मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला।। बौद्ध धर्मगुरु दलाइलामा के हिमाचल में होने वाले कार्यक्रमों से पहले सुरक्षा जांच करने वाला स्निफर डॉग डूका अब ड्यूटी पर नजर नहीं आएगा। डूका नाम का स्निफर लैब्राडोर डॉग 12 साल की सेवाओं के बाद रिटायर हो रहा है।
सूंघने की जबरदस्त क्षमता के लिए मशहूर डूका विस्फोटकों को ट्रेस करने के लिए मशहूर है। अपनी 12 साल की सेवाओं के बाद डूका को रिटायर करने का फैसला लिया गया है। पुलिस विभाग 7 फरवरी को मैक्लोडगंज पुलिस लाइन में शिव मंदिर के समीप इसकी नीलामी करेगा।
दलाइलामा की सुरक्षा में तैनात डीएसपी नितिन चौहान ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि डूका की सबसे बड़ी खूबी विस्फोटकों से पुलिस को आगाह करना है। वह दलाइलामा के कार्यक्रमों से पहले आयोजन स्थल पर रैकी करता था, उसके बाद कार्यक्रम सेफ समझे जाते थे।
साल 2010 में डूका को आर्मी ट्रेनिंग सेंटर से एक लाख 23 हजार रुपये देकर लाया गया था। उस समय यह सात माह का था। उसकी कुछ ट्रेनिंग यहां हुई। उसके बाद वह लगातार एक सोल्जर की तरह अपनी सेवाएं दे रहा था।
क्या खाता है डूका
डूका को सुबह दूध के साथ अंडा चाहिए। इसके अलावा 200 ग्राम रोटी उसकी सुबह की डाइट में शामिल है। डूका के केयर टेकर राजीव पटियाल ने बताया कि शाम के समय उसे 400 ग्राम मटन के साथ 300 ग्राम सब्जी व रोटी दी जाती है। डूका की फीमेल 6 साल की है। उसका नाम ओलिव है।
क्यों महंगा है डूका
पचानवे प्रतिशत लैब्राडोर शांत स्वभाव के होते हैं। अमूमन लैब्राडोर डॉग की कीमत दस से 25 हजार तक होती है लेकिन डूका जैसे स्निफर को उनकी ट्रेनिंग के कारण ज्यादा कीमती माना जाता है। लैब्राडोर की औसत उम्र 15 साल होती है लेकिन 12 साल के बाद ज्यादातर फिट नहीं रहते।