अपनी ही पार्टी के किन नेताओं से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं नरेंद्र बरागटा?

शिमला।। पहले मंत्री पद न मिलने से नाखुश रहे जुब्बल-कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा अब मुख्य सचेतक बनाए जा चुके हैं मगर उनके असंतोष और पार्टी से नाराजगी की एक नई वजह सामने आ गई है। भाजपा विधायक नरेंद्र बरागटा ने सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उनके निवास स्थान ओकओवर में करीब दो घण्टों तक मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने प्रेस रिलीज जारी की जिसमें कुछ बातों पर जोर देकर एक संदेश देने की कोशिश की गई।

प्रेस रिलीज में राजनीतिक असुरक्षा की भावना साफ झलकती है। इसमें दो घण्टों तक मुलाकात होने का जिक्र है और लिखा गया है, ‘इस मुलाकात में बरागटा ने उनके हलके में कुछ नेताओं के हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई है।’ इसमें लिखा है कि ये नेता उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

दरअसल शिमला सिटी से विधायक और मंत्री सुरेश भारद्वाज और बरागटा के बीच लम्बे समय से खींचतान चल रही है। इन हिमाचल को सूत्रों ने बताया है कि बरागटा की नाराजगी भारद्वाज समर्थकों से है। नीलम सरैक को भाजपा महिला मोर्चा की प्रवक्ता बनाना भी बरागटा समर्थकों को अखरा है।

वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि पिछले दिनों शिमला में नरेंद्र बरागटा के बेटे और बीजेपी आईटी सेल के प्रदेश प्रमुख चेतन बरागटा का कंगना प्रकरण में अतिरिक्त सक्रिय होना सुरेश भारद्वाज के करीबियों और राजनीतिक हितैषियों को अखरा था।

ऐसे में दिख रहा है कि यह विवाद इतना बढ़ गया है कि बरागटा को मुलाकात से इतर एक प्रेस रिलीज जारी करनी पड़ी। बरागटा ने तो यहां तक कहा है कि अगर शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह संगठन की दृष्टि से घातक हो सकता है। बरागटा ने कहा कि वह जल्द भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, संगठन मंत्री पवन राणा और प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व से उनके विधानसभा क्षेत्र के कुछ नेताओं की ओर से अनावश्यक हस्तक्षेप करने के मामले में मुलाकात करेंगे।

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