आवारा पशुओं से बचने में हिमाचल के हर गांव के लिए मिसाल बनी ये पंचायत

मंडी।। यह जरूरी नहीं हर समस्या के समाधान के लिए सरकार की ओर ही हाथ फैलाएं जाएं। अगर इरादे नेक हो तो जन-सहयोग के आपसी सहयोग से भी बहुत सी समस्याओं से निपटा जा सकता है। जंगली जानवरों व लावारिस पशुओं की समस्या पूरे प्रदेश में विकराल बनी हुई है और किसान सबसे ज्यादा इससे पीडि़त हो रहा है लेकिन भांबला पंचायत वासियों ने कृषि विकास संघ (सध्याणी टिक्करी) के अध्यक्ष व पंचायत उप प्रधान रत्न वर्मा की अगुवाई में इस समस्या से निपटने के लिए बाडबंदी का बीड़ा उठाया। इन्होनें जिला प्रशासन व आपसी सहयोग से क्षेत्र की खेतीबाड़ी को बचाने के लिए अपने बलबूते पर बाडबंदी को लगाकर उजाड़ पड़ी कृषि योग्य भूमि को फिर से हरा भरा कर दिया।

इस समस्या से निपटने के लिए भांबला वासियों ने सामुहिक तौर पर निर्णय लिया वह जन सहयोग व जिला प्रशासन की मदद से प्रभावित क्षेत्र में कंटीली तारों लगाकर अपनी खेतीबाड़ी को बचाएंगे। इसके लिए उप-प्रधान रत्न सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई और प्रत्येक प्रभावित परिवार ने इसमें सहयोग दिया । कृषि विकास संघ (सध्याणी टिक्करी) के अध्यक्ष रतन वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन की विकास में जन सहयोग ग्रामीण योजनाओं के अंतर्गत बाडबंदी योजना को शुरू किया जिसमें 70:30 के अनुपात में जिला प्रशासन ने 9 लाख की राशि स्वीकृत की। जिसके तहत अभी तक 250 बीघा के लगभग कृषि योग्य जमीन को कवर किया गया है जबकि शेष 250 बीघा का कार्य शेष बचा हुआ है जिसपर बाडबंदी का कार्य चला हुआ है। कंटीली तारों से बाडबंदी तो की ही जा रही है साथ ही प्रत्येक गांव में गेट व प्रवेश द्वार भी लगाए गए हैं जहां से लोगों को आवागमन के लिए सुविधा हो शाम को जहां जहां ऐसे गेट व प्रवेश द्वार हैं वहां स्थानीय गांव वासी खुद उन्हें बंद कर देते हैं। इस तरह इस बार पिछले 4-5 वर्षों से उजड़ पड़ी जमीन पर हरी भरी गेहूं की फसल देखने को मिल रही है।

उप प्रधान रत्न वर्मा ने बताया की इस योजना के लिए उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बहुत सहयोग किया उन्होंने समय पर स्वीकृत राशि को जारी कर इस कार्य को रुकने नहीं दिया साथ ही आश्वासन भी दिया की भविष्य में भी यदि इस योजना के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी तो वह इसके लिए भी पंचायत को सहयोग करेंगे । वहीं जिला मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने भी अपनी सांसद निधि से 3.50 लाख रुपये की राशि इस कार्य के लिए दी है। इस कार्य को करने के लिए एक कमेटी का गठन हुआ जिसमें पंचायत उप प्रधान रत्न सिंह वर्मा को अध्यक्ष कश्मीर सिंह कोषाध्यक्ष, अमृत लाल सलाहकार, नंद लाल उपाध्यक्ष व लील देवी को महिला उपाध्यक्ष, हेमराज, राजकुमार, सुबेदार भूमि सिंह, ब्रह्म दास, टेक चंद, ऊषा देवी, आदि को सदस्य नियुक्त किया गया था वहीं वार्ड मेंबर कुलदीप सिंह, मीना देवी आदि ने भी इस कमेटी का भरपूर साथ दिया।

रत्न सिंह वर्मा ने बताया की इस पूरी मुहिम को सिरे चढाने के लिए स्थानीय विधायक कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर ने भी हमें बहुत सहयोग किया उन्होंने हर पढाव पर हरसंभव मदद की चाहे वह बजट लाने की बात हो या अन्य किसी प्रकार की औपचारिकताओं को पूरा करने करवाने की बात हो विधायक महोदय ने आगे बढकर साथ दिया इसके लिए हम समस्त पंचायत वासी उनके तहेदिल से आभारी हैं।

गौरतलब है कि आवारा पशुओं द्वारा फसलों को बर्बाद करना प्रदेश के लिए वर्तमान में सबसे गंभीर समस्या बनी हुई है इसके लिए कोई सरकार को जिम्मेदार ठहराता है तो कोई प्रशासन को। प्रदेश में आजीविका का मुख्य साधन या तो सेवा क्षेत्र है या फिर कृषि। प्रदेश की बहुतायत जनसंख्या अभी भी कृषि पर ही आश्रित है। प्रत्येक परिवार प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से इससे कहीं न कहीं जुड़ा हुआ है। वर्तमान में जिस तरह से आवारा पशुओं द्वारा फसलों को बर्बाद किया जा रहा है उससे सडकों के किनारे लगती लगभग 90% कृषि योग्य भूमि पर किसानों ने खेती करना छोड दिया है। भांबला पंचायत में इस तरह का प्रयास न केवल काबिले तारीफ है बल्कि प्रदेश की अन्य पंचयातों के लिए भी उदाहरण है की किस तरह पंचयातें सरकारी योजनाओं को अगर चाहे तो अपने सहयोग से सिरे चढा सकती हैं।

लेखक- राजेश वर्मा

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