हिट लाने के लिए पोर्टल ने फैला दी मंडी में कोरोना की अफवाह

मंडी।। कोरोना संकट के इस दौर में सोशल मीडिया पर उभर आए पेजों और फर्जी न्यूज पोर्टलों ने भी लोगों के बीच भ्रम फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे ही एक पेज ने सोशल मीडिया पर खबर फैला दी कि जोगिंदर नगर में कोरोना संक्रमण का मामला पाया गया है। इस पोर्टल ने खबर के शीर्षक में भी यही लिखा और फेसबुक पर शेयर करते समय भी। अंदर एक जगह बताया कि यह सब मॉक ड्रिल का हिस्सा था।

इस मामले में अपडेट पढ़ें-

डीपीआरओ मंडी ने जारी की थी कोरोना पर भ्रामक हेडिंग वाली खबर

अब इस पोर्टल की आधिकारिक ईमेल आईडी के माध्यम से हमें एक संदेश प्राप्त हुआ है। इस संदेश में कहा गया है कि यह हेडिंग पब्लिसिटी के लिए नहीं लगाया गया था बल्कि इलाके से उनके ट्रेनी रिपोर्टर की गलती से लगा है।

क्या है मामला
दरअसल शनिवार को मंडी जिले के जोगिंदर नगर में प्रशासन ने कोरोना के दौरान किसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इसी की खबर को इस पोर्टल ने गलत ढंग से पेश किया। लोगों ने इसकी खबर को शेयर करना शुरू कर दिया।

लोग इस खबर को सच समझकर शेयर करने लगे

क्लिक करने पर कई जगह पूरी खबर नहीं खुल पा रही थी क्योंकि सिक्यॉरिटी वॉर्निंग आ रही थी। सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैली। इस कारण जोगिंदर नगर में पैनिक की स्थिति पैदा हो गई।

 

देखते ही देखते सोशल मीडिया पर शेयर होने लगी खबर

माना जा रहा है कि इस पोर्टल ने खबर का ऐसा शीर्षक जानबूझकर लगाया था। संभवत: यह कदम पैनिक फैलाकर लोगों से क्लिक लेने के लिए उठाया गया था। हालांकि, पोर्टल ने कहा है ऐसा नहीं है और ट्रेनी रिपोर्टर की गलती के कारण ऐसा हुआ है।

हालांकि, अब मामला उठने पर पोर्टल ने अंदर की खबर बदल दी है। पहले अंदर भी इस तरह से दिया था शीर्षक

खबर में पहले पैरा में भ्रामक जानकारी दी गई थी। दूसरे पैराग्राफ में बताया गया कि बात मॉकड्रिल की हो रही है।

दूसरे पैरा में लिखा गया कि यह असल घटना नहीं बल्कि मॉकड्रिल को लेकर गढ़ी गई कहानी है।

फेसबुक पर शेयर करते समय भी मर्यादा का ख्याल नहीं रखा गया और लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की गई।

फेसबुक पर शेयर की गई खबर के साथ भी भ्रामक जानकारी लिखी गई

गौरतलब है कि अक्सर अखबार इस तरह की हेडिंग लगाते हैं ताकि लोग आकर्षित हों। वे स्कूलों में एनएसएस के छात्रों की मॉकड्रिल और भूकंप या आग आदि से बचने के लिए की जाने वाली ड्रिल के शीर्षक भी ऐसे लगाते हैं। मगर चूंकि अखबारों की खबरों को सोशल मीडिया की तरह शेयर नहीं किया जाता और विस्तृत खबर हेडिंग के ठीक नीचे होती है, इसलिए उसमें भ्रम की स्थिति जल्द दूर हो जाती है।

मगर सोशल मीडिया पर अधिकतर लोग हेडिंग देखकर ही अधारणना बनाते हैं, वे खबरों के लिंक पर टैप करें और अंदर पढ़ें, यह जरूरी नहीं है। ऐसे में बहुत सारे पोर्टल ऐसे शीर्षक लगाते हैं कि जिनका अंदर के कॉन्टेंट से कोई लेना देना नहीं होता। यह एक तरह से फेक न्यूज फैलाना ही है।

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन इस खबर को लेकर जानकारी जुटा रहा है और इसके बाद कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।

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