मजबूर पर्यटकों को ठगते ऑनलाइन बुकिंग ऐप्स और होटेल वाले

शिमला।। सोचिए आप परिवार के साथ कहीं घूमने का प्लान बनाएं। परिवार को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए आप पहले से ही ऑनलाइन ऐप्स की मदद से दो-तीन हजार रुपये में होटेल बुक करवा लेते हैं। लेकिन जप आप उस होटेल में पहुंचते हैं तो होटेल वाले कहते हैं कि ‘सर/मैडम! कमरा उपलब्ध नहीं है। हमारा फ्लां रूम्स या ढिमाका ट्रिप वालों से कॉन्ट्रैक्ट टूट गया है, हमने उन्हें ईमेल भेजा है लेकिन वे रिप्लाई नहीं करते। अगर आप कहें तो एक कमरा उपलब्ध है मगर 5 हजार का मिलेगा।’

ऐसी स्थिति में आप उस फ्लां ऐप या साइट के कस्टमर केयर को कॉल लगाते हैं मगर वे भी आपकी समस्या न सुलझा पाते। ऐसे में आपकी क्या स्थिति होगी? उधर होटेल वाला आपको या तो बाहर जाने के लिए कह रहा होगा या फिर ऑनलाइन वाले रेट से दोगुने रेट पर कमरा दे रहा होगा। पराया शहर, साथ में बच्चे और महिलाएं। आप बेबस होकर इधर-उधर भटकेंगे और हो सकता है टूरिस्ट सीजन पीक पर होने के कारण आपको कहीं और भी कमरा न मिले। या फिर मजबूरी में आपको होटेल वालों के मुंहमांगे रेट पर कमरा लेना होगा।

यह कोई काल्पनिक स्थिति नहीं है। वैसे तो पूरे देश में ऐसा हो रहा है मगर आजकल टूरिस्ट सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश के कई शहरों में पर्यटकों को ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ रहा है। होटेल वाले अपने यहां टूरिस्ट आकर्षित करने के लिए ऐप्स में रजिस्टर करवा लेते हैं। अगर कोई और न आया तो ऐप से बुक करवाने वाला टूरिस्ट तो आ ही रहा है, वरना उनके आने से पहले कोई और डायरेक्ट होटेल आ गया तो उसे महंगे दाम में कमरा दे देते हैं। फिर ऑनलाइन बुकिंग वाला टूरिस्ट आता है तो उससे कहा जाता है कि यहां कमरा उपलब्ध नहीं है। हमें ईमेल नहीं मिला। या हमने तो फ्लां ऑनलाइन बुकिंग कंपनी से नाता तोड़ लिया है।

ताजा मामला महेश सैनी नाम के शख्स का है जिन्होंने दावा किया है कि उनके साथ कुल्लू में ऐसा हुआ। उन्होंने एक ग्रुप में पोस्ट डालकर अपना दर्द बयान किया है। यह पोस्ट वायरल हो गई है और लोग इसे लगातार शेयर कर रहे हैं। बकौल महेश, छह जून की उनकी एक होटल में बुकिंग थी और उन्होंने जाने से पहले होटल और ओयो रूम्स से कन्फर्म करने का भी दावा किया है। मगर कुल्लू पहुंचकर उन्हें पैदल कर दिया गया। ओयो रूम्स से संपर्क करने पर कॉल को होल्ड पर रखा गया और समस्या नहीं सुलझाई गई। उनकी बच्चियां और पत्नी इस दौरान होटेल के बाहर इंतजार करती रहीं। हमेश के मुताबिक ओयो का कहना था कि होटेल को ईमेल भेजा था कन्फर्मेशन का मगर होेटेल वाले कह रहे थे कि हमें ऐसा मेल नहीं मिला।

महेश नाम के शख्स ने बताया है कि छह जून को उनके साथ क्या हुआ।

यह तो बानगी भर है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपना दर्द बयां किया है। टूरिस्ट उम्मीदों के साथ हिमाचल आ रहे हैं मगर वे हिमाचल की बुरी छवि अपने साथ ले जा रहे हैं। कुछ होटेल वालों की मनमानी और इन ऑनलाइन बुकिंग कंपनियों की ढीली नीतियों का खामियाजा हिमाचल प्रदेश को भी भुगतना पड़ रहा है जिसकी इमेज को धक्का पहुंच रहा है।

SHARE