ऊना।। ऊना जिला के बहुचर्चित नशा मुक्ति मामले में विवाद थम नहीं रहा। मामले में अभी एक और विवाद सामने आया है। एक भाजपा नेता पर आरोप लगा है कि उन्होंने इस मामले में सरकारी गवाह युवक के परिवार का नाम ही बीपीएल सूची से काट दिया। महिला ने डीसी ऊना राघव शर्मा से इसकी शिकायत की है। डीसी ने नायब तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, गगरेट के वार्ड दो की राकेश कुमारी ने डीसी को शिकायत सौंपी है। महिला ने बताया है कि उसके पति की मौत हो चुकी है और उसका एक लड़का है जो गलत संगत के कारण नशे की लत में पड़ गया था। इस वजह से उसे स्थानीय नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया था।
नशा मुक्ति केंद्र में एक की व्यक्ति की मौत हुई थी, जिसके बाद खुलासा हुआ था कि यह नशा मुक्ति केंद्र अवैध है और गलत तरीके से इसका संचालन हो रहा है। इस मामले में महिला का लड़के ने गवाही दी थी और सरकारी गवाह बन गया था।
अब महिला ने आरोप लगाया है कि उक्त नेता ने इसी मामले की वजह से उसका नाम बीपीएल सूची से कटवा दिया। महिला का कहना है कि उसकी जगह जिस महिला को बीपीएल सूची में शामिल किया गया है वह एक निजी स्कूल में अध्यापिका है। वहां से उसे अच्छी तनख्वाह मिलती है।
महिला का कहना है कि उसके पास आय का कोई भी साधन नहीं है। इसलिए उसने डीसी ऊना से मामले की जांच करने की गुहार लगाई है। महिला की शिकायत पर डीसी ऊना ने नायब तहसीलदार गगरेट को जांच के आदेश दिए हैं।
इस बारे नायब तहसीलदार गगरेट परीक्षित कुमार ने बताया कि उन्हें डीसी ऊना की ओर से मामले की जांच करने के लिए पत्र मिला है। दो-तीन दिन में मामले की जांच पूरी करके डीसी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।