स्वारघाट आईटीआई में भूत का खौफ, बेहोश हो जाती हैं छात्राएं

2

बिलासपुर।। राजकीय आईटीआई स्वारघाट में इन दिनों अजीब माहौल देखने को मिल रहा है। पिछले 1 हफ्ते से यहां से पढ़ाई कर रहीं 4-5 लड़कियां भूत-भूत कगते हुए घबरा जाती हैं और जमीन पर रेंगने लगती हैं। कुछ बेहोश भी हो जाती हैं। ऐसा ही मंगलवार सुबह साढ़े 9 बजे दोबारा हुआ। बाजार के बीच में स्थित आईटीआई में राष्ट्रगान के दौरान 5 छात्राएं बेहोश हो गईं और चिल्लाने लगीं। अजीबो-गरीब आवाजें निकाल रही लड़कियों से सभी डर गए। पास से ही किसी केमिस्ट शॉप से भी किसी को बुलाया गया मगर हालात में सुधार नहीं हुआ। संस्थान प्रबंधन ने तंत्र-मंत्र का सहारा लेने का फैसला किया।

प्रबंधन के सदस्यों ने छात्राओं के हाथ-पैर की मालिश की और परिजनों को सूचित कर दिया। संस्थान में लोगों का जमघट लग गया था। कुछ लोग मोबाइल पर मंत्र चलाकर इन लडकियों सुना रहे थे। कुछ सिर पर नींबू और मिर्च सिर पर घुमा रहे थे। आखिर में स्थानीय मस्जिद से मौलवी को बुलाया गया। मौलवी ने आते ही हाथ में पानी लिया और कुछ कहा। फिर उसने उस पानी से महिलाओं के मुंह पर छींटे मारे। थोड़ी देर में 4 लड़कियां तो होश में आ गईं लेकिन एक चिल्लाती रही। मौलवी का कहना था कि यह भूत-प्रेत का मामला नहीं है।

प्रबंधन ने मौलवी को बुलाया।

उधर सड़क से गुजर रहा एक बाबा भी मामले का पता चलने पर आईटीई में घुस आया। वह कहने लगा कि मेरे होते हुए कोई भूत किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। काफी देर तक ड्रामा चलता रहा। आखिर में परिजन अपनी बेटियों को घर ले गए। तब जाकर सब कुछ शांत होता दिखने लगा।  आई.टी.आई. प्रबंधन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से लड़कियों के साथ ये घटनाएं हो रही हैं। पहले यह घटनाएं संस्थान के कमरे में जाने पर होती थीं लेकिन आज तो प्रार्थना सभा में ही लड़कियां चीखने-चिल्लान लगीं। बेहोश होने वाली छात्राओं में 1 विवाहित तथा 4 अविवाहित हैं।

सड़क से जा रहा एक बाबा भी कैंपस में घुस आया।

मौलवी का कहना है कि इंस्टिट्यूट में भूत-प्रेत जैसा कुछ नहीं है, मगर अभिभावकों का कहना है कि संस्थान में आते ही उनके बच्चों को कुछ हो जाता है। सिर्फ 5 छात्राओं के साथ ही इस तरह की घटनाएं हो रही है। इसलिए आईटीआई प्रबंधन ने मनोचिकित्सकों की मदद लेने के बजाय इन छात्राओं के पैरंट्स से कहा है कि कुछ दिन बच्चियों को न भेजें ताकि वे आराम कर सकें। साथ ही इस बीच प्रबंधन यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि अन्य छात्रों पर क्या असर होता है।

इन हिमाचल की राय: इन हिमाचल का मानना है कि सरकारी संस्थानों को साइंटिफिक अप्रोच अपनानी चाहिए। संस्थान में तांत्रिकों को बुलाना सही नहीं है। इसके लिए बेहतर होता कि यह जानने की कोशिश की जाती कि इन 5 बच्चियों के साथ समस्या क्या है। अक्सर देखने को आता है कि कोई एक शख्स निजी परेशानी की वजह से अजीब व्यवहार करता है और भ्रम का शिकार होता है और बाकी लोग घबराकर या उसके प्रभाव में आकर वैसा ही व्यवहार करने लग जाते हैं। इस प्रक्रिया को ‘मास हिस्टीरिया’ कहा जाता है यानी एकसाथ बहुत से लोगों का अजीब तरह से व्यवहार करना। यह सामान्य घटना है और मनोचिकित्सकों की मदद ली जानी चाहिए। झाड़-फूंक के चक्कर में इन बच्चों के मन में और गहरा डर बैठ सकता है।