HPPWD धर्मपुर में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, बड़े अधिकारियों की चुप्पी

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सरकाघाट, रितेश चौहान, फ़ॉर इन हिमाचल।। हिमाचल प्रदेश में लोक निर्माण विभाग पर कई तरह की लापरवाहियों के आरोप लगते रहे हैं मगर अब जो मामला सामने आ रहा है, वह बताता है कि कैसे सारे नियम-कायदों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। चिंता की बात इसलिए भी है कि यह विभाग किसी और के पास नहीं, बल्कि खुद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास है।

आरोप लग रहा है कि धर्मपुर में सड़कें पहले बन जा रही हैं और विभाग उनका टेंडर बाद में निकालकर खानापूर्ति कर रहा है। यानी सिफारिश के आधार पर बिना टेंडर निकाले कुछ चहेते ठेकेदारों को बिना नियमों का पालन किए सड़क बनाने के लिए कह दिया जाता है और फिर जब काम पूरा हो जाता है, तब औपचारिकता के लिए टेंडर निकाले जाते हैं।

इस खेल का पता चल रहा है विभाग की ओर से किए गए एक काम से। दअसल, विभाग ने सरस्काण पंचायत के हवाणी गांव में सड़क बनाने के लिए विभाग ने छह अक्तूबर को टेंडर मंगवाए। आपको हैरानी होगी कि जिस सड़क के लिए ये टेंडर मंगवाए गए, वह पहले ही निकाली जा चुकी है।

इस मामले को सामने लाने वाले ठेकेदार संजय ठाकुर का कहना है कि जब इस संबंध में टेंडर निकलने पर उसने क्लर्क से टेंडर फॉर्मा मांगा तो उसने कहा कि ‘साहब ने यह काम किसी और को दे दिया है।’ संजय का कहना है कि वह टेंडर भरने के लिए योग्य था, फिर भी क्लर्क का कहना था कि उसकी मजबूरी समझो और यह काम मंडल अध्यक्ष ने करवा दिया है।

इस बातचीत का एक ऑडियो भी है, जिसकी प्रामाणिकता की इन हिमाचल स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं करता है। शिकायत करने वाले संजय का कहना है कि उनके साथ ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ है।

‘धर्मपुर में यह खेल वर्षों से चल रहा है’
यही नहीं, आरोप है कि धर्मपुर लोक निर्माण विभाग में दर्जनों टेंडर पहले सरकारी अखबार गिरिराज में छापे जाते हैं बाद में इन टेंडरों को विभागीय कारण बताकर कैंसिल कर दिया जाता है और फिर कार्यालय में नोटिस बोर्ड पर नोटिस लगाकर अगली डेट दी जाती है। आरोप है कि यह सारा ड्रामा सिर्फ़ पार्टी कार्यकर्ताओं को ही टेंडर देने के लिए किया जाता है। यानी जिन्हें टेंडर देने के आदेश होते है उन्हें ही देने होते हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि मामला प्रदेश के दिग्गज जल शक्ति मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर का है और उन्हीं के निर्देशों से ठेकेदारों को टेंडरों की रेवड़ियाँ बाँटी जा रही हैंl

ठेकेदार संजय ठाकुर का आरोप है कि विभागीय मिलीभगत के कारण करोड़ों का हेरफेर हो रहा है और मंत्री के चहेते ठेकेदारों को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस खेल को ऐसे समझा जा सकता है कि 6 अक्तूबर को तीस कार्यों के टेंडर जारी करते हुए 7 को फार्म की लास्ट डेट और 8 को टेंडर खोलने की जानकारी रखी गई थी। मगर इस टेंडर को विभागीय कारणों का हवाला देते हुए कैंसल कर दिया गया।  मगर आज सोमवार को टेंडर डेट लगाकर टेंडर के फ़ार्म अपने चहेते ठेकेदारों को सेल कर दिए गए और कई बार मांगने पर भी टेंडर फार्म नहीं दिए गए।”

अधिकारियों की चुप्पी
जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग हमीरपुर के चीफ इंजीनियर पीसी बंधन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस सारे मामले की जांच करेंगे। जब उनसे यह कहा गया कि शाम 4:00 बजे टेंडर फ़ार्म सेल करने का समय है और उसके बाद टेंडर फार्म नहीं मिलेंगे, आप शीघ्र कार्रवाई करें तो उन्होंने कहा कि मैं खुद इस बारे में जांच करता हूं। हालांकि, कई फोन किए जाने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाए।

वहीं, एक्सईएन जयपाल नायक को भी कई बार फ़ोन किए गए तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। अलग नंबर से फोन पर उन्हें कहा कि वह हमीरपुर में मीटिंग में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि टेंडर असिस्टेंट जारी कर रहा है। मगर टेंडर असिस्टेंट विपन कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा की उन्हें ऊपर से निर्देश मिला है, जिसे टेंडर देना है उसी को टेंडर दिए जाएंगे और वह इस बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं।

आरोप कई हैं
धर्मपुर लोक निर्माण विभाग में पिछले साल भी कांग्रेस का समर्थन करने वाले ठेकेदारों को टेंडर फॉर्म न दिए जाने का मामला उठा था। यहां तक कि इस संबंध में पुलिस के पास क्रॉस केस भी दर्ज है। ठेकेदारों ने इस संबंध में प्रदर्शन किया था और रैली भी निकाली थी। आरोप उश वक्त भी यही था कि कांग्रेस समर्थित ठेकेदारों को विभाग के अधिशासी अभियंता और अन्य कर्मचारी टेंडर फार्म तक नहीं देते हैं l

प्रदेश कांग्रेस सचिव और धर्मपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे चंद्रशेखर ने कहा कि छोटे छोटे कामों के ठेकों के लिए मंत्री और मंत्री पुत्र के आदेश से सरकारी कार्यालय चल रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो ठेकेदार मंत्री समर्थक नहीं हैं, उन्हें टेंडर फार्म तक नहीं दिए जा रहे हैं। लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग में मंत्री परिवार के सदस्य रिश्तेदार और कार्यकर्ता पार्टी पदाधिकारी मलाई चाट रहे हैं।” चंद्रशेखर ने कहा, “आलम यह है कि जो काम हो चुके हैं, उनके अभी टेंडर लगाए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग धर्मपुर कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।”

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