एसएमसी अध्यापकों ने बंद की ऑनलाइन कक्षाएं, दी आत्मदाह की धमकी

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शिमला।। सएमसी शिक्षक संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि ‘प्रदेश सरकार एसएमसी शिक्षक संघ को लेकर तीन दिन के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करे कि एसएमसी शिक्षक संघ को 8 महीने का वेतन कब जारी किया जा रहा है।’ एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि सरकार बताए कि एसएमसी शिक्षक संघ के बारे में क्या नीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि तीन दिन में सरकार उन्हें लेकर तस्वीर साफ नहीं करती है तो वह आत्मदाह जैसा कदम उठा सकते हैं, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि इसे लेकर संघ सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकता है।

पिछले दिनों हाईकोर्ट ने 2613 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। हाालंकि, शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इन्हें निकाला नहीं जाएगा। अब एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने कहा है कि हिमाचल में 160 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर बच्चों की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी एसएमसी शिक्षक पर है। उन्हें 8 माह से वेतन नहीं मिला है। उन्हें ऑनलाइन क्लासिज का वेतन जारी किया जाए। मनोज ने कहा कि जब तक सरकार एसएमसी शिक्षक को 8 माह का वेतन जारी नहीं करती है तब तक सभी शिक्षक ऑनलाइन क्लासेज नहीं लगाएंगे।

मनोज ने कहा कि वेतन न मिलने से एसएमसी शिक्षकों को परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। सरकार जल्द से जल्द एसएमसी शिक्षक संघ को आठ माह का वेतन जारी करे। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2012 में सरकार ने जब एसएमसी के लिए पॉलिसी बनाई थी लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने एसएमसी शिक्षक को सेवा विस्तार नहीं दिया है।

रोंगटा ने कहा, “एसएमसी शिक्षक ने सबसे पहले कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवा कर अपनी सेवाएं दी हैं। इसकी पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी सराहना की थी। यदि सरकार एसएमसी शिक्षक का आज तक का रिकॉर्ड खंगाले तो उसमें सबसे ज्यादा छात्र टॉपटैन में मिलेंगे। इसके अलावा एसएमसी शिक्षक सरकार के हर क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।”

उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि एसएमसी शिक्षक के साथ कुछ भी होता है चाहे आत्मदाह या कुछ और तो इसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार की होगी। रोंगटा ने कहा, “2613 एसएमसी शिक्षक ट्राइबल क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जब कोई भी रैगुलर शिक्षक ट्राइबल क्षेत्र में जाने से कतरा रहे थे तो एसएमसी शिक्षकों ने वहां पर अपनी सेवाएं दी हैं। ट्राइबल क्षेत्र के 130 स्कूलों में 2613 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 250 से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां पर 4 से 5 एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इसमें पांगी में 100, किन्नौर में 140, भरमौर में 126 तथा स्पीति में 164 के करीब शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये सभी शिक्षक किराए के मकान में रहते हैं तथा वेतन न मिलने से इनको मकान का किराया व घर का खर्चा चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।”