कांगड़ा।। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सुलझे हुए राजनेता के तौर पर लिया जाता है, मगर उन्होंने एक जनसभा में निजी टिप्पणी कर डाली। बनखंडी में जनसभा में उन्होंने देहरा के विधायक रविंद्र रवि को लेकर कहा- मैं रविंद्र रवि को उस समय से जानता हूं, जह वह राजनीति में नहीं थे और पालमपुर में एक खोखे में अंडर गारमेंट्स बेचा करते थे और आज दौलतमंद हो गए हैं।
‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट के मुताबिक आगे उन्होंने कहा कि एक-एक की हिस्ट्री जानता हूं कि कौन कितने पानी में हैं। षड्यंत्रकारी जो खेल खेल रहे हैं मैं उसका चैंपियन हूं और यह आखिरी चेतावनी है। षड्यंत्र से राजनीति नहीं चलती है और न ही ऐसे लोग कामयाब हो पाते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी को गैरजरूरी और अमर्यादित माना जा रहा है। प्रबुद्ध तबके में चर्चा है कि पहली बात तो मुख्यमंत्री को यह समझनी चाहिए कि कोई कैसा भी काम करता हो, उसकी इज्जत करनी चाहिए। यह बताने का क्या तुक बनता है कि पहले वह फ्लां काम करता था और आज यह काम करता है।
जिस दौरान मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी की, लोग हंसते नजर आए। इससे साफ पता चलता है कि जनता के बीच किसी का मखौल उड़ाने के इरादे से यह टिप्पणी की गई थी, जो कि और भी गलत है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मुख्यमंत्री ने किसी काम के आधार पर बांटा है। उन्होंने एक बार पहले भी सफाई कर्मचारियों को हेय बताते हुए भाजपा पर टिप्पणी की थी। उस पर आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।