नूरपुर में जयराम और नड्डा के आने तक रोके रखे शव: मीडिया रिपोर्ट

कांगड़ा।। नूरपुर बस हादसे में मारे गए बच्चों और अन्य लोगों का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया। मगर एक अखबार ने दावा किया है कि सुबह साढ़े 7 बजे तक पोस्टमॉर्टम पूरे हो जाने पर भी तीन घंटों तक शवों को परिजनों को नहीं सौंपा गया। हालांकि इस रिपोर्ट के कुछ दावों पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं।

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दैनिक भास्कर अखबार ने लिखा है कि बच्चों को श्रद्धांजलि देने के लिए मंच बनाया गया था, साथ ही पंडाल लगाकर माइक और लाउड स्पीकर की भी व्यवस्था की गई थी।

स्थानीय विधायक पर आरोप
अखबार ने लिखा है कि ‘बूंदाबांदी शुरू हो चुकी थी और परिजन चाहते थे कि बच्चों के शव तुरंत सौंप दिए जाएं मगर स्थानीय विधायक राकेश पठानिया और उनके लोगों ने यह कहकर रोका गया कि मुख्यमंत्री जयराम आएंगे और खुद राहत राशि के चेक देंगे।’

अखबार ने दावा किया है कि नूरपुर आने के लिए केंद्रीय मंत्री नड्डा पौने नौ बजे गग्गल एयरपोर्ट उतरे और वहां पर वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का इंतजार करते रहे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आठ बजे मंडी के सर्किट हाउस से निकले लेकिन वहां उन्हें लोगों और फरियादियों ने घेर लिया। उन्होंने पौन नौ बजे मंडी से उड़ान भरी।

नूरपुर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं ने करीब साढ़े दस बजे गाड़ियों में रखे गए बच्चों के शवों पर जाकर फूल आदि अर्पित करके श्रद्धांजलि देना शुरू किया। अखबार लिखता है कि परिजनों को इससे कुछ ही देर पहले शव दिए गए थे और गाड़ियों को भी रोका गया था।

अगर इस खबर में सच्चाई है तो यह प्रशासन और स्थानीय विधायक समेत उन तमाम लोगों के रवैये पर सवाल खड़ी करती है, जिन्होंने सिर्फ इसलिए शव रोके कि श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री लेट हो गए।

सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि लेट हो जाने पर लोगों के घर जाकर भी शोक प्रकट कर किया जा सकता था। भला ऐसी श्रद्धांजलि का क्या फायदा जो औपचारिकता के अलावा कुछ न हो।

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