शिमला।। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाते ही आक्रामक तेवरों के साथ नई भूमिका की शुरुआत की है। रविवार को पत्रकार वार्ता में जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार को दिशाहीन नेताओं का समूह करार देते हुए कहा कि पिछले दो हफ्तों में हिमाचल में अव्यवस्था की स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सरकार ने इतना निराश किया कि दस दिन के अंदर ही जनता सड़कों पर उतर आई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने 10 दिन के अंदर अपनी गारंटियां पूरी करने की बात की थी लेकिन सब चीजें बंद करते-करते उसने शायद उसने मंत्रिमंडल के गठन की व्यवस्था को भी बंद करने का फैसला कर लिया है।
सुबह चौड़ा मैदान स्थित विलीज़ पार्क में बीजेपी के विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद जयराम ठाकुर ने पार्टी के सभी विधायकों का आभार प्रकट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भी धन्यवाद किया। इसके बाद वह पत्रकारों को संबोधित करते हुए वह कांग्रेस सरकार पर हमलावर रहे।
जयराम ठाकुर ने कहा, “हमने जनादेश का सम्मान किया है और उसे स्वीकर किया है। अबकी बार जनादेश 0.9% वोटों के अंदर से कांग्रेस को मिला है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि हिमाचल की जनता ने लगभग बराबरी का जनादेश दोनों दलों को दिया है लेकिन लोकतंत्र में ज्यादा सीटें वाला सत्ता में जाता है और कम वाला विपक्ष में। ऐसे में अब बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए आपके समक्ष है।”
हिमाचल में चल रही है कांग्रेस की ‘बंद एक्सप्रेस’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि हिमाचल प्रदेश की नई सरकार चुनाव के समय किए अपने वादों को पूरा करेगी। कहा था कि 10 दिन के अंदर ओपीएस लागू कर देंगे, 1500 रुपये महिलाओं के खाते में आना शुरू हो जाएंगे और हिमाचल में 1 लाख बेरोजगार नौजवानों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। ये चुनावों से पहले और बाद भी लगातार कहा गया। लेकिन विचित्र परिस्थिति है कि हिमाचल में सरकार बने 14 दिन हो गए लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा। कांग्रेस सरकार ने 11 तारीख से लेकर अब तक ‘बंद-बंद-बंद’ और ‘डीनोटिफाई- डीनोटिफाई-डीनोटिफाई’ का राग छेड़ा हुआ है। सरकार बनते ही उद्योग बंद, पटवार सर्कल बंद, स्वास्थ्य संस्थान बंद।”
ठाकुर ने कहा, “सरकार को रिव्यू करने का अधिकार है लेकिन 1 अप्रैल के बाद हिमाचल में खुले संस्थानों को डीनोटिफाई करना गैरकानूनी है। वह भी ऐसे संस्थानों को, जिनमें से कई महीनों से काम कर रहे हैं। एक तरह से हिमाचल में कांग्रेस की ‘बंद एक्सप्रेस’ शुरू हो गई है।”
‘जो अभी विधायक नहीं बने, वे बदल रहे कैबिनेट के फैसले’
बीजेपी विधायक दल के नेता ने कहा, “हमने अपनी सरकार के पहले दिन एक बात कही थी कि बदले की भावना से काम नहीं करेंगे। और जो कहा था, उसका हमने पांच साल अक्षरश: पालन किया। हमने कहा था कि पिछली सरकार के फैसलों को रिव्यू करेंगे लेकिन इस तरह से संस्थानों को बंद नहीं किया था। आज इन्होंने ऐसे एसडीएम दफ्तर बंद कर दिए, जहां पर इलेक्शन की प्रक्रिया तक संपन्न हुई।”
उन्होंने कहा कि एसडीएम को जूडिशल पावर होने के कारण हाई कोर्ट की एक कमेटी भी ऑफिस खोलने की सिफारिश करती है। ऐसे में एसडीएम ऑफिस को डीनोटिफाई करने का क्या मतलब है कि कांग्रेस अब कोर्ट से भी ऊपर हो गई। PWD के जिन दफ्तरों में कई महीनों से काम चल रहा था, अधिकारी बैठ रहे थे, उन्हें भी बंद कर दिया गया।
पूर्व सीएम ने कहा, “अभी तक इनका मंत्रिमंडल भी नहीं बना। कैबिनेट के फैसले कैबिनेट ही निरस्त कर सकती है। लेकिन इनकी कैबिनेट अभी बैठी ही नहीं। बता रहे हैं कि इन्होंने अपने विधायकों की कमेटियां बनाई हैं और उन कमेटियों की सिफारिश पर ये फैसले हो रहे हैं। जिन्होंने अभी तक विधायक की शपथ नहीं ली, वे लोग कैबिनेट के फैसले को बदल रहे हैं। ये तो संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पूरे देश में हिमाचल का तमाशा बन गया है कि क्या हो रहा है। कांग्रेस के लोग भी हैरान-परेशान हैं।”
जयराम ठाकुर ने इस विषय पर कानूनी पहलुओं पर विमर्श करने की बात कही। उन्होंने कहा, “हिमाचल में पहली बार इतने कम समय में सरकार के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरी है। ऐसा कांग्रेस कार्यकाल में ही संभव हुआ है। हमने राज्यपाल जी से भी बात की है। उनसे कहा कि आप पड़ताल कीजिए कि क्या सरकार इस तरह से कैबिनेट के फैसले पलट सकती है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि हम रिव्यू करेंगे, रद्द नहीं करेंगे और संस्थानों को दोबारा खोलेंगे। लेकिन सवाल यह है कि दोबारा खोलना है तो रद्द करने का क्या मतलब है?
‘पुलिस का मजाक बना रहे सरकार में बैठे लोग’
जयराम ठाकुर ने हाल ही में लीक हुए JOA IT के पेपर को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वे हमारा तो बहुत मार्गदर्शन करते थे मगर अब पेपर लीक हो गया तो उसमें भी अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हैं जो देश के इकलौते मीडिया सलाहकार हैं जो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। और उसमें भी उन्होंने पुलिस की जांच को प्रभावित करने वाली बातें कर दीं। अभी मामले की जांच चल रही है लेकिन सारी डीटेल मीडिया में दे दी। यह आपका कार्य नहीं है। पुलिस के जांच अधिकारी और डीजीपी को यह काम करने देते। आपका तरीका जांच को प्रभावित करता है। लेकिन यह अजीब व्यवस्था है कि मीडिया अडवाइजर समेत तीन लोगों को कैबिनेट रैंक दे दिया गया है जबकि अभी कैबिनेट का गठन नहीं हुआ है।”
‘विधानसभा सत्र में घेरेंगे दिशाहीन सरकार को’
जयराम ठाकुर ने कहा कि 14 दिन में सरकार की नाकामियों की इतनी बड़ी सूची हो गई है कहने के लिए समय कम पड़े। उन्होंने कहा, “इस सरकार में कोई तारतम्य नहीं है। मुख्यमंत्री एक दिशा में चल रहे हैं, उपमुख्यमंत्री दूसरी दिशा में और बाकी लोग अलग दिशा में। कुल मिलाकर सभी दिशाहीन हैं। जो फिजूलखर्ची रोकने की बातें करते थे, वे उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मुझे मुख्यमंत्री के बराबर प्रोटोकॉल दो, मेरे वाहनों के काफिले में निजी एस्कॉर्ट से लेकर लोक पुलिस स्टेशन से लेकर डिस्ट्रिक्ट पुलिस के वाहन भी चलने चाहिए। अब देखना है कि आगे वे फिजूलखर्ची रोकने के लिए क्या करेंगे।”
पूर्व सीएम ने कहा कि मौजूदा सरकार को लेकर अखबारों में लिखा जा रहा है कि इसकी शुरुआत अच्छे मुहूर्त में नहीं हुई और अस्थिरता बनी रहेगी। मैं कहना चाहता हूं कि ये अस्थिरता हमारी वजह से नहीं, उनकी अपनी वजह से होगी। 14 दिन के कार्यकाल में ही सरकार हर मोर्चे पर असफल हो गई है। अधिकारियों तक को पता नहीं चल रहा कि क्या करना है। हम विधानसभा के अंदर और बाहर, दोनों जगह इस सरकार के गलत फैसलों और कदमों का विरोध करते रहेंगे।