सुब्रमण्यन स्वामी ने ज्वालाजी मंदिर में गैर-हिंदुओं की नियुक्ति पर उठाया सवाल

कांगड़ा।। हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालाजी में ‘गैर-हिंदुओं की नियुक्ति’ को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने हिमाचल सरकार पर निशाना साधा है। इस संबंध में उन्होंने लगातार तीन ट्वीट किए हैं। सबसे पहले स्वामी ने डीसी कांगड़ा के उस आदेश की कॉपी ट्वीट की है, जिसके तहत श्री ज्वालामुखी मंदिर के दो कर्मचारियों का तबादला डीसी ऑफिस में किया गया था। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि हिमाचल सरकार मंदिरों पर नियंत्रण कर रही है। इस पूरे मामले में डीसी कांगड़ा ने भी अपना पक्ष रखा है।

क्या है मामला
दरअसल पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर यह खबर फैली की ज्वालामुखी मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों को लंगर का काम देखने के लिए नियुक्त किया गया है। फिर कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने कहा कि ‘डीसी कांगड़ा ने ऐसा करके हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘हिंदू मंदिर ज्वालामुखी में 32 वर्षों से कार्यरत कर्मियों को स्थायी नियुक्ति से दरकिनार कर विशेष समुदाय के दो कर्मियों को स्थायी निुयक्ति दी जा रही है जिसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए।’

भारी विरोध के बाद डीसी कांगड़ा की ओर से एक आदेश जारी हुआ जिसमें लिखा गया कि ‘हिमाचल प्रदेश के धार्मिक संस्थान एवं धर्माथ निधि कानून 1984 के तहत मिली शक्तियों के तहत, जनहित में जशान दीन और शकीन मोहम्मद को ज्वालामुखी मंदिर से कमिश्नर (टेंपल) और डीसी कांगड़ा के ऑफिस ट्रांसफर किया जाता है।’

अब, बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने रविवार को इसी ऑर्डर की कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा, ‘क्या इसके बारे में कुछ पता है।’ फिर अगले ट्वीट में इसी ऑर्डर की कॉपी के साथ ट्वीट किया, “TDD पर निराधार आरोप लगा रही सनकी ब्रिगेड का इसे समझा सकता है?” इस ट्वीट में उन्होंने उन लोगों पर निशाना साधा है जो तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में गैर हिंदू कर्मचारियों की भर्ती पर सवाल उठा रहे थे।

कांगड़ा के डीसी का जवाब
अब इस मामले में कांगड़ा के डीसी के ट्विटर हैंडल से सुब्रमण्यन स्वामी को जवाब दिया गया है। इसमें डीसी राकेश प्रजापति की ओर से लिखा गया है, “दोनों की नियुक्ति 2017 में पिछली सरकार के दौरान हुई थी। लोगों ने मंदिर के पास उनकी मौजूदगी को लेकर आपत्ति जताई थी, जबकि वे काफी दूर मंदिर के रेस्टहाउस में नियुक्त किए गए थे। तो मैंने उन्हें कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मंदिर से 50 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय में ट्रांसफर कर दिया है।”

हिमाचल सरकार पर सवाल
बीजेपी के सांसद ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया है। उन्होंने इसमें लिखा है- “हिमाचल प्रदेश सरकार ने शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में गैर-हिंदू नियुक्त किए हैं। हिमाचल सरकार ने ज्यादातर मंदिरों पर नियंत्रण कर लिया है। राजनेता और बाबू हिंदू मंदिरों को अपने निजी जागीर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन सीधा मुख्यमंत्री के तहत आता है।”

अभी तक राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

 

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