इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। महीने भर में शिमला में कई छोटे भूकंपों का केंद्र रह चुका है। इससे पता चलता है कि भूगर्भीय हलचल में तेजी आई है। वैसे भी हिमाचल प्रदेश भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, क्योंकि अभी भी भूगर्भीय प्लेटों के बीच घर्षण हो रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक आशंका जता चुके हैं कि बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। ऐसा हुआ तो तबाही मचना तय है, क्योंकि कांगड़ा में आए 1905 के भूकंप से कोई सबक न लेते हुए हिमाचल में बेतरतीब निर्माण हो रहा है। बहरहाल, जब भूकंप आए, तो उसके नुकसान को कुछ कदम उठाकर कम किया जा सकता है। बस सही जानकारी होना जरूरी है। नीचे लिखी बातों को याद कर लें और बच्चों व परिजनों को भी समझा दें। बातें छोटी-छोटी हैं, मगर काम की हैं-
- भूकंप आते ही तुरंत इमारत से बाहर आने की कोशिश करें। आप जहां कहीं हों, वहां से बाहर खुले मैदान में आ जाएं।
- भूकंप के झटके तेज हों तो कहीं और भागने के बजाय किसी दीवार से सटकर खड़े हो जाएं या फिर बेड, डेस्क आदि जैसे मजबूत फर्निचर वगैरह के नीचे छिपने की कोशिश करें।
- भीड़-भाड़ हो या इमारत से बाहर निकलने के लिए लंबा रास्ता तय करना हो तो स्टेप 2 ही अपनाएं, क्योंकि हड़बड़ी में भूकंप शायद उनका नुकसान न करे, मगर गिरने या भगदड़ मचने से चोट जरूर लग सकती है।
- बड़ी इमारतों, पेड़ों और बिजली के खंबों वगैरह से दूर रहें। लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, क्योंकि लिफ्ट टूटने या फंसने का खतरा बना रहता है।
- भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, ऊपर रखे भारी सामान वगैरह से दूर हट जाएं। यह सामान आपको जख्मी कर सकता है।
- कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
- खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है।
- अगर गाड़ी चलाते वक्त भूकंप का अहसास हो तो सुरक्षित जगह पर सड़क किनारे गाड़ी लगा दें और रुकने का इंतजार करें।
- किसी तरह का नुकसान हो तो तुरंत प्रशासन को जानकारी दें।