1.5 करोड़ का पैकेज पाने वाले निशांत का सपना है “माँ का हो अपना स्कूल”

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एमबीएम न्यूज़, शिमला।। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) हमीरपुर के छात्र निशांत हाडा ने संस्थान के प्लेसमेंट पैकेज के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 21 वर्षीय निशांत ने अमेरिका की फाइनांस कंपनी ब्लूमबर्ग में सालाना 1.51 करोड़ का पैकेज पाया है। दावा किया जा रहा है कि यह उत्तर भारत के एनआईटी का अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है। इससे पहले संस्थान के एक छात्र को 1.20 करोड़ रुपए का सालाना पैकेज मिला था।

निशांत के लिए यह पैकेज लेना आसान नहीं था। पांच ऑनलाइन इंटरव्यू के बाद निशांत इंटर्नशिप हासिल कर पाया। एक इंटरव्यू में भी असफल होने का सीधा मतलब रिजेक्शन था। 16 जून 1999 को जन्में निशांत के लिए यह मुकाम पाना आसान प्रतीत होता है, उतना आसान नहीं था। रोजाना 12 घंटे की पढ़ाई के अलावा अपने स्तर पर ऑनलाइन पढ़ाई कर निशांत ने अपने बचपन के सपने को साकार किया।

निशांत हाडा मूलतः राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं। इस समय एनआईटी हमीरपुर में एम टेक की पढ़ाई कर रहे हैं। निशांत अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। निशांत के पिता एक देवेंद्र सिंह हरियाणा के गुरुग्राम में एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं, जबकि माता सरिता सिंह निजी स्कूल में वाईस प्रिंसीपल हैं।

एमबीएम न्यूज नेटवर्क से निशांत से फोन पर लंबी बातचीत की। जानें, निशांत ने क्या कुछ कहा।

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प्र.: पैकेज शुरू होने के बाद कैसे शुरुआती खर्चा करने का प्लान है?

उ. : पापा ने घर के लिए लोन लिया हुआ है, वो चुकाना है। मम्मी एक निजी स्कूल में वाईस प्रिंसीपल है। चाहता हूं कि मम्मी अपना ही एक स्कूल खोले।

प्र : आईआईटी से बीटेक करने का क्या सोचा था?
उ. : जी बिल्कुल, कौन आईआईटी में दाखिला नहीं लेना चाहता। दो साल तक कोचिंग भी ली, लेकिन जेईई एडवांस में काफी नीचे रैंक आया था। मेन्स में 14 हजारवां रैंक प्राप्त हुआ था। 2017 में कंप्यूटर साइंस के लिए हमीरपुर बेहतरीन था।

प्र. : यूएसए की कंपनी ही क्यों?
उ. : मुझे भारतीय होने पर गर्व है। महसूस करता हूं कि वर्ग कल्चर में अंतर है। कोविड के दौरान मां बीमार थी। कंपनी ने यूएसए से ही बेहतरीन गुणवत्ता का ऑक्सीजन कंसंट्रेटर  भेज दिया था। यूएसए में कंपनियां अपने कर्मचारियों को सिर माथे रखती हैं।

प्र. : इंटर्नशिप के लिए ब्लूमबर्ग से कैसे संपर्क हुआ?
उ. : दरअसल, ऑनलाइन ही आवेदन किया था।  इसके बाद कंपनी ने इंटरव्यू का मौका दिया। टीम महाराष्ट्र के पुणे में थी। एक के बाद एक साक्षात्कार क्लीयर करने की चुनौती थी। इसके बाद कंपनी ने इंटर्नशिप का मौका दिया।

प्र. : न्यूयार्क ही क्यों?
उ. : कंपनी ने पहला ऑफर पुणे के अलावा लंदन का दिया था। मगर वो न्यूयार्क ही चाहते थे। आखिर में कंपनी ने सहमति दे दी।

प्र. : हम उम्र युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे?
उ. : अपनी काबिलियत खुद पहचानो। इसके बाद तय करो कि क्या करना है।

(यह खबर एमबीएम न्यूज नेटवर्क के साथ सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)