बिलासपुर।। हिमाचल प्रदेश में लगाए गए चीड़ के जंगलों में हर साल लगने वाली भीषण आग से अगर जंगली जीव बच जाएं तो शिकारी उन्हें नहीं छोड़ रहे। अब बिलासपुर जिले के बरमाणा में एक मामला सामने आया है जहां तेंदुए को बर्बरता से मार गिराया गया है। इस तेंदुए का सिर और चारों पंजे गायब हैं। साफ है कि किसी ने दांतों और नाखूनों के लिए इसकी यह हालत की है। इससे पता चलता है कि अपराधियों ने अपने तरीके में बदलाव लाया है। खाल के बजाय अब वे पंजों और दांतों को ही निकाल रहे हैं। इससे पहले प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की खबरें आ चुकी हैं। अब तक किसी भी मामले में पुलिस और वन-विभाग को सफलता नहीं मिल पाई है। लगातार सामने आ रहे मामलों से यह आशंका उठ खड़ी हुई है कि कहीं कोई गिरोह इन घटनाओं को अंजाम तो नहीं दे रहा।
बिलासपुर के बरमाणा में ग्राम पंचायत पंजगाई के साथ लगते गांव कुन्नू में जहां यह तेंदुआ मिला है, वहां पर एसीसी की तरफ से माइनिंग का काम चल रहा है। किसी ने तेंदुए के मरे होने की सूचना गांववालों को दी। प्रधान और गांव के अन्य लोग वहां पहुंचे तो देखा कि मरे हुए तेंदुए की गर्दन और आधी कटी टांगें गायब थी। तेंदुए को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दो-तीन दिन पहले मार कर फेंका गया है। मामले की जांच की जा रही है।
इससे पहले मंडी जिले के जोगिंदर नगर और सिरमौर के नाहन भी में भी तेंदुओं को इसी हालत में पाया गया है। कुछ लोग शो ऑफ के लिए जंगली जानवरों का शिकार करते हैं तो कुछ को गलतफहमी है कि तेंदुओं के दांत और नाखून बहुत पावरफुल होते हैं। कुछ लोग इनसे दवाएं बनाने का दावा करते हैं तो कुछ साज-सज्जा में इस्तेमाल करते हैं। अपने लालच के लिए इस तरह से इन जानवरों को मारना दिखाता है कि अपराधियों के मन में कानून का कोई डर नहीं रहा है। जब तक इस तरह की घटनाओं में शामिल रहने वालों को सजा नहीं होती, तब तक इनके हौसले यूं ही बढ़े रहेंगे।