इन हिमाचल डेस्क।।
जून, 2014 में ब्यास नदी में हैदराबाद के इंजिनियरिंग कॉलेज के छात्रों के बहने का मामला अभी लोगों के जहन में ताजा है। उस घटना के बाद भी कई हादसे हो चुके हैं। हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए आने वाले बाहरी पर्यटक अक्सर चेतावनियों को नजरअंदाज करके नदी किनारे सेल्फी खींचने जा रहे हैं। भले ही किसी डैम से पानी न छोड़ा जा रहा हो, मगर दूर कहीं बादल फटने की वजह से भी अचानक जलस्तर बढ़ सकता है और बिना चेतावनी के सैलाब आ सकता है। इस स्थिति में कोई भी नदी में फंसा हो तो उसका बह जाना तय है। मगर कुछ लोगों का समूह अगर किसी जगह पर अचानक बढ़े जलस्तर में ऐसे ही फंस जाए तो बचने का क्या तरीका है?
बड़ी नदियों का जलस्तर इतना होता है कि उसके सामने किसी का भी ठहरना संभव नहीं। कई बार पानी के साथ-साथ कीचड़, दलदल या चट्टानें भी बह रही होती हैं, जिससे आपके पांव उखड़ने लगते हैं। पानी सिर के ऊफर से भी बह जाए तब भी बचने का चांस नहीं। मगर अगर पानी के स्तर में थोड़ी-बहुत बढ़ोतरी हो, तो आप अगर ग्रुप में हों तो बचने की कोशिश कर सकते हैं। इसके लिए आपको सभी लोगों को एक के पीछे एक खड़े होना होगा, वह भी जलधारा की तरफ मुंह करके। यानी जिस तरफ से पानी आ रहा हो, उस तरफ को सबसे पतले या छोटे शख्स को सबसे आगे खड़ा करें, उसके बाद उससे बड़े या मोटे शख्स और फिर इसी क्रम में खड़े हों। या फिर आप किसी ताकतवर शख्स को भी आगे खड़े कर सकते हैं। आपके हाथ आगे वाले शख्स के कंधे पर होने चाहिए और आगे की तरफ जोर लगना चाहिए।
संभव है कि कुछ मिनटों बाद आप थक जाएं और बाद में ढीले पड़ जाने पर बह जाएं। मगर फिर भी कुछ मिनटों में आपके बचने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। हो सकता है आसपास के लोग आपको रेस्क्यू करने का कोई तरीका ढूंढ निकालें। यह भी हो सकता है कि जलस्तर कम हो जाए। या फिर आप इसी फॉर्मेशन को बनाए हुए धीरे-धीरे किनारे या सुरक्षित जगह की तरफ बढ़ सकते हैं। ध्यान रहे सभी के मूवमेंट का क्रम एकसमान हो।
यह काम कैसे करना है, इसके लिए यह कोरियन विडियो देखें, जिसमें समझाया गया है कि कैसे बचा जा सकता है। फिर भी हमारी सलाह है कि नदियों में न उतरें।