शिमला। हिमाचल सरकार अपने कुल बजट का लगभग 43 प्रतिशत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर व्यय कर रही है। छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद यह 50 प्रतिशत तक हो जाएगा। ये बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को कर्मचारियों के लिए आयोजित जेसीसी ( संयुक्त सलाहकार समिति) बैठक के बाद कही। आपको बता दें कि नए पे-स्केल लागू होने से सरकार को 6000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय करना होगा होगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले लगभग चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए में 22 प्रतिशत की वृद्धि की है और उन्हें 1320 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त उन्हें 12 प्रतिशत अंतरिम राहत की दो किस्तें भी प्रदान की गईं, जिससे कर्मचारियों को लगभग 740 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
जेसीसी में किन मांगों पर लगी मुहर
करीब 6 साल बाद आयोजित हुई जेसीसी बैठक में जयराम सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों- पेंशनर्स को कई तोहफे दिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर नया पे-स्केल लागू करवाने और अनुबंध कार्य अवधि दो साल करने की मांग पूरी कर दी है। कर्मचारियों को पहली जनवरी 2016 से नए वेतनमान का लाभ मिलेगा।
यह फरवरी 2022 के वेतन में देय होगा। हालांकि एरियर कर्मचारियों को कितनी किस्तों में दिया जाएगा यह तय नहीं हुआ है। इस पैट्रन पर अधिकारी काम कर रहे हैं। नया पे-स्केल मिलने से सबसे कम बेसिक वेतन वाले क्लर्क को तीन से साढे़ तीन हजार तक का लाभ होगा। डॉक्टर, वरिष्ठ अधिकारियों और एचएएस अधिकारियों को करीब 15 से 20 हजार रुपये तक का लाभ होगा। पेंशनरों को भी 1000 रुपये से लेकर 10 हजार तक का लाभ होगा।
30 सिंतबर से लागू होगा ये फैसला
इसके अलावा अनुबंध कार्य अवधि को तीन साल से घटाकर दो साल किया गया है। यह फैसला 30 सितंबर 2021 से लागू होगा। दरअसल पहले जेसीसी की बैठक सितंबर में होनी थी, लेकिन फिर यह पोस्टपोन कर दी गई। ऐसे में इस मांग को बैक डेट से लिया गया, क्योंकि अधिकारी पहले ही इस पर कार्य कर चुके थे।
इसके साथ-साथ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालिक कामगारों, जल रक्षकों और जलवाहकों आदि के संबंध में नियमितीकरण/अंशकालिक से दैनिक वेतनभोगी के रूप में नियुक्ति के लिए भी एक-एक वर्ष की अवधि कम की जाएगी। बता दें कि प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों के लंबित मसले सुलझाने के लिए जेसीसी की बैठक आयोजित की गई।
पेंशन को लेकर भी की गई घोषणा
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 15 मई 2003 से फैमिली पेंशन देने की भी घोषणा की है। यह केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पांच मई 2009 से देय होगी। इससे प्रदेश सरकार पर 250 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। प्रदेश की सीमित संसाधनों के बावजूद सीएम जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों को सौगात देने कोई कमी नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान के लिए 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करूणामूलक आधार पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। यह समिति आगामी मंत्रिमण्डल बैठक में अपनी प्रस्तुति देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं अनुबंध कर्मचारियों को जनजातीय भत्ता देने पर भी विचार करेगी।
एनपीएस को होगी पेंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता
जयराम ठाकुर ने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों को अब पेंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता होगी, जिससे उनके निवेश पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तक इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा चुनी गई पेंशन निधि में ही निवेश अनिवार्य था। उन्होंने कहा कि सभी एनपीएस कर्मचारियों को डीसीआरजी लाभ प्रदान किया जा रहा है और अब सरकार ने 15 मई, 2003 से 22 सितंबर, 2017 तक इस लाभ से वंचित एनपीएस कर्मचारियों को ग्रेच्युटी प्रदान करने का निर्णय लिया है।
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