रामस्वरूप बोले- मुझे टारगेट करने वाले जमातियों से भी ज़्यादा घातक

मंडी।। लॉकडाउन के बीच दिल्ली से घर पहुँचे मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा है कि जो लोग उनके आने पर सवाल उठा रहे हैं, वे जमातियों से भी ज़्यादा घातक हैं। सांसद ने कहा कि उन्हें जनता ने भारी बहुमत से जिताया है इसलिए उनका फ़र्ज़ था कि वह अपने चुनावक्षेत्र में रहते। ग़ौरतलब है कि आम लोगों के लेकर कांग्रेस पार्टी तक ने लॉकडाउन के बीच सांसद की वापसी को मुद्दा बना लिया है।

एक पोर्टल से टेलिफोन पर बात करते हुए मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद ने बताया कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद लॉकडाउन के कारण वह घर नहीं लौट पाए थे और 10 अप्रैल तक दिल्ली में अपने आवास पर ही रुके थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली और मंडी के प्रशासन से इजाज़त लेने के बाद ही वह लौटे हैं और यहाँ आकर भी नियमों का पालन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “जो लोग इस पर टिप्पणी कर रहे हैं, वे वही मानसिकता वाले लोग हैं देश में खलबली करना चाहते हैं, देश की जनता में मतभेद करना चाह रहे हैं। सुख दुख की घड़ी में सांसद और विधायकों को अपने क्षेत्र में रहना चाहिए। मैं लॉकडाउन के कारण दिल्ली में रुका था मगर स्वास्थ्य जाँच करवाने के बाद अपने इलाक़े में आया हूँ. मेरे लिए जनता के बीच रहना ज़रूरी था। फिर भी मैंने औपचारिकताएँ पूरी कीं और दिल्ली व मंडी के प्रशासन से अनुमति ली।”

रामस्वरूप शर्मा

सांसद ने कहा, “मैं 10 अप्रैल रात नौ बजे जोगिंदर नगर पहुँचा और अपने प्रिंटिंग प्रेस जहां मेरा कार्यालय भी है, वहीं अपने साथ आए सहयोगियों के साथ क्वॉरन्टीन हूँ। मैंने इसकी सूचना एसडीएम और डीसी मंडी को भी दी है। स्वास्थ्य की जाँच करवाई है और नियमों का पालन किया है। जो नियम हमारी सरकार ने तय किए हैं, मैंने उनका पालन किया है।”

रामस्वरूप शर्मा ने कहा, “सांसद के लिए अपने इलाक़े में आकर जनता की सेवा में लगना ज़रूरी होता है। अगर मैं न आता तो तथाकथित नेता कहते कि इलाक़े में लोगों को दिक़्क़त आ रही है और मंडी का सांसद ग़ायब है, दिल्ली में आराम कर रहा है। बहुत से लोग, बेटे-बेटियां बाहर के प्रदेशों में फँसे हैं। कुछ लोग जो आए हैं, वो क्वॉरन्टीन किए गए हैं और अवधि पूरी करने पर छोड़ा भी गया हूँ। मैं लगातार फ़ोन पर संपर्क में हूँ और देख रहा हूँ कि कब महामारी पर ब्रेक लगे और वे घर लौटें।”

पोर्टल से बात करते हुए, अपने ऊपर आरोप लगाने वालों को निशाने पर लेते हुए मंडी के सांसद ने कहा, “ये वो लोग हैं जो डोकलाम में चीनी सेना के साथ भारत की सेना के आमने-सामने आने पर चीन के राजदूत के साथ नाश्ता कर रहे ते, सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँग रहे थे, जेएनयू में टुकड़े-टुकड़े गैंग ने देश विरोधी बातें की थीं तो बनके नेता पहुँचे थे, ये शाहीन बाग़ के आंदोलन का समर्थन कर रहे थे। तबलीगी जमात से भी ज़्यादा घातक हैं, वो तो उन्होंने जो कर्म किए हैं उनकी सीमा उन्हें मिलने वाली है। मगर जमात इनकी छत्र छाया में पल रही है, ये उसे संरक्षण दे रहे हैं।”

सांसद ने कहा, “मंडी की जनता ने भारी बहुमत से मुझे जताया है। उनके साथ रहना, मेरा फ़र्ज़ है। मैंने सारे दायित्व निभाए हैं। मैंने 50 लाख की सांसद निधि कोरोना फैलते ही मंडी लोकसभा क्षेत्र को दिए। एक करोड़ संसद फंड में दिए हैं। एक महीने की सेलरी प्रधानमंत्री फंड में दी है।”

जारी किया वीडियो संदेश
सांसद ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफ़ाई देते हुए एक वीडियो भी जारी किया है। देखें-

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