निजी स्कूलों की फीस पर शिक्षा विभाग की चुप्पी का राज क्या है?

गोविंद ठाकुर

शिमला।। कोरोना काल में अभिभावक मांग कर रहे हैं कि अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल के प्राइवेट स्कूल भी पूरी फीस की जगह सिर्फ ट्यूशन फीस लें। ऐसा इसलिए, क्योंकि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है और बच्चे स्कूल के अन्य संसाधनों को इस्तेमाल नहीं कर रहे और न ही किसी तरह की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। मगर हिमाचल का शिक्षा विभाग अब तक इस बाबत कोई फैसला नहीं ले पाया है।

हैरानी की बात यह है कि कोरोना संकट को शुरू हुए 9 महीने हो गए मगर हिमाचल सरकार अब तक कोई फैसला नहीं कर पाई। आरोप लग रहे हैं कि शिक्षा मंत्री उसी तरह निजी स्कूल लॉबी के प्रेशर में आ गए हैं, जैसे परिवहन मंत्री रहते हुए उन्होंने निजी बस ऑपरेटर्स के दबाव में आकर किराया बढ़ाया था।

दरअसल, पिछले दिनों हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने फैसला लिया था कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर जारी विवाद को पहले पीटीए की बैठक में सुलझाया जाएगा। और अगर इन बैठकों में अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन की आम सहमति नहीं बनती है तो मामले को उपायुक्तों के पास भेजा जाएगा।

लेकिन कैबिनेट के इस फैसले को लेकर अभी तक उपायुक्तों को लिखित आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसके चलते इन मामलों को लेकर अभी तक कोई भी कार्यवाही शुरू नहीं हो पा रही है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की ओर से भी सिर्फ ट्यूशन फीस वसूली को लेकर मौखिक बयान दिया गया था। मगर इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।

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