद्धि पत्र जारी किया है जिसमे यह कहा गया है की एक  अप्रैल से अब यह नियम लागू नहीं होगा हालाँकि किसी नयी तारीख का जिक्र भी नहीं किया गया है। नड्डा के दस्तखत के बाद इसे अब लागू करने के लिए गजट में छापने के लिए भेजा  गया है।  हालाँकि हस्तक्षार करने के बावजूद भी नड्डा  ने मीडिया के सामने इस बात से साफ़ इंकार कर दिया मंगलवार को अधिसूचना को टाले जाने की सम्भावना पर मीडिया द्वारा पूछे प्रशन में उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया की मंत्रालय का ऐसा कोई विचार नहीं है।  उन्होंने कहा की इस बारे में कोई आपत्ति आने पर मंत्रालय इस पर विचार  करेगा हालाँकि उस से पहले ही वो हस्ताक्षर कर चुके थे।  जनहित से जुडी यह अधिसूचना  उन्हें वापिस क्यों लेनी पड़ी इस पर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं पहले  भी मीडिया में यह खबरे आती रहीं हैं की   ही तम्बाकू और दवा माफिया के दबाब से  सख्त फैसले लेने वाले  मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन को इस मंत्रालय से हटाया गया था।  तो क्या नड्डा उस दबाब के आगे झुक गए हैं इस पर तरह तरह की चर्चा हो रही है। 

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