हमीरपुर।। एक समय था जब प्रदेश के युवाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के प्रति बहुत क्रेज़ था। लेकिन समय के साथ-साथ इंजीनियरिंग के प्रति युवाओं का रुझान अब घटता जा रहा है। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों की संख्या लगातार घटी जा रही है। ऐसे में इस साल प्रदेश के दो निजी कॉलेजों के प्रबंधकों ने अपने कॉलेज बंद करने के लिए तकनीकी विवि में आवेदन कर दिया है। इससे पहले भी प्रदेश के तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो चुके हैं।
अभी आवेदन करने वाले कॉलेजों में मंडी जिले का सिरडा कॉलेज है और बिलासपुर जिले के चांदपुर का शिवा कॉलेज शामिल हैं। इससे पहले हमीरपुर के दो निजी कॉलेज बणी का एमआईटी और टिपर का इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो चुके हैं। शिमला का बेल्स कॉलेज भी बंद होने वाले कॉलेजों में शामिल है। ये सभी कॉलेज हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर से संबद्धता प्राप्त थे।
एक समय ऐसा था, जब देशभर के युवाओं में इंजीनियरिंग के प्रति बहुत उत्साह था। बाहरी राज्यों से भी बच्चे इन कॉलेजों में पढ़ने आते थे। लेकिन अब बार-बार काउंसलिंग के बावजूद भी कॉलेजों में पूरी सीटें नहीं भर पा रहीं हैं। कॉलेज प्रबंधन को शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों को वेतन देने में भी दिक्कतें आ रही हैं। कई तो बैंकों से ऋण लेकर शिक्षण संस्थान चला रहे हैं।
शिक्षण संस्थानों को पेश आ रही इन सब समस्याओं के चलते प्रदेश के दो कॉलेजों ने प्रदेश सरकार और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से एनओसी लेने के बाद अब प्रदेश तकनीकी विवि में कॉलेज बंद करने के लिए आवेदन किया है, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
डीन अकादमिक एवं पीआरओ तकनीकी विवि डॉ. कुलभूषण चंदेल ने बताया कि मंडी के सिरडा और बिलासपुर के शिवा कॉलेज ने संस्थान बंद करने के लिए विवि में आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कुछ कॉलेज बंद हुए हैं।