कांगड़ा।। 76 वर्षीय समाजसेवी देशबंधु को कौन नहीं जानता। हाल ही में सीएचसी रक्कड़ में 24 घंटे डॉक्टरों की मांग लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे। उन्होंने 80 घंटों बाद रविवार शाम सात बजे पोती के हाथों जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा।
जब देशबंधु अनशन पर बैठे थे तो उन्हें वर्तमान मुख्यमंत्री व दो पूर्व मुख्यमंत्री भी अनशन तोड़ने के लिए नहीं मना सके। रविवार को उद्योग मंत्री और स्थानीय विधायक विक्रम ठाकुर उनसे मिलने पहुंचे थे। वह एक घंटे से भी अधिक समय उन्हें मनाने में लगे रहे। लेकिन जब देशबंधु नहीं माने तो विक्रम ने पहले सीएम जयराम ठाकुर, फिर पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार से बात करवाई, पर देशबंधु नहीं माने। वह एक ही बात पर अड़े रहे कि उन्हें मुख्यमंत्री का लिखित में व्हाट्सएप पर आर्डर चाहिए।
दरअसल देशबंधु इस मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रक्कड़ में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए। रविवार देर शाम को भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा ने उन्हें फोन पर विश्वास दिलाया कि इस कैबिनेट बैठक या अगली बैठक में उनकी मांग पूरी कर दी जाएगी।
तो आइये अब आपको बताते हैं कि कौन है देशबंधु जिन्हें मनाने के लिए मंत्री, भाजपा के बड़े और स्थानीय नेताओं को आना पड़ा और हाथ जोड़ने पड़े। कांगड़ा के रक्कड़ निवासी देशबंधु शर्मा राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। इस समय व स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी हैं। पूर्व में वह हिमाचल प्रदेश स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश संयोजक भी रह चुके हैं।
इसके अलावा देशबंधु शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता भी हैं। यही कारण रहा है उनके आमरण अनशन वाले स्थल पर आरएसएस के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। देशबंधु शर्मा प्रदेश के दिग्गज नेताओं के समक्ष अपनी किसी पहचान के मोहताज नहीं है।