किन्नौर: पास लेने को लेकर बहस से लगा था जाम, ऊपर से गिरा पहाड़

एमबीएम न्यूज़, किन्नौर।। निगुलसरी में हुए हादसे में प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ मानवीय चूक भी एक कारण है। अगर ये  मानवीय चूक नहीं होती तो कई जानें बच सकती थी। कुदरत ने पहले ही आने वाले खतरे के संकेत दिए थे। अगर कोई उन संकेतों को समझ लेता तो मृतकों के आंकड़ा कम हो सकता था।

दरअसल, जिस स्थान पर ये भूस्खलन हुआ, वहाँ पहले से ही सड़क पर छोटे-छोटे पत्थर गिरे हुए थे। सड़क पर बिखरे यह पत्थर आने वाले बड़े खतरे का संकेत दे रहे थे। लेकिन कोई इन संकेतों को समझ नहीं पाया।

घटनास्थल का जायजा लेने के दौरान जब जानकारियां जुटाने का प्रयास किया गया तो कई बारीक जानकारियां सामने आई। इन जानकारियों से इस बात का खुलासा हुआ कि वहां दो वाहन चालकों के बीच पासिंग को लेकर बहसबाजी हो रही थी। अगर, चालकों के बीच बहसबाजी नहीं होती तो हादसे में मृतकों की संख्या इतनी नहीं होती।

हालांकि सड़क पर पहले से ही छोटे-छोटे पत्थर बिखरे पड़े थे। ये पत्थर आने वाले खतरे का भी संकेत दे रहे थे। लेकिन पासिंग को लेकर चल रही बहस के दौरान कई अन्य वाहनों को भी ब्रेक लगानी पड़ी। इसी बीच अचानक पहाड़ी से चट्टानें गिरीं और पलक झपकते ही कई वाहन चट्टानों की चपेट में आ गए।

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उधर, ऐसा भी माना जा रहा है कि चट्टानों की चपेट में आई एचआरटीसी बस को तलाशने में भी गलतफहमी हुई। पहले तो सर्च ऑपरेशन शुरू होने में ही कई घंटे लग गए। सर्च ऑपरेशन की शुरुआत से ही यही माना गया कि बस सड़क पर ही मलबे के नीचे हो सकती है। लेकिन जब देर शाम तक पूरे हाईवे से मलबा हटाने में कामयाबी मिली तो बस का कोई सुराग नहीं लगा। उसके बाद बस को खाई में ढूंढा गया। वीरवार सुबह बस का पता चल पाया। जिस हालत में शव बरामद किए गए, वो तस्वीरें विचलित करने वाली हैं।

(यह खबर एमबीएम न्यूज नेटवर्क के साथ सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

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