हमीरपुर।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की खराब आर्थिक हालत के लिए वे जिम्मेदार हैं जिन्होंने राज्य में सबसे ज्यादा समय तक शासन किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में आर्थिक दीवालियापन की हालत होती जा रही है और इसके लिए वो लोग जिम्मेदार हैं जो ज्यादा समय तक सत्ता में रहे।”
प्रदेश की माली हालत पर चिंता जताते हुए सीएम ने कहा कि सीएम ने कहा, “सवा तीन साल पूर्व जब हमने प्रदेश की बागडोर संभाली तो प्रदेश पर 48 हजार करोड़ का कर्ज था। ऋण लेना किसी भी सरकार की विवशता है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश की इस आर्थिक हालत के लिए वह राजनीतिक दल जिम्मेदार है, जो लंबे समय तक सत्ता में रहा।
भले ही सीएम का इशारा कांग्रेस की ओर रहा हो लेकिन ऐसा नहीं है कि बीजेपी को बहुत कम समय के लिए सत्ता मिली है। अगर शांता कुमार के नेतृत्व में जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल को भी शामिल कर दिया जाए तो अब तक लगभग 20 साल तक बीजेपी का शासन रहा है जो कम अरसा नहीं होता।
हिमाचल में सरकारें बदलने का चलन रहा है और पिछले कुछ दशकों से कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें बारी-बारी से बनती रही हैं। बेशक शुरुआती कुछ सालों में कांग्रेस लगातार सत्ता में बनी रही मगर पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से हिमाचल में सरकारें बदलती रही हैं।
1971 के बाद से राज्य में पांच बार कांग्रेस के मुख्यमंत्री बने और पांच बार बीजेपी के (मुख्यमंत्री शांता कुमार के नेतृत्व में जनता पार्टी सरकार का कार्यकाल शामिल)। इस दौरान दो मौके ऐसे रहे हैं जब कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं। रही बात सबसे अधिक समय तक शासन चलाने की, डॉक्टर यशवंत सिंह परमार और वीरभद्र सिंह कांग्रेस की ओर से सबसे ज्यादा समय तक सीएम बने जबकि बीजेपी की ओर से प्रेम कुमार धूमल सबसे अधिक समय तक सीएम रहे।
देखें, क्या कहता है हिमाचल का अब तक का इतिहास-
कार्यकाल | काउंसिल/असेंबली | दल | मुखिया/मुख्यमंत्री |
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1952-1957 | सी-श्रेणी के राज्य हिमाचल प्रदेश की विधानसभा | कांग्रेस | यशवंत सिंह परमार |
1957-1962 | टेरिटोरियल काउंसिल | कांग्रेस | ठाकुर करम सिंह |
1962–1967 | पहली विधानसभा | कांग्रेस | वाई.एस. परमार |
1967–1972 | दूसरी विधानसभा | कांग्रेस | वाई.एस. परमार |
1972–1977 | तीसरी विधानसभा | कांग्रेस | वाई.एस. परमार |
1977–1982 | चौथी विधानसभा | जनता पार्टी | शांता कुमार |
1982–1985 | पांचवीं विधानसभा | कांग्रेस | पहले राम लाल ठाकुर, फिर वीरभद्र सिंह |
1985–1990 | छठी विधानसभा | भारतीय जनता पार्टी | वीरभद्र सिंह |
1990–1992 | सातवीं विधानसभा | भारतीय जनता पार्टी | शांता कुमार |
1993–1998 | आठवीं विधानसभा | कांग्रेस | वीरभद्र सिंह |
1998–2003 | नौवीं विधानसभा | भारतीय जनता पार्टी | प्रेम कुमार धूमल |
2003–2007 | दसवीं विधानसभा | कांग्रेस | वीरभद्र सिंह |
2007-2012 | ग्यारहवीं विधानसभा | भारतीय जनता पार्टी | प्रेम कुमार धूमल |
2012–2017 | बारहवीं विधानसभा | कांग्रेस | वीरभद्र सिंह |
2017-अभी तक | तेरहवीं विधानसभा | भारतीय जनता पार्टी | जयराम ठाकुर |
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