आरक्षण के बवाल के बीच एक हिमाचली ने मोदी को लिखा पत्र : सुझाया नया रास्ता

विजय इंद्र  चौहान।

हरियाणा में  आरक्षण के लिए जाट कम्युनिटी द्वारा किये गए हिंसक आंदोलन के बीच हिमाचल प्रदेश के पालमपुर निवासी विजयेन्द्र  चौहान ने प्रधानमंत्री को इस इशू पर एक पत्र भेजा है।  आप भी पढ़िए और जानिये क्या लिखा है चौहान जी ने इस पत्र में।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,

पिछले कुछ समय से सामान्य वर्ग के कुछ लोग उनकी जाति के लिए आरक्षण की बहुत मांग करने लगे हैं। एक जाति का आंदोलन खत्म होता है तो दूसरी जाति वाले खड़े हो जाते हैं। कब तक हम एक के बाद एक आंदोलनों को बर्दाश करते रहेंगे। यह तो हम सभी को पता है कि जो लोग आंदोलन को शुरू करते है उनका आरक्षण से कोई लेना देना नहीं होता। उनको तो बस अपनी राजनीति की रोटीआं सेकनी होती है और फिर उसमे मासूमो की जान जाए तो जाए और देश की करोडो की सम्पति का नुक्सान होता है तो भी किसको फर्क पड़ता है।

हमारे देश में आरक्षण शुरुआत में उन जातिओं को दिया गया था जो सामाजिक रूप से बहुत पिछड़ी हुई थी और जो सदिओं से शोषण का शिकार थी। वैसे तो अब आजादी के 70 साल बाद तक जात पात का कोई भी भेदभाब नहीं होना चाहिए था और जाति के आधार पर दिया हुआ आरक्षण भी खत्म हो जाना चाहिए था पर अगर अभी तक हम इस जाति पे आधारित आरक्षण को खत्म नहीं कर पाए हैं तो कम से कम नई सामान्य वर्ग की जातिओं को तो इसमें शामिल न करें। सामान्य वर्ग के लोगों को जाति पर आधारित आरक्षण कैसे दिया जा सकता है न तो यह वर्ग सामाजिक रूप से कभी पिछड़ा रहा है और न ही उसका कभी शोषण हुआ है। सामान्य वर्ग में गरीबों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए न की जाति पर आधारित आरक्षण।

फिर भी अगर सामान्य वर्ग के कुछ लोग जाति पर आधारित आरक्षण की मांग करते हैं और सरकार के पास आरक्षण देने के वजाए कोई चारा नहीं रहता है तो कुछ ऐसा किया जाना चाहिए जिससे यह लोग सामान्य वर्ग से हट कर किसी आरक्षित दलित जाति में चले जाए। आरक्षण तो मिलेगा ही साथ में वह जाति भी मिल जाएगी जिसको मूलतः आरक्षण दिया गया था। जन्म पर आधारित जाति और आरक्षण को खत्म कर कर दिया जाना चाहिए और जो लोग आरक्षण के लिए अपनी जाति छोड़ के पिछड़ी जाति में जाना चाहते है उन्हें जाने दिया जाए। फिर देखते हैं कितने उच्च वर्ग के लोग आरक्षण के लिए दलित या पिछड़ी जाति वाला कहलाना चाहेंगे।

धन्यवाद।

“लेखक  पेशे से सॉफ्टवेयर सेक्टर के एम्प्लोयी हैं और अभी गुड़गावं में एक बहुराष्ट्रीय  कंपनी में कर्यारत हैं। ” 

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