शिमला।।
बीजेपी ने बुधवार को सदन से एक बार फिर वॉकआउट कर किया। इस बार बीजेपी ने वन कटान को लेकर यह कदम उठाया।
मॉनसून सेशन के चौथे दिन भी बीजेपी ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि चंबा और तारादेवी में हजारों पेड़ काट दिए गए।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र शिमला रूरल में पेड़ कटने का मामला भी उठाया गया। विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विपक्ष ने सदन के अंदर जमकर नारेबाजी की। बीजेपी ने चंबा में 1807 पेड़ों के कटान की रिपोर्ट आने की बात कर वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का इस्तीफा तक मांग लिया।
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इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पेड़ों की मार्किंग बीजेपी शासनकाल में हो गई थी और अब विपक्ष इसका ठीकरा सत्ता पक्ष के सिर फोड़ रहा है। सीएण ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए चंबा में हरे पेड़ों को मार्क कर दिया।
सरकार और विपक्ष में तीखे सवाल-जवाबों का दौर चला, हंगामा हुआ और आखिर में प्रेम कुमार धूमल ने वॉकआउट का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि सोमवार को भी बीजेपी ने वॉकआउट कर दिया था।
बीजेपी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वॉकआउट करने के लिए बुरी तरह बदनाम हो चुकी है। मुद्दों को उठाना तो अलग बात है, मगर शोर-शराबा करने के बाद वॉकआउट करना और बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों के सामने नारेबाजी करना बीजेपी का ट्रेंड बन गया है।
सोशल मीडिया पर बीजेपी के प्रति झुकाव रखने वाले युवा भी इस व्यवहार से आजिज आते दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि मीडिया में खबर बनाने के लिए प्रेम कुमार धूमल वॉकआउट की रणनीति बना रहे हैं, जबकि उन्हें सदन में तार्किक बहस करते हुए सरकार को घेरना चाहिए।
गौरतलब है कि हर साल सभी सेशंस में बीजेपी कई मुद्दों को लेकर वॉकआउट कर चुकी है।