प्यारे हिमाचलियो! नेताओं को छोड़ो, अपना ख्याल रखो प्लीज

प्रतीकात्मक तस्वीर

इन हिमाचल डेस्क।। देश में कोरोना की वजह से लगातार खराब होते हालात अब हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। हिमाचल में भी रोजाना न सिर्फ एक हजार से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं बल्कि आठ से दस लोगों की जान भी जा रही है। ये हाल तब हैं जब अधिकतर लोग फ्लू जैसे लक्षण होने पर भी टेस्टिंग नहीं करवा रहे और इधर-उधर घूमते हुए दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश समेत देशभर में कोरोना क्यों फैला, इसकी वैज्ञानिक वजहों को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है। कुछ एक्सपर्ट इसके लिए वायरस के नए वेरियंट को जिम्मेदार मान रहे हैं जो पहले से ज्यादा संक्रामक और घातक है। लेकिन यह भी एक बड़ी वजह है कि लोगों ने डरना छोड़कर एक तरह से यह मान लिया था कि कोरोना खत्म हो चुका है।

देश में जब कोरोना संक्रमण के हर दिन के मामले न्यूनतम स्तर पर पहुंचे थे, तब लोगों ने सोचा कि यह महामारी खत्म होने वाली है। लगभग एक साल से सख्त नियमों और बंदिशों का पालन कर रहे लोग इस साल की शुरुआत से ही लापरवाह होने लगे थे। बाकियों को छोड़ दें, जो लोग सही से मास्क पहनते थे या हाथ धोने और सैनिटाइज़र के इस्तेमाल को तरजीह देते थे, वे भी वायरस को हल्के में लेने लगे थे।

हमारी लापरवाही
इस बीच जब होली और अन्य त्योहार आए तो हमने सोचा कि क्यों न अब एक साल की बंदिशों के बाद आजादी का जश्न मनाया जाए। आप जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कई गांवों में होली की टोलियों में शायद ही किसी ने मास्क पहना था। अन्य निजी, सरकारी समारोहों में भी खुलकर सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं। चुनाव हुए, मेलों का आयोजन हुआ तो उसमें भी लोग मास्क को नाक से नीचे सरकाए घूमते रहे। यही वजह रही कि संक्रमण तेजी से फैला और आज उसका घातक रूप देखने को मिल रहा है।

जब सख्ती बढ़ाई जाने लगी है तो अब लोग सरकार, नेताओं और अधिकारियों से कह रहे हैं कि आप नियमों का पालन क्यों नहीं कर रहे। होना भी चाहिए। नेताओं का काम है एक उदाहरण पेश करना। मगर ऐसा हो नहीं रहा । प्रदेश ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी नेता उदाहरण पेश करने में विफल रहे हैं। पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में हो रहे चुनावों के प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री और मुख्यमंत्री समेत लगभग सभी दलों के नेताओं का जमकर प्रचार करना और भारी लोगों की जनसभाओं को जुटाना जारी रखा है। ऐसे में लोगों का कहना है कि वहां पर रोक क्यों नंहीं लग रही?

गैर-जिम्मेदार नेताओं की ऐसी-तैसी
परेशान लोगों को लगता है कि हमपर तो बंदिशें थोप दी जा रही हैं लेकिन नेता खुद नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस महामारी में हर कोई अपने लिए खुद जिम्मेदार है। नेताओं के पास पैसा है और प्रभाव है, पहुंच है, जान-पहचान है। वे सरकारी नहीं तो किसी निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकेंगे। हालांकि इसमें भी उनकी जान को खतरा रहेगा क्योंकि कोई नहीं जानता कि यह वायरस कब किसे लील जाए।

हिमाचल वासियो, देश का सरकारी तंत्र लड़खड़ा सा गया है, कई राज्यों में आईसीयू बेड्स से लेकर ऑक्सिजन तक की कमी हो गई है। गाजियाबाद जैसे शहर से ऐसा मंजर देखने को मिला कि शवों का अंतिम संस्कार सड़क किनारे फुटपाथ तक पर करना पड़ रहा है। इसलिए सोचिए, अगर आप बीमार हुए तो आपको न तो वीआईपी ट्रीटमेंट मिलेगा और न प्रदेश से बाहर के निजी अस्पतालों में इलाज का खर्चा आप उठा पाएंगे।

प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़…
इसलिए आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि अगर आपको नेताओं के आचरण और उनके द्वारा कोविड नियमों के खुलेआम उल्लंघन से आपत्ति है तो उसे व्यक्त कीजिए। खुलकर व्यक्त कीजिए। सोशल मीडिया पर लिखिए। इन हिमाचल भी आपका साथ देगा और दे भी रहा है। लेकिन अपने स्तर पर नियमों का पालन कीजिए। भूल जाइए कि सरकार और उसमें बैठे लोग क्या कर रहे हैं। सरकार ठप नहीं हो सकती और नेता भीड़ जुटाने से बाज नहीं आएंगे। लेकिन आप भी तो अपनी समझ इस्तेमाल कीजिए। आपको कोई डंडे मारकर तो किसी सभा में नहीं ले जा रहा? फिर क्यों आप जाते हैं? जब लोग जुटना बंद हो जाएंगे तो इन राजनेताओं को अपने आप आईना दिख जाएगा।

और अपने निजी समारोहों में कम से कम भीड़ रखिए। न तो भीड़ भरे आयोजनों में जाएं न ऐसे आयोजन करके लोगों को बुलाएं।  मास्क ढंग का पहनिए और सही ढंग से पहनिए, हाथ धोइए, सैनिटाइज कीजिए और भीड़ में जाने से बचिए। हर उस नियम का पालन कीजिए जो आपको संभावित संक्रमण से बचा सकता है। अगर कोई नियमों का पालन नहीं कर रहा तो उसे टोकिए। भले अपना हो या पराया। क्योंकि ये उसकी नहीं, आपकी जान का भी सवाल है। आपके परिजनों की सेहत का भी सवाल है। हम कई बार दबाव में आ जाते हैं कि कोई हमें ओवर स्मार्ट समझेगा कि मास्क लगाकर आया है। उसे समझने दीजिए, बस अपनी सेहत का ख्याल रखिए। क्योंकि कल को आप बीमार होंगे तो ये टिप्पणी करने वाले आपकी मदद करने नहीं आएंगे।

यही कामना है कि आप स्वस्थ रहें और हम सभी जल्द इस महामारी से मुक्ति पाकर सामान्य जीवन जी पाएं।

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