हिमाचल में ईको टूरिज्म साइट ढूंढने को वन विभाग ने 70 लाख पर रखी कन्सलटेंट कंपनी

सेल्फी लेती टूरिस्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शिमला।। हिमाचल में ईकाे टूरिज्म साइट ढूंढ़ने के लिए वन विभाग ने 70 लाख रुपए में एक कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त कर लिया है। एक खबर के मुताबिक, विभाग ने इस कंसल्टेंट को इकाे टूरिज्म साइटाें की तलाश करने के लिए पांच महीने का समय दिया है। इसे प्रदेश के सभी ऐसे क्षेत्राें का पता लगाना है जिन्हें वन विभाग इकाे टूरिज्म के लिए विकसित कर सके। साइटाें का चयन हाे जाने के बाद वन विभाग इसका मास्टर प्लान तैयार करेगा। भास्कर की खबर के अनुसार, इस कम्पनी का नाम अर्नेस्ट एंड यंग है।

बताया गया है कि डेवलपमेंट याेजना तैयार हाे जाने के बाद विभाग इसकी फाॅरेस्ट क्लियरेंस का केस बना कर इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार काे भेजागा। इन में से कुछ साइटाें काे वन विभाग अपने स्तर पर डेवलप करेगा। कुछ साइटाें काे पर्यटन विभाग के साथ मिल कर डेवलप किया जाएगा और कुछ साइटाें काे ‘नई मंजिल नई राहाें’ के तहत विकसित किया जाएगा।

सरकार खुद ढूंढ चुकी थी 150 जगहें
विभाग की याेजना कई साइटाें की ऑक्शन कर इसे निजी लाेगाें काे देने की भी है ताकि लाेग आगे आ कर खुद का राेजगार भी प्राप्त कर सकते हैं। विभाग पहले भी इकाे टूरिज्म काे प्रमाेट करने के लिए 150 साइटें चयनित कर चुका हैं। अब विभाग उन 150 साइटाें की सूची भी कंसल्टेंट काे साैंप कर वहा पर ईकाें टूरिज्म की संभावनाओं काे पता लगाएगा।

विभाग की याेजना इकाे टूरिज्म साइटाें पर पर्यटकाें काे नेचर के करीब लाना है। यहां पर ट्रेकिंग रूट के अलावा कई साहसिक गतिविधियों काे शुरू करवाया जाएगा जिससे पर्यटकाें का मनोरंजन हाे सके। दैनिक भास्कर के मुताबिक, वन विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल सविता ने बताया कि इकाे टूरिज्म साइटाें का चयन करने के लिए कंसल्टेंट का चयन कर लिया गया है। इस काम के लिए उसे पांच महीने का समय दिया गया है। साइटाें का चयन हाेने के बाद उसे 70 लाख रुपए की पेमेंट की जाएगी।

इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि इस काम के लिए कम्पनी का चुनाव कैसे किया गया, प्रक्रिया क्या रही।

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