अंकित कुमार, शिमला।। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की दो जगहों पर हिमाचल की जमीन निकली है। कराची के ल्यालपुर और गुजरांवाला के गोजरा के कई जमीन के टुकड़े हिमाचल के नाम हैं। पाकिस्तान की इन जमीनों पर हिमाचल प्रदेश सरकार का मालिकाना हक निकला है। इन जमीनों की रजिस्ट्रियां भी हिमाचल सरकार के नाम हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (एचपी एसआईडीसी) के नाम इन ज़मीनों रजिस्ट्रियां दर्ज हैं। ऐसे में एचपीएसआईडीसी ने भी पाकिस्तान में निकली हिमाचल की जमीन की जांच शुरू कर दी है।
इन हिमाचल से बातचीत में एचपी एसआईडीसी के एमडी राकेश प्रजापति ने बताया कि पाकिस्तान में दो जगहों पर हिमाचल की जमीन निकली है। पाकिस्तान की यह जमीनें नाहन के राजा ने नाहन फाउंड्री के लिए खरीदी थी, जिसको बाद में भारत सरकार को बेच दिया था। उन्होंने कहा कि विधि विभाग से पाकिस्तान में मिली हिमाचल की जमीनों का पूरा रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। जिसके आधार पर यह मामला राज्य व केंद्र सरकार के ध्यान में लाया जाएगा और आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बता दें कि पाकिस्तान की यह जमीनें नाहन के राजा ने नाहन फाउंड्री के लिए खरीदी थी। 27 मार्च, 1952 को नाहन के राजा ने नाहन फाउंड्री की सभी संपत्तियां 30 लाख रुपये में भारत सरकार को बेच दी थी। नाहन फाउंड्री के कंपनी एक्ट में आने के कारण यह संपत्तियां बेची गयी थीं। हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद राष्ट्रपति के सचिव ने 27 सितंबर, 1962 को विशेष अधिसूचना जारी की। इसमें नाहन फाउंड्री की सभी संपत्तियों को सेल डीड सहित हिमाचल सरकार के नाम कर दिया गया। इसी प्रक्रिया में वर्ष 2012 में हिमाचल सरकार ने नाहन फाउंड्री कंपनी को एचपी एसआईडीसी में मर्ज कर दिया।
इसके बाद हिमाचल सरकार ने एचपी एसआईडीसी को नाहन फाउंड्री की विवादित संपत्तियों के निपटारे के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब एचपी एसआईडीसी प्रदेश के बाहर की अपनी संपत्तियों को खोज रही है।
इस आधार पर यह भी सामने आया है कि हरियाणा के बहादुरगढ़, पंजाब के लुधियाना और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर के शाहपुर में एचपीएसआईडीसी की संपत्तियों का विवाद चल रहा है। उत्तराखंड के रइसी में भी एचपी एसआईडीसी का 1100 वर्ग मीटर का भूखंड है। लेकिन एचपी एसआईडीसी के अधिकारी उस समय दंग रह गए, जब लिटिगेशन के दौरान पाकिस्तान के जमीन के सौदों की सूची सामने आई।
जानकारी के अनुसार एचपी एसआईडीसी के अधिकारी लुधियाना की संपत्ति का केस कोर्ट में लड़ने के लिए रिकॉर्ड लेकर वहां पहुंचे थे। इसी दौरान रिकॉर्ड की छानबीन करते हुए ल्यालपुर और गोजरा के जमीन की रजिस्ट्रियां उनके हाथ लगी। जिसे देख अधिकारियों को इस बात का पता चला कि हिमाचल का मालिकाना हक पाकिस्तान में भी है।