कंडक्टर भर्ती: कई जगह खींचे गए थे फोटो, 2 अरेस्ट, जांच जारी

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शिमला।। हिमाचल परिवहन निगम की कंडक्टर भर्ती परीक्षा विवादों में आ गई है। रविवार को आयोजित परीक्षा में प्रदेश के चार परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। दो अभ्यर्थी गिरफ्तार भी हुए हैं।विपक्ष ने जहां परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

सबसे पहले इन हिमाचल ने यह मामला उठाया था। 12 बजे तक होने वाले एग्जाम के प्रश्नपत्र की तस्वीरें वायरल होने की खबर इन हिमाचल ने एग्जाम खत्म होने से पहले ही प्रकाशित कर दी थी। बाद में बाकी मीडिया ने भी इस विषय को उठाया।

अब स्पष्ट हुआ है कि शिमला और शाहपुर सेंटरों से दो अभ्यर्थियों ने अपने मोबाइल से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर बाहर भेज दिए। हालांकि, बताया जा रहा है कि शाहपुर में बाहर आया प्रश्न पत्र ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ। इन हिमाचल के पास भी इसकी प्रति सवा 11 बजे तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंच चुकी थी।

अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, शिमला के एपी गोयल विवि सेंटर से आरोपी फरार भी हो गया, जिसे रात 8 बजे रोहड़ू से गिरफ्तार कर लाया गया है। आरोप है कि उसने अपने भाई को पर्चा व्हाट्सएप किया था। वहीं शाहपुर के निजी कॉलेज सेंटर से पर्चा वायरल करने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

‘लीक नहीं हुआ प्रश्नपत्र’
परीक्षा ले रहे हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर ने कहा कि मामलों की जांच की जाएगी। एक से अधिक लोगों को प्रश्नपत्र सोशल मीडिया से भेजा है तो आयोग पुलिस और परीक्षा ले रहे स्टाफ की रिपोर्ट पर कोई फैसला लेगा। फिलहाल भर्ती परीक्षा रद्द नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ‘परीक्षा सुबह 10:00 से 12:00 के बीच हुई है और जो भी गड़बड़ियां सामने आई हैं, वे 10:23 के बाद की हैं। इससे प्रश्न पत्र लीक होने का सवाल नहीं उठता।’

आयोग ने अनुबंध आधार पर कंडक्टरों के 568 पद भरने को 31 दिसंबर, 2019 से 30 जनवरी, 2020 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। सामान्य वर्ग के लिए 223 पद, एससी के लिए 110, एसटी के लिए 19 और ओबीसी के लिए 85 पदों के अलावा स्वतंत्रता सेनानी और बीपीएल के लिए अलग से पद आरक्षित हैं। चयनित अभ्यर्थी को मासिक 5910-20200 रुपये वेतन और 2400 रुपये ग्रेड-पे मिलेगा। परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 304 केंद्र बनाए गए। इसके लिए 60 हजार अभ्यर्थियों को कॉल लेटर भेजे गए।  करीब 7000 अभ्यर्थियों के आवेदन रद्द भी हो चुके हैं।

मामला नम्बर 1
आरोप है कि शिमला के एपी गोयल विवि सेंटर में एक अभ्यर्थी मोबाइल सहित परीक्षा केंद्र पहुंचा। परीक्षा शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद उसने मोबाइल से प्रश्नपत्र का फोटो खींचा और बाहर बैठे अपने भाई के मोबाइल पर भेज दिया। पुलिस के मुताबिक परीक्षा की सीरीज बी का पेज नंबर 19 और अन्य पेज के फोटो बाहर भेजे। केंद्र अधीक्षक का कहना है कि उन्होंने अभ्यर्थी का फोन जब्त कर आयोग को सूचना दी।

कहा जा रहा है कि जितनी देर में आरोपी को पकड़ा जाता, वह भाग निकला। हालांकि बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया। चयन आयोग ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी पर तीन साल के लिए किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मामला नम्बर 2
अन्य मामले में सोलन के निजी स्कूल गुरुकुल में बनाए परीक्षा केंद्र में भी एक अभ्यर्थी मोबाइल फोन के साथ पकड़ा गया था। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने उसका फोन जब्त कर उसे परीक्षा के लिए अयोग्य करार दे दिया। उसके फोन की जांच की तो उसमें प्रश्न पत्र की फोटो पाई गई। परीक्षा समाप्त होने के बाद उसे परीक्षा केंद्र से बाहर किया गया। हालांकि, कहा जा रहा है कि उसने प्रश्न पत्र को किसी से शेयर नहीं किया था।

मामला नम्बर 3
उधर मंडी जिले के सुंदरनगर में परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड में फोटो और हस्ताक्षर संबंधित अभ्यर्थी का ही था, लेकिन नाम किसी और का था। अभ्यर्थी ने केंद्र अधीक्षक को बताया कि एडमिट कार्ड पर उसके भाई का नाम है, जो जोगिंद्रनगर में परीक्षा दे रहा है। आयोग सचिव ने बताया कि अभ्यर्थी ने परीक्षा देने से इनकार कर दिया। परीक्षा न देने के बारे में अभ्यर्थी से लिखित में लिया जाएगा। हालांकि अभ्यर्थी को परीक्षा देने से पहले एडमिट कार्ड जांचना चाहिए था। अभ्यर्थी ने जिस साइबर कैफे में ऑनलाइन आवेदन किया था, वहां भी गलती की आशंका हो सकती है। इन संबंध में एसडीएम सुंदरनगर से भी रिपोर्ट मांगी गई है।

मामला नम्बर 4
एक शख्स ने शाहपुर के निजी कॉलेज सेंटर से पर्चा वायरल कर दिया। इसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

सीएम ने दिए हैं जांच के आदेश
इस मामले में सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं विपक्ष इस मामले में हमलावर हो गया है। पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि कंडक्टर भर्ती ही नहीं, बल्कि इसका प्रश्नपत्र भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा, “सरकार परीक्षा रद्द करवाकर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की जांच करवाए। इस परीक्षा में एक भी प्रश्न संबंधित क्षेत्र से नहीं है। जो प्रश्न पूछे गए हैं, वे उच्च स्तर के हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनके कार्यकाल में टीएमपीए की भर्ती हुई थी तो विपक्ष में बैठी भाजपा ने कई सवाल उठाए थे। वहीं अब जब खुद भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा का आयोजन कर रहा है, तो प्रश्नपत्रों को परीक्षा केंद्र से मोबाइल के जरिये बाहर भेजकर लीक किया जा रहा है।”

बाली ने कहा कि ‘हमारे कार्यकाल की हर भर्ती पर विपक्ष में रहते भाजपा ने लांछन लगाए थे, लेकिन कोर्ट ने भर्तियों को क्लीन चिट दी थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भाजपा सरकार में पटवारी भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़झाला सवालों में आया। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने वाले लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।’