शिमला।। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की कुल 169 तहसीलों-उपतहसीलों में से 91 में बंदरों को वर्मिन यानी नुकसानदेह जीव घोषित कर दिया है। केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 21 फरवरी 2020 तक बंदरों को मारने की इजाजत रहेगी।
इससे पहले बंदरों को शिमला नगर निगम और 38 तहसीलों में वर्मिन घोषित किया गया था जिसकी मियाद 20 दिसंबर, 2018 को खत्म हो गई थी। इसके बाद बंदरों को मारा नहीं जा सकता था।
हालांकि वर्मिन घोषित होने से कुछ होगा नहीं क्योंकि पहले भी जब बन्दर वर्मिन घोषित थे, लोगों ने बन्दर मारे नहीं। सरकारों ने अपने स्तर पर कुछ किया नहीं और बंदरों की समस्या बढ़ गई।
हिमाचल ने पिछले दो साल से शिमला और 38 तहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित करने के लिए केंद्र से मांग की थी और केंद्र ने वर्मिन घोषित भी किया था। मगर दो साल में सिर्फ पांच बंदर ही मारे जा सके।
लोगों के बंदर मारने में रुचि न दिखाने के बाद ही इस बर जब वर्मिन मियाद बढ़ाने के लिए आवेदन किया तो केंद्र ने मारे गए बंदरों की संख्या पूछ ली। इसके बाद प्रदेश की जयराम सरकार को काफी प्रयास करने पड़े, जिसके बाद अब केंद्र ने वर्मिन घोषित किया है।
अब बंदर मारने के बाद मारने वाले को स्थानीय वन अधिकारी को सूचना देनी होगी जिसके बाद वह शव को अपने कब्जे में लेकर तय मानक के अनुसार उसका अंतिम संस्कार करेगा और 500 रुपये देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर देगा।
कहां-कहां वर्मिन हुए घोषित
केंद्र की अधिसूचना के अनुसार चंबा के चुराह, भरमौर, डलहौजी, भटियात, सिहुंता और चंबा तहसील/उप तहसील में बंदर वर्मिन घोषित किए गए हैं। कांगड़ा के कस्बा कोटला, जस्वां, देहरा गोपीपुर, खुंडियां, जयसिंहपुर, बैजनाथ, धर्मशाला, शाहपुर, नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, जवाली, कांगड़ा, पालमपुर और बड़ोह, बिलासपुर के झंडूता, भराड़ी, घुमारवीं, नयना देवी, बिलासपुर सदर और नम्होल, ऊना के भरवाईं, अंब, ऊना, हरोली और बंगाणा, शिमला के सुन्नी, ठियोग, कोटखाई, कुमारसैन, चौपाल, रोहडू, जुब्बल, चिरगांव, कुपवी, ननखड़ी, टिक्कर, जुन्गा, शिमला ग्रामीण, रामपुर और नेरवा शामिल हैं।
इसके अलावा पांवटा साहिब, ददाहू, पझौता, नौहरा, पच्छाद, राजगढ़, रेणुका, शिलाई, कमरऊ, अर्की, कंडाघाट, रामशहर, कृष्णगढ़, नालागढ़, कसौली, सोलन और दाड़लाघाट, मंडी, थुनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर, पधर, लडभड़ोल, सरकाघाट, धर्मपुर, सुंदरनगर, निरमंड, बंजार, आनी, मनाली, कुल्लू और सैंज, हमीरपुर, भोरंज, नादौन, सुजानपुर, बड़सर, बिजड़ी, किन्नौर जिले की निचार, पूह, कल्पा, सांगला और मोरंग तहसीलें/उप तहसीलें शामिल हैं।