शिमला।।
इन दिनों हिमाचल प्रदेश में वॉट्सऐप में एक ऐसी ऑडियो क्लिप सर्कुलेट हो रही है, जिसमें किसी पुरुष और महिला के बीच की अंतरंग बातें हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के सीनियर मंत्री की आवाज है, मगर इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश के सभी अखबारों में यह खबर ‘सीडी बम’ और ‘टेप बम’ जैसे शीर्षकों के साथ छाई हुई है। बताया जा रहा है कि किसी ने दिल्ली के अड्रेस से यह सीडी भेजी है। मगर यह नहीं बताया जा रहा है कि किसे भेजी है और आखिर कैसे ये रिकॉर्डिंग वॉट्सऐप पर सर्कुलेट होने लगी।
मंत्री की कथित सीडी से ज्यादा चर्चा इस बात की है कि आखिर इसके पीछे हाथ किसका है। |
इस तरह की रिकॉर्डिंग 3 ही तरीकों से रिकॉर्ड हो सकती है। पहला- या तो फोन पर बात कर रहा पुरुष उसे रिकॉर्ड करे, दूसरा- या तो महिला उसे रिकॉर्ड करे या फिर तीसरा- सरकारी एजेंसी फोन को टैप कर रही हो। जानकारों का कहना है कि जिस तरह की बातें हो रही हैं, उससे नहीं लगता कि महिला और पुरुष दोनों में से कोई भी इसे रिकॉर्ड करेगा। इसलिए सीधा शक सरकारी एजेंसियों पर जा रहा है। माना जा रहा है कि इसे सरकारी एजेंसियों ने ही टैप किया है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में फोन टैपिंग नई बात नहीं है। अक्सर सत्ताधारी पार्टियां विपक्ष के नेताओं की टैपिंग करती रही हैं। वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल तक इसी तरह की फोन टैपिंग के मामलों में फंस चुके हैं। ऐसे में इस टेप को भी इसी मामले की अगली कड़ी माना जा रहा है। महिला के साथ बातचीत के अलावा और भी कुछ क्लिप्स शेयर की जा रही हैं, जिनमें हो रही बातचीत साफ नहीं है। मगर उसमें चुनावों का जिक्र है, जिससे पता चलता है कि वह पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान रिकॉर्ड की गई है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि महिला के साथ बातचीत या तो पिछली सरकार के वक्त रिकॉर्ड की गई थी, जिसे किसी साजिश के तहत इस बार जारी किया गया है। या फिर यह भी हो सकता है कि इसी सरकार के दौरान इसे रिकॉर्ड करके जारी किया गया है। चर्चा तो यहां तक है कि अपने बेटे को राजनीति में सेट करने की कोशिश में लगे आला नेता के इशारे पर ही यह काम किया गया है।
गौरतलब है कि एक वक्त उस नेता के खासमखास रहे उस मंत्री ने पिछले चुनावों में खुलकर खुलकर दावेदारी पेश की थी। अफवाहें हैं कि ऐसे में उन्हें राह से हटाने के लिए ही ऐसा किया गया है। लोगों के बीच चर्चा है कि इस मंत्री को ठिकाने लगाने के बाद अब इस कड़ी में अगला नंबर दूसरे सीनियर मंत्री का हो सकता है, जो कि आए दिन आला नेता से नाराजगी का इजहार करते रहते हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह शर्मनाक है और मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि रिकॉर्डिंग में निजी बातें हैं और उनका जनता से कोई सरोकार नहीं है, लिहाजा कार्रवाई उसके खिलाफ होनी चाहिए जिसने रिकॉर्डिंग करके इसे जारी किया है।
बहरहाल, ये सब तो चर्चाएं और अटकलें हैं और इनकी प्रामाणिकता पर विश्वास नहीं किया जा सकता। यह भी नहीं कहा जा सकता कि टेप असली है या नकली और इसमें किसकी आवाज है। यह सब जांच के बाद ही सामने आ पाएगा। मगर इतना तो तय माना जा रहा है कि यह टेप राजनीतिक रणनीति के तहत जारी किया गया है। इस बारे में सरकार या विपक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
(कुछ पाठकों ने ‘इन हिमाचल’ के पास भी रिकॉर्डिंग भेजी थी, मगर संपादकीय बोर्ड ने इसे अप्रामाणिक व निजी मानते हुए और इसमें जनता का कोई हित न देखते हुए शेयर न करने का फैसला किया है।)