चंबा।। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भालू के हमले की चपेट में आए एक शख़्स के लिए उसके बैल जीवनरक्षक बनकर सामने आए। मामला जुम्हारधार का है, जहां भेड़पालक नूर जमाल पर एक भालू ने अचानक हमला कर दिया।
यह भालू नूल जमाल को घसीटकर घर से बाहर ला रहा था। अचानक बाहर बंधे दो बैलों ने खूंटा तोड़ा और वो भालू से भिड़ गए और उन्होंने सीटों से उठाकर भालू को जोर से पटक दिया। अचानक हुए इस हमले से घबराकर भालू वहां से नौ दो ग्यारह हो गया।
इस हमले में नूर जमाल को चेहरे और पीठ पर चोटें आई हैं और चंबा मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चल रहा है। अगर बैल खूंटा तोड़कर भालू को न भगाते तो मामला गंभीर भी हो सकता था। इस इलाक़े में भालुओं के जानलेवा हमले आम हैं।
नूल जमाल के पोते हासम ने कहा, “मैं और मेरे 75 सााल के दादा नूर जमाल शुक्रवार रात को कोठे (कच्चे मकान) में सो रहे थे। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे भालू आया और उसने दादा पर हमला कर दिया। वह उन्हें घसीटकर बाहर ले जा रहा था। फिर बाहर बंधे बैलों ने खूंटा तोड़ा और पहले भालू सो सींगों से उठाकर पटका और फिर करीब 50 मीटर तक भगाया।”
हासम कहते हैं कि अगर भालू को बैलों ने नहीं भगाया होता तो दादा की जान को खतरा हो सकता था। अगले दिन अन्य परिजन वहां पहुंचे और घायल नूर जमाल को चंबा मेडिकल कॉलेज ले गए। पल्यूर पंचायत के उप-प्रधान मोहम्मद हुसैन ने कहा कि बैलों ने वफादारी निभाते हुए मालिक की जान बचाई है। उन्होंने मांग की है कि घायल को वन विभाग की ओर से उचित मुआवजा मिलना चाहिए।