‘राम के स्वरूप’ या खुद ‘राम’, कौन संभालेगा बीजेपी की कमान?

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इन हिमाचल डेस्क 
बढ़ती सर्दी और राजनितिक गर्मी के मिले जुले मौसम में हिमाचली नेताओं की दिल्ली टूरिंग शबाब पर है।  एक पार्टी प्रेजिडेंट हाउस जाती है तो मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी बेचारगी प्रस्तुत करते हैं।  न्यायलयों में चल रहे मामलों का राजनीति के अखाड़ों में हो रहा यह मल्ल युद्ध अपने आप में भारतीय न्याय वयस्था पर प्रश्नचिन्न लगाता है।  खैर मुद्दे की बात यह है की की बी जे पी नेताओं की जो टोली दिल्ली गयी थी उसमे सांसदों के अलावा पार्टी अध्य्क्ष पद के सभी संभावित चेहरे शामिल थे।  रणधीर शर्मा , राजीव बिंदल , जय राम ठाकुर और पंडित रामस्वरूप हालाँकि कांगड़ा से विपिन परमार क्यों नहीं आये इस पर संशय हो रहा है।  अटकलें लगायी जा रहीं है की  एंटी धूमल खेमा विपिन परमार को भी भरोसेमंद नहीं समझता है।
धूमल खेमे की जहाँ पूरी कोशिश है की रणधीर शर्मा के सर ये  ताज सजे वहीँ।  एंटी धूमल खेमा जय राम ठाकुर में अपने समीकरण देख रहा है।  केंद्र में बैठे एक नेता के हनुमान कहलाने वाले जयराम ठाकुर को कांगड़ा के बुजुर्ग नेता का भी पूरा समर्थन हासिल है।  जय राम ठाकुर पहले भी प्रदेश बी जे पी के अध्य्क्ष रह चुके हैं और जिला मंडी से आते हैं।  कांगड़ा के बाद मंडी  10 सीट के साथ प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा पोलिटिकल प्रभाव वाला जिला है।  रणधीर शर्मा के साथ दिक्कत यह है की वर्तमान प्रेजिडेंट सत्ती भी इसी लोकसभा क्षेत्र से हैं , विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल इसी लोकसभा से हैं युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अद्यक्ष  अनुराग ठाकुर केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा सब हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सबंधित हैं एक ही क्षेत्र से सब कुछ होना पार्टी की नजर में आ रहा है साथ ही   बिना नड्डा के  बिलासपुर से रणधीर पर सहमति बनना मुश्किल  है।
जय राम ठाकुर पर एंटी धूमल खेमा डबल दाँव खेलने की तैयारी में है ज़ाहिर है जय राम लगातार पांचवा चुनाव जीत कर विधानसभा में आये है।  और बेदाग़ छवि के आदमी रहे हैं। जय राम ठाकुर अगर प्रदेश अद्यक्ष बन जाते है तो 2017 में नड्डा के प्रदेश की राजनीति में न आ पाने की स्थिति में जय राम ठाकुर धूमल के सामने यंग फेस के रूप  में मुख्यमंत्री के लिए टक्कर ददे सकते हैं , ऐसा इस खेमे का मानना है। प्रदेश के मध्य मंडी से सबंधित होने के कारण जय राम पुरे हिमाचल की राजनीति में प्रभाव बना सकते हैं।  इसलिए  बी जे पी का एक खेमा पूरी कोशिश में है की सिर्फ नड्डा ही नहीं 2017 में बुजुर्ग होते धूमल के सामने जय राम ठाकुर को भी एक विक्लप  बनाकर पेश किया जाए।
अब यह समीकरण नहीं बैठा तो मंडी के सदाबहार सांसद पंडित रामस्वरूप तो हर जगह फिट होने वाले व्यक्ति हैं ही जिनके अध्य्क्ष बनने पर कम से कम 2017 तक कोई उठापटक नहीं होगी धड़ों में आपसी मारामारी नहीं आएगी।  इसलिए इस गुट की चली तो या जय राम या उनके स्वरुप इनमे से एक का अध्य्क्ष बनाये जाने का फरमान कुछ दिनों में आ जायेगा।  बाकी बिंदल साब से सब डरते हैं कोई नहीं चाहेगा बिंदल अद्यक्ष बनें।