शिमला।। हिमाचल प्रदेश में स्वाइन फ्लू दस्तक दे चुका है, 4 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं और कई लोग अस्पताल में जूझ रहे हैं। आलम यह है कि एक-दो बड़े अस्पतालों के अलावा कहीं और स्वाइन फ्लू की दवाइयां नहीं और मंडी और शिमला के अलावा किसी और हॉस्पिटल में टेस्टिंग की सुविधा नहीं। इस बारे में जब मुख्यमत्री वीरभद्र से मीडिया ने पूछा कि सरकार की क्या तैयारी है तो उन्होंने कहा- होता रहता है ,जहां आबादी होगी वहां कोई न कोई बीमारी तो होगी ही। इसके बाद मुख्यमंत्री बिना कोई चिंता जताए और कड़े कदम उठाने की बात कहे बगैर वहां से मुस्कुराते हुए चले गए।
यह दिखाता है कि दांत का इलाज करवाने पीजीआई और आंख का इलाज करने चेन्नई जाने वाले मुख्यमंत्री को हिमाचल की जनता की कितनी फिक्र है। अगर वक्त पर पहचान होती और वक्त पर दवाइयां मिलतीं और इलाज शुरू होता तो लोगों की जान न जाती। जिनके परिवार का एक सदस्य भी गया है, क्या मुख्यमंत्री को अहसास है कि उन्हें कैसा महसूस हो रहा होगा? पूरा वीडियो देखें, जिसमें आखिर में मुख्यमंत्री का बयान भी है।
यह बयान न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना और संवेदनहीन है बल्कि दिखाता है कि हमारा हितैषी होने का दिखावा करने वाले राजनेताओं को हमारी कितनी फिक्र है। अब भी सरकार नहीं चेती है और स्वाइन फ्लू को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं उठाए गए हैं। चुनाव का सीजन है तो शायद सारा पैसा घोषणाओं, शिलान्यासों और प्रमोशन पर लग रहा होगा। जनता जाए भाड़ में। ‘इन हिमाचल’ मुख्यमंत्री वीरभद्र के इस बयान की खुलकर आलोचना करता है और इसे शर्मनाक मानता है।