कुल्लू।। हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में ज़िंदगी बसर अपने आप में एक चुनौती है। ऐसे में जब इन क्षेत्रों में कोई बीमार हो जाता है, तो यह चुनौती और बढ़ जाती है। कुल्लू जिले में 11 गांवों के लोग परेशानी हैं। परेशानी की वजह है इन गांवों का सड़क मार्ग से न जुड़ा होना।
हाल ही यहां से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बीमार महिला को लोगों ने कुर्सी पर बिठाकर पांच किलोमीटर दूर सड़क मार्ग तक पहुंचाया। तब जाकर महिला को अस्पताल ले जाया जा सका। यहां के लोगों का कहना है कि वे राजनेताओं के दावों और वादों से परेशान हो चुके हैं। इलाके के लोगों ने अब चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली है।
मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को इलाके के शाह गांव की कमला अचानक से बीमार हो गई। गांव तक सड़क न होने के कारण ग्रामीणों ने महिला को कुर्सी पर बिठाया और कंधे पर उठाकर सड़क मार्ग तक ले गए। उसके बाद महिला को अस्पताल पहुँचाया गया।
लोगों का कहना है कि अगर शमशर-शाह सड़क बन जाती है तो क्षेत्र के लोगों को 25 किलोमीटर लंबी सड़क वाया शवाड की बजाय करीब आठ किलोमीटर सड़क से आनी उपमंडल मुख्यालय पहुंचने में आसानी होगी।
बड़ी हैरानी की बात है कि हिमाचल प्रदेश की कृषि उत्पाद विपणन समिति (APMC) के चेयरमैन अमर ठाकुर भी इसी पंचायत से ताल्लुक रखते हैं। अमर ठाकुर इन गांवों की स्थानीय चौधर के मंच यानि गांव कुंगस की पंचायत के प्रधान रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी पंचायत की चेयरपर्सन बनी थी, लेकिन बावजूद इसके इन गांवों के मौलिक विकास के बारे में कोई नहीं सोचता।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने सड़क निकालने के लिए अपने लगे लगाए बगीचे उखाड़ दिए हैं। मगर हताशा के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगा। गांव वालों का यह भी कहना है उन्होंने जमीन खरीदकर भी सरकार को दी, ताकि उनके गांव सड़क मार्ग से जुड़ सकें और उनकी खेती का लाभ उन्हें मिल सके। लोगों की मानें तो 15 साल से दो बार सर्वे हो चुका है, लेकिन सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ। गांव के लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही सड़क का काम शुरू नहीं होता तो 11 गांवों के मतदाता आने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
इस बारे में लोक निर्माण विभाग के निरमंड इलाके के कार्यकारी अभियंता राजेश शर्मा का कहना है कि शमशर से शाह गांव को निकलने वाली सड़क का एफसीए केस बनाकर भेजा है और उसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही सड़क का कार्य आरंभ किया जा सकेगा।