अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम

नई दिल्ली।। केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है। सरकार ने हॉकी के “जादूगर” कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार का नाम रखने का फैसला किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!”

पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में यह भी कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के पहले खिलाड़ी थे, जो देश के लिए सम्मान और गर्व लाए। देश में खेल का सर्वोच्च पुरस्कार उनके नाम पर रखा जाना ही उचित है।

इसके साथ ही पीएम ने ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रयासों की भी सराहना की है। पीएम ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।”

हॉकी के “जादूगर” मेजर ध्यानचंद

हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयागराज में हुआ था। भारत में इस दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 16 साल की उम्र में ध्यानचंद ने भारतीय सेना जॉइन कर ली थी। वे ड्यूटी के बाद चांद की रोशनी में हॉकी की प्रैक्टिस करते थे, इसलिए उन्हें ध्यानचंद कहा जाने लगा। वैसे उनका नाम ध्यान सिंह था।

उनके खेल की बदौलत ही भारत ने 1928, 1932 और 1936 के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। 1928 में एम्सटर्डम ओलिंपिक में उन्होंने सबसे ज्यादा 14 गोल किए। तब एक स्थानीय अखबार ने लिखा, ‘यह हॉकी नहीं, जादू था और ध्यानचंद हॉकी के जादूगर हैं।’ जिसके बाद उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा।

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत साल 1991-92 में हुई थी। यह पुरस्कार भारतीय खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार है। जो खिलाड़ी इस पुरस्कार को अपने नाम करता है उसे प्रशस्ति पत्र, अवॉर्ड और 25 लाख रुपए की राशि दी जाती है। सबसे पहला खेल रत्न पुरस्कार पहले भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था।

अब तक 45 खिलाड़ियों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। हाल ही में क्रिकेटर रोहित शर्मा, पैरालंपियन हाई जम्पर मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा, रेसलर विनेश फोगाट को ये अवॉर्ड दिया गया है। अगर हॉकी की बात करें तो अब तक 3 खिलाड़ियों को यह पुरस्कार मिला है। इसमें धनराज पिल्ले, सरदार सिंह और रानी रामपाल शामिल हैं।

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