क्या आप हिमाचल प्रदेश के उस वायरल वीडियो को ढूंढ रहे हैं?

इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल में वायरल हुए लड़का-लड़की के वीडियो को या उसमें दिख रहे लोगों की तस्वीरें और नाम शेयर कर रहे लोग ध्यान दें। वे भी ध्यान दें, जिन्हें इन लोगों और इस वीडियो के बारे में जानने में बड़ी दिलचस्पी है।

कुछ समय पहले हिमाचल के एक नेता का कथित तौर पर किसी महिला से संवाद का ऑडियो को लीक हुआ था। उस समय भी इन हिमाचल ने उस संबंध में खबर नहीं छापी थी क्योंकि यह उन दोनों के बीच का निजी संवाद था। उसमें अगर कुछ आपत्तिजनक था तो उसे रिकॉर्ड करना और उसे जारी करने का मकसद। इसके बाद कई ऐसे मौके आए। एक फर्जी पेज ने महिला और उसके पति की कथित प्रेमिका का संवाद ही सोशल मीडिया पर डाल दिया। ऐसे कई मौके आए जब इन हिमाचल ने इस तरह के मामलों में कोई खबर नहीं छापी और न ही आगे छापने की योजना है।

अब हिमाचल प्रदेश में किन्हीं दो नेताओं का वीडियो लीक हुआ है। वे उस वीडियो में क्या कर रहे हैं, यह उनका आपस का मसला है। इसमें कोई दो राय नहीं कि उन दोनों ने इसे रिकॉर्ड करके बेवकूफी की और वे इसी बेवूकफी का खामियाजा भी आज भुगत रहे हैं। मगर सोचिए कि हमें क्यों उनके वीडियो को लेकर या उनकी पहचान को लेकर दिलचस्पी हो रही है?

हम-आप नहीं जानते कि ये वीडियो किस समय का है और किसने किस मकसद से लीक। इतना तय है कि दोनों मे से किसी ने एक से लीक हुआ या लीक किया गया। इसका मकसद भी हमें नहीं मालूम। मगर इतना तय है कि इस वीडियो के कारण इन दोनों के निजी और राजनीतिक जीवन तबाह हो चुके हैं।

उनके गृह जिले के ही और उन्हीं की ही पार्टी के कुछ लोग फेसबुक पर उनकी असली पहचान जाहिर कर रहे हैं, उनकी तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं। हमारे बीच भी बहुत पढ़े हुए लोग इस मामले पर टिप्पणी कर रहे हैं और लिख रहे हैं- इन्हें ऐसा काम करने वक्त सोचना चाहिए था कि क्या कर रहे हैं। लोगों की ये हरकतें और बातें दिखाती हैं कि उन्हें कैसे एक मौका मिल गया है अपनी हताशा निकालने का। मगर वे सोच नहीं रहे कि उनकी हरकत के कारण दोनों में से कोई खुदकुशी कर ले तो क्या होगा।

यह हमारे मतलब का विषय नहीं होता कि दो लोग क्या कर रहे हैं। नैतिकता के लिहाज से उन्हें जज करने का हमें भी अधिकार नहीं क्योंकि इंसान होने के नाते हम असंख्य गलतियां करते हैं, बहुत से ऐसे काम करते हैं जो नैतिकता या कानून सही नहीं कहे जा सकते। भले वे आपको मामूली लगें मगर होते तो वे गलत हैं।

ऐसे में दो पल के लिए ठहरकर जरा आत्ममंथन कीजिए कि जैसे ही आपको इस वीडियो के बारे में पता चला तो क्या आपके मन में जिज्ञासा हुई कि आप भी उसे देखें और नाम जानें कि कौन है लड़की? अगर हां तो आपको पता चल जाएगा कि यही वो सोच है जिस कारण आज भी यौन अपराधों के पीड़ितों का भी नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता।

पीड़ितों को समाज की जिस सोच से बचाने की कोशिश होती है, वह है कि पीड़ितों के बारे में फैंटसाइज़ करने लगना। जी हां, यौन अपराधों जैसे कि बला त्कार की घटनाओं के बाद हमारे बीच के ही लोग यह सोचने लगते हैं कि लड़की देखने में कैसी थी। इसी सोच से ग्रस्त लोग टिप्पणियां करते हैं कि इसमें क्या देखा होगा जो इसका बला त्कार कर दिया। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का उदाहरण देखिए जिसमें उन्होंने हाल ही में यौन शोषण का आरोप लगने पर कहा- शी इज़ नॉट माइ टाइप यानी वो मेरे टाइप की है ही नहीं जो आरोप लगा रही है।

बहरहाल,  हिमाचल की इस घटना से सबक लीजिए। सेक्स अपराध नहीं है। मगर सावधान रहिए कि एक्साइटमेंट में आप कुछ ऐसा न कर रहे हों कि कल को आपको मुश्किल न हो। हिंदुस्तान की पॉर्न साइट्स में 1 प्रतिशत भी प्रफेशनल पॉर्न नहीं है। यानी जैसे अमरीका और अन्य देशों में प्रफेशनल पॉर्न ऐक्टर ऐक्ट्रेस होते हैं, जैसे सनी लियोनी, वैसा भारत में नहीं है। भारत की पॉर्न साइटें इसी तरह के वीडियो से भरी हैं जिन्हें दो लोगों ने आपसी सहमति से बनाया या दोनों में से एक ने वीडियो बना लिया और फिर बाद में वह लीक हो गया।

इसलिए इंटरनेट पर उस लड़का-लड़की के बारे में लिखना, उनके ऊपर लिखी पोस्ट्स को लाइक करना, ढूंढना या वीडियो फॉरवर्ड करना बंद कर दीजिए। क्योंकि ऐसा कोई वीडियो आपका भी हो सकता है, आपके परिवार के करीबी सदस्य का हो सकता है। जरूरी नहीं कि सेक्स का ही हो। किसी ने बाथरूम में या चेंजिंग रूप में हिडन कैमरा करके रिकॉर्ड कर लिया हो। इसलिए हमेशा दूसरों की जगह खुद को रखकर सोचें। नैतिकता से बड़ी चीज़ है विवेक। विवेक का इस्तेमाल करें। वे अगर बेवकूफी कर गए तो आप तो कम से कम समझदारी दिखाइए।

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