क्यों प्रदेश के ब्रैंड ऐंबैसडर नहीं बनते हिमाचली सितारे?

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शिमला।।
हिमाचल प्रदेश सरकार चाहती है कि कंगना रणौत को राज्य का ब्रैंड ऐंबैसडर बनाया जाए। मगर ऐसा होना संभव नजर नहीं आता। दरअसल इससे पहले की सरकारें भी हिमाचली कलाकारों प्रीति जिंटा और अनुपम खेर वगैरह को ब्रैंड ऐंबैसडर बनाने की कोशिश कर चुकी हैं, मगर ये स्टार नहीं माने।
दरअसल ब्रैंड ऐंबैसडर बनने के लिए ये स्टार बहुत ज्यादा रकम की मांग करते हैं। इतनी रकम देने को हिमाचल प्रदेश सरकार सही नहीं मानती। राज्य पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष मेरजरविजय सिंह मनकोटिया कंगना को ब्रैंड ऐंबैसडर बनाने की कोशिश करने की बात कर रहे  हैं। मगर इस बात की पूरी संभावना है कि उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी।
तस्वीर: Mid-Day
दरअसल कंगना एक सफल अभिनेत्री बन चुकी हैं और उनकी बॉलिवुड में डिमांड बढ़ चुकी है। प्राइवेट इवेंट्स में शिरकत के लिए ही वह करोड़ों रुपये चार्ज करती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ब्रैंड ऐंबैसडर बनने के लिए वह बहुत ज्यादा रुपये मांगेंगी। हिमाचल प्रदेश सरकार शायद ही उस रकम के लिए राजी हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंगना ने भी कहा था कि उन्हें हिमाचल का ब्रैंड ऐंबैसडर बनने में फिलहाल कोई रुचि नहीं है। अहम सवाल यह है कि क्या पैसा ही कलाकारों के लिए सब कुछ है। प्रदेश के लोग इन स्टार पर गर्व करते हैं कि वे हिमाचल से हैं। उनके प्रति अपनापन रखते हैं। मगर ये स्टार क्या प्रदेश के मामले में भी पैसा देखेंगे?
बहरहाल, सबकी अपनी सोच है और सबको अपनी मर्जी से चलने का अधिकार है। मगर अच्छा होगा, अगर तमाम स्टार प्रदेश के लिए पैसे को अहमियत न दें।