मिली वो जगह जहां तराशी गई थीं बैजनाथ मन्दिर की शिलाएं और प्रतिमाएं

कांगड़ा।। बैजनाथ का शिव मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पत्थर से बने इस प्राचीन मंदिर में बेहद खूबसूरती से कई तराशी कई सुंदर प्रतिमाएं हैं। इनमें कई पौराणिक कथाओं का चित्रण भी है।

लेकिन कम ही लोगों ने सोचा कि इस मंदिर का निर्माण कैसे किया गया, कहाँ से ये पत्थर लाए गए। क्या पत्थर यहां लाकर इसी जगह निर्माण किया गया या फिर कहीं और तराशे गए पत्थरों को यहां लाकर मन्दिर बनाया गया?

अब इन सवालों के जवाब मिलते दिख रहे हैं। बैजनाथ के पास लगभग चार किलोमीटर दूर एक ऐसी जगह का पता चला है जहां उसी किस्म के पत्थर मौजूद हैं जो बैजनाथ मन्दिर में इस्तेमाल हुए हैं। यही नहीं, उनमें कुछ पत्थरों पर अब भी वैसी ही प्रतिमाएं तराशी गई हैं जैसी बैजनाथ मन्दिर में हैं।

इससे माना जा सकता है कि यहीं मूर्तियों को तराशकर बैजनाथ के मंदिर वाली जगह ढोया गया होगा। कुछ पत्थरों पर अधूरी मूर्तियां और लकीरें भी हैं जो इस बात की तस्दीक करती दिखती हैं। साथ ही यहां एक स्तम्भनुमा ढांचा भी है जो बैजनाथ मन्दिर के पत्थर के स्तम्भ से मेल खाता है।

पपरोला के पास कंडी गांव में इस जगह के बारे में पत्रकार मुनीष दीक्षित ने एक वीडियो तैयार किया है। उन्होंने वहां जाकर खुद देखा कि क्या इस जगह का बैजनाथ मंदिर से कोई सम्बन्ध हो सकता है या नहीं।

वीडियो देखें और जानें, कैसे सामने आई यह जगह।

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