काहे का धरना, काहे का आक्रोश? फोटो खिंचवाने का ही था जोश!

शिमला।।

कुछ दिन पहले शिमला में बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने आए युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई थी। जमकर मारपीट हुई थी और कई लोग जख्मी हुए थे। झड़प में जख्मी हुए एक बीजेपी कार्यकर्ता को अपनी आंख भी गंवानी पड़ी है। बीजेपी ने मंगलवार को शिमला में प्रदेश सरकार पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए और बीजेपी कार्यालय पर हुए ‘हमले’ के खिलाफ प्रदर्शन किया। मगर यह प्रदर्शन मजाक बनकर रह गया।

देखिए तस्वीरें और खुद तय कीजिए। धरना और विरोध आक्रोश यानी गुस्से में किया जाता है। उसमें तेवर होते हैं, जो चेहरे पर नजर आते हैं। मगर प्रदेश में राजनीतिक धरने-प्रदर्शन फॉरमैलिटी बनकर रह गए हैं। मानो फोटो खिंचवाने का मौका हो। सब नेता ऐसे ही नजर आए।

‘लो जी, जल्दी खींचो फोटो’
‘फोटो सही आनी चाहिए भाई’
‘मजे हैं, विधानसभा से वॉकआउट करते-करते बोरियत होने लगी थी ‘
‘ए ता बड़े लोग होई गै कट्ठे’
‘स्माइल प्लीज़’
‘अखबार में आना चाहिए’
‘बड़े नेता ही देखे थे ऐसे फोटो खिंचवाते, हम भी खिंचवाएंगी आज’
‘चलो, फोटो तो आई’
‘मेले टाइप की फीलिंग आ रही है’
विक्ट्री सिंबल क्यों बनाते हैं, पता नहीं है
‘चलो, एक और दिन कट गया’
‘मजा आ गया आज तो’
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