क्यों भई, बस शिक्षक ही सरकारी कर्मचारी हैं क्या?

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राजेश वर्मा।। तबादला नीति सबके लिए बननी चाहिए। सभी को पता है कि शिक्षा विभाग ही नहीं, अन्य विभागों में नियुक्त कर्मचारी भी जिला, तहसील व घरों के नजदीक दशकों से डेरा जमाए बैठे हैं। क्या बिजली विभाग, क्या आईपीएच, क्या स्वास्थ्य संस्थान, क्या तहसील कार्यालय, क्या एसडीएम कार्यालय, क्या पुलिस विभाग, क्या राजस्व विभाग, क्या पंचायती राज, क्या कृषि विभाग, क्या बागवानी विभाग, क्या चुनाव विभाग। सभी विभागों में ऐसे कर्मचारी मिल जाएंगे जो तीन वर्षों से नहीं बल्कि दस-दस वर्षों से एक ही जगह और घरों के नजदीक दुबके हुए हैं। क्या उनके ऊपर कोई नीति लागू नहीं होती या होगी?

मीडिया के लोगों से भी आह्वान है कि तबादला नीति पर निष्पक्षता से अपना पक्ष रखें केवल शिक्षकों पर ही ऐसी न्यूजों को भुनाकर न तो आमजन का भला होगा न ही प्रदेश का। मैं किसी शिक्षक का बचाव नहीं कर रहा बस निवेदन है सभी कर्मचारियों पर यह नीति लागू हो और सभी के तथ्यों को ध्यान में रखा जाए।

आम नागरिक केवल शिक्षक से ही प्रताड़ित नहीं होता उसे किसी कार्यालय का कोई बाबू भी खज्जल करने से कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। उसे राजस्व विभाग में कोई पटवारी भी तंग करने वाला मिल जाता है उसे आईपीएच विभाग के लोकल कर्मचारी से भी प्रताडि़त होना पड़ता है। उसे बिजली विभाग में दशकों से एक स्थान पर तैनात कर्मचारी भी प्रताड़ित करने से नहीं हिचकता।

इसी तरह कमोबेश सभी विभागों में ऐसे कर्मचारी मिल जाएंगे लेकिन उन सभी कर्मचारियों में सभी नहीं कुछेक ही ऐसे होते हैं जिनका स्थानांतरण जरूरी होता है लेकिन हम बात सिर्फ शिक्षक की ही करते हैं। आखिर क्यों? कर्मचारी तो कर्मचारी है, अच्छे बुरे हर विभाग में हैं, इसलिए नीतियां सभी के लिए एक समान बने।

याद रहे मीलों पैदल चलकर सिर्फ एक शिक्षक को ही चलना पड़ता है। अन्य विभागों के कार्यालय सड़क के किनारे ही सटे होते हैं इस बात को न भूलें। नीति सबके लिए बने फिर वह चाहे कोई भी हो क्योंकि शिक्षक भी इस प्रदेश का ही नागरिक है बाहरी नहीं। सलाम है माननीय शिक्षा मंत्री जी की सोच को जो उन्होंने खुद आगे बढ़कर कहा कि “मैं चाहता हूं कि तबादला मंत्री नहीं बल्कि शिक्षा मंत्री” के नाम से जाना जाऊं। जरूरत है सभी को यह सोच अपनाने की।

(स्वतंत्र लेखक और शिक्षक राजेश वर्मा बलद्वाड़ा, मंडी के रहने वाले हैं और उनसे 7018329898 पर संपर्क किया जा सकता है।)

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