लॉकडाउन के बीच दिल्ली से घर पहुँचे सांसद रामस्वरूप शर्मा, उठे सवाल

मंडी।। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद रामस्वरूप शर्मा को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। वह कोरोना वायरस संकट को टालने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित अपने होमटाउन जोगिंदर नगर पहुँच गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कैसे उन्हें इसकी इजाज़त मिली और क्यों इन्हें बॉर्डर पर ही क्वॉरन्टीन नहीं किया गया।

दरअसल रामस्वरूप शर्मा 11 अप्रैल को दिल्ली से जोगिंदर नगर पहुँचे थे। यहाँ उनकी जाँच की गई और घर जाने की जगह जोगिंदर नगर में पार्टी कार्यालय में रुक गए। यहाँ पर उन्हें 14 दिनों तक क्वॉरन्टीन रहना है। मगर सवाल यह उठाए जा रहे हैं कि कैसे बाहर से आए एक व्यक्ति को सीधे हिमाचल के अंदरूनी इलाक़े में आने दिया गया। सांसद का कहना है कि उन्होंने इसकी परमिशन ली थी।

सांसद रामस्वरूप शर्मा हुए क्वारंटाइन
14 अप्रैल को दैनिक जागरण ने रामस्वरूप शर्मा के जोगिंदर नगर पहुँचने की ख़बर प्रकाशित की थी जिसमें सांसद दैनिक जागरण अख़बार पढ़ते दिख रहे थे। यानी घर पहुँचकर उन्होंने बाक़ायदा पत्रकार से फ़ोटो भी खिंचवाई। उनके हाथ में 13 अप्रैल का अख़बार है। (Image: Dainik Jagran)

दरअसल बाहर से आया कोई व्यक्ति अपने साथ कोरोना न लेकर आए, इसके लिए किसी को भी हिमाचल में प्रवेश की इजाज़त नहीं है। इसी कारण हज़ारों हिमाचली इस समय बाहरी राज्यों में फँसे हैं और हिमाचल सरकार ने उन्हें घर लाने में असमर्थता जताई थी। सीएम ने भी गुज़ारिश की थी कि अभी हिमाचली जहां हैं, वहीं पर रहें।

इसके बाद से किसी को भी हिमाचल में आने की इजाज़त नहीं दी गई है और जो अपने स्तर पर यहां आने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें प्रदेश की सीमा पर ही क्वॉरन्टीन सेंटरों में रखा जा रहा है ताकि वे गलती से भी संक्रमित न हुए हों और अंदरूनी इलाक़ों में कोरोना लेकर न चले जाए। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि नियमों को ताक पर रखकर सांसद को क्यों सीमा पर बाक़ी लोगों की तरह क्वॉरन्टीन नहीं किया गया।

कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं। इस पर सांसद ने कहा है कि वह दिल्ली से इजाज़त लेकर अपने संसदीय क्षेत्र आए हैं। उनका कहना है कि वह चुने हुए प्रतिनिधि हैं और इन हालात में उनका अपने इलाक़े में होना ज़रूरी है। सांसद ने कहा है कि वह जोगिंदर नगर पहुँचते ही पार्टी के कार्यालय के कमरे में क्वॉरन्टीन हो गए हैं और किसी से मुलाक़ात नहीं कर रहे।

साथ आए स्टाफ़ के तीन लोग?
सोशल मीडिया पर एक लेटर भी शेयर किया जा रहा है जिसमें दिल्ली पुलिस की ओर से एक अनुमति पत्र जारी हुआ है। इसमें सांसद की ओर से लिखे पत्र की प्रति भी संलग्न है जिसमें उन्होंने अपने चुनावक्षेत्र जाने के लिए मूवमेंट पास माँगा है। इसमें उन्होंने अपने वाहन का नंबर दिया है और साथ ही अपने स्टाफ़ के तीन लोगों का भी ज़िक्र किया है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना संकट को देखते हुए फ़ैसला किया गया है कि वाहनों में भी सोशल डिस्टैंसिंग हो और लोग क़रीब न बैठें। इसी कारण बाइक में एक और कारों में दो से ज़्यादा लोग नहीं हो सकते। उसमें भी आगे सिर्फ़ ड्राइवर और पीछे उसकी विपरीत वाली तरफ़ यात्री बैठक सकता है।

अब चूँकि, जिस गाड़ी के लिए मूवमेंट पास की अनुमति जारी हुई थी, वह होंडा WRV है जिसकी सीटिंग कैपैसिटी पांच है। अब चार लोग इस गाड़ी में कैसे सोशल डिस्टैंसिंग की पालन करके आए होंगे, यह भी सवालों के घेरे में है। ऐसे में इस लेटर के आधार पर लोग सोशल मीडिया पर सवाल पूछ रहे हैं कि पांच सीटर गाड़ी में चार लोगों को कैसे आने दिया गया? लोग ये भी पूछ रहे हैं कि सांसद के साथ आए बाकी के लोग कहां हैं।

बहरहाल, इस पूरे मामले को लेकर ये सवाल भी खड़े होने लगे हैं कि सत्ताधारी लोगों और आम लोगों के नियम अलग क्यों हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गई है।

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